100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

न्याय प्रणाली में DNA प्रोफाइलिंग

Lokesh Pal August 12, 2024 02:58 61 0

संदर्भ

यद्यपि विज्ञान की प्रगति के साथ DNA साक्ष्य की सटीकता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिससे यह अधिक-से-अधिक विश्वसनीय होता जा रहा है, फिर भी वैज्ञानिक अभी तक उस बिंदु पर नहीं पहुँचे हैं, जहाँ इसे अचूक कहा जा सके।

  • इस प्रकार, यह नहीं कहा जा सकता कि DNA साक्ष्य की अनुपस्थिति किसी पक्ष के विरुद्ध प्रतिकूल निष्कर्ष निकालेगी।

DNA के बारे में 

  • DNA, डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड है और यह जीवित जीवों की कोशिकाओं के नाभिक में मौजूद आनुवंशिक पदार्थ है।
  • उपस्थिति: एक औसत मानव शरीर लगभग 100 ट्रिलियन कोशिकाओं से बना होता है। DNA कोशिका के नाभिक में डबल हेलिक्स के रूप में मौजूद होता है, जो अंतःस्थापित प्रोटीन के साथ मिलकर गुणसूत्र बनाता है। 
  • आनुवंशिक संरचना: शरीर के आंतरिक संगठन, शारीरिक विशेषताओं और शारीरिक कार्यों के बारे में सभी जानकारी DNA अणुओं में चार न्यूक्लियोटाइड या बेस की वर्णमाला की भाषा (अनुक्रम) में एन्कोड की जाती है: एडेनिन (A), गुआनिन (G), थाइमिन (T), और साइटोसिन (C)।
  • गुणसूत्र: प्रत्येक केंद्रकयुक्त कोशिका में 23 जोड़ी गुणसूत्र मौजूद होते हैं और एक व्यक्ति को माता से 23 गुणसूत्र और पिता से 23 गुणसूत्र क्रमशः अंडाणु और शुक्राणु के माध्यम से विरासत में मिलते हैं।
    • गुणसूत्र धागे जैसी संरचनाएँ होती हैं, जो प्रोटीन और डीएनए के एकल अणु से बनी होती हैं, जो जीनोमिक जानकारी को एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक ले जाने का काम करती हैं।
  • जैविक सामग्री का स्रोत: चूँकि शरीर की प्रत्येक कोशिका में एक ही DNA अनुक्रम मौजूद होता है (परिपक्व लाल रक्त कोशिकाओं को छोड़कर), इसलिए DNA को किसी भी जैविक पदार्थ से प्राप्त किया जा सकता है।
    • इसमें लार, सीमेन, वजाइनल फ्लुड, रक्त, शरीर के ऊतक, दाँत, बाल और हड्डियाँ शामिल हैं।
    • शारीरिक संपर्क के दौरान वस्तुओं पर DNA के अवशेष छूट सकते हैं, जिसे सामान्यतः टच DNA या ट्रेस DNA कहा जाता है।
    • जैविक पदार्थ में डीएनए की मात्रा भिन्न-भिन्न होती है।
      • दाँतों और बालों की जड़ों (जिनमें डीएनए की कमी होती है) की तुलना में रक्त और लार डीएनए के अधिक समृद्ध स्रोत हैं।
      • टच डीएनए में डीएनए की मात्रा बहुत कम होती है और यह डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए आदर्श स्रोत नहीं है।
    • डीएनए नमूने के संग्रहण, पैकेजिंग, भंडारण और परिवहन की विधि जैविक सामग्री के स्रोत और जिन स्थितियों में वह पाया जाता है, उसके आधार पर भिन्न होती है।

अपराध विज्ञान में डीएनए की विश्वसनीयता

डीएनए विश्लेषण संभावना पर आधारित है और इस अर्थ में इसे निर्णायक सुबूत नहीं माना जा सकता। सभी मनुष्यों में डीएनए 99.9% समान होता है। फोरेंसिक डीएनए प्रोफाइलिंग में, किसी व्यक्ति का डीएनए प्रोफाइल बनाने के लिए शेष 0.1% डीएनए में से कुछ स्थानों को चुना जाता है।

  • जीन अवस्थिति: ये वे विशिष्ट स्थान हैं, जहाँ DNA होता है। इन जीन अवस्थिति में DNA के दोहराए जाने वाले अनुक्रम होते हैं, जिन्हें शॉर्ट टेंडम रिपीट या एस. टी. आर. कहा जाता है। जबकि प्रत्येक व्यक्ति की जीन अवस्थिति पर एक ही अनुक्रम या एस. टी. आर. होता है, लेकिन इसके दोहराए जाने की संख्या अलग-अलग व्यक्तियों में भिन्न-भिन्न हो सकती है।
  • एलील्स (Alleles): पुनरावृत्ति की संख्या में भिन्नता को एलील्स कहा जाता है।
    • किसी दिए गए स्थान पर, एक व्यक्ति के पास दो एलील्स होते हैं, एक पिता से विरासत में मिलता है और दूसरा माँ से। वाई गुणसूत्र पर मौजूद एस. टी. आर. का उपयोग यौन उत्पीड़न के मामलों में या पैतृक वंश का निर्धारण करने के लिए किया जाता है।
  • सुनिश्चित करने की आवश्यकता: कम-से-कम सही नमूनों की जाँच सुनिश्चित करने का एक तरीका यह है कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाए, जैसा कि तमिलनाडु में न्यायमूर्ति पी. एन. प्रकाश के निर्देश के कारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिना किसी अन्य पुष्टिकारी साक्ष्य के केवल डीएनए विश्लेषण के आधार पर दोषसिद्धि नहीं की जा सकती।
  • पट्टू राजन बनाम तमिलनाडु राज्य, 2019 में, न्यायाधीशों ने डीएनए रिपोर्ट से जुड़े मूल्य पर विचार किया: ‘अन्य सभी राय सुबूतों की तरह, डीएनए साक्ष्य को दिया जाने वाला सत्यापन मूल्य भी मामले-दर-मामले अलग-अलग होता है, जो तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है और रिकॉर्ड पर अन्य सुबूतों को दिए गए महत्त्व पर निर्भर करता है, चाहे वे विपरीत हों या पुष्टि करने वाले।

डीएनए प्रोफाइलिंग के बारे में

डीएनए प्रोफाइलिंग वह प्रक्रिया है, जिसमें एक विशिष्ट डीएनए पैटर्न, जिसे प्रोफाइल कहा जाता है, किसी व्यक्ति या शारीरिक ऊतक के नमूने से प्राप्त किया जाता है। 

  • संक्षेप में: डीएनए प्रोफाइलिंग, जिसे डीएनए फिंगरप्रिंटिंग के नाम से भी जाना जाता है, एक वैज्ञानिक तकनीक है, जिसका उपयोग व्यक्तियों की विशिष्ट आनुवंशिक संरचना के आधार पर उनकी पहचान करने के लिए किया जाता है।
  • पृष्ठभूमि: डीएनए प्रोफाइलिंग की उत्पत्ति का पता 1980 के दशक के मध्य में लगा था, जब ब्रिटिश आनुवंशिकीविद् एलेक जेफरीस (Alec Jeffreys) ने पाया कि डीएनए के कुछ क्षेत्रों में ऐसे पैटर्न होते हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए अद्वितीय होते हैं।
    • उनकी सफलता के फलस्वरूप वर्ष 1986 में पहली बार एक आपराधिक मामले में डीएनए प्रोफाइलिंग का प्रयोग किया गया, जिससे फोरेंसिक विज्ञान में एक नए युग की शुरुआत हुई।
  • फोकस: इसमें मानव जीनोम के विशिष्ट क्षेत्रों का विश्लेषण करना शामिल है, जहाँ व्यक्तियों के बीच भिन्नता मौजूद होने की संभावना है।
    • इससे अद्वितीय स्तर का विभेदन संभव हो जाता है तथा दो व्यक्तियों के बीच अंतर करने में सक्षम हो जाता है, सिवाय उन जुड़वा बच्चों के, जिनकी आनुवंशिक संरचना समान होती है।

डीएनए प्रोफाइलिंग तकनीक

पहचान और विश्लेषण के लिए डीएनए की शक्ति को उजागर करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न तकनीकों का विकास किया गया है:

  • रिस्ट्रिक्शन फ्रेगमेंट लेंथ पालीमोर्फिजम (RFLP): RFLP डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए विकसित की गई पहली विधि थी। इस प्रक्रिया में डीएनए को निकालना, प्रतिबंध एंजाइमों का उपयोग करके इसे टुकड़ों में काटना और फिर इलेक्ट्रोफोरेसिस नामक प्रक्रिया का उपयोग करके इन टुकड़ों को आकार के अनुसार अलग करना शामिल है।
  • पोलीमरेज चेन रिएक्शन (PCR): PCR एक ऐसी तकनीक है, जिसका उपयोग डीएनए के विशिष्ट क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए किया जाता है, जिससे इसका विश्लेषण करना आसान हो जाता है। यह उन मामलों में अपरिहार्य साबित हुआ है, जहाँ डीएनए की केवल थोड़ी मात्रा उपलब्ध है।
  • शार्ट टेंडम रिपीट्स (STR) विश्लेषण: STR विश्लेषण डीएनए के उन विशिष्ट क्षेत्रों पर केंद्रित होता है जिनमें छोटे अनुक्रम का दोहराव होता है। इन दोहरावों की संख्या व्यक्तियों के बीच भिन्न होती है, जिससे यह प्रोफाइलिंग के लिए एक उपयोगी उपकरण बन जाता है।
  • सिंगल न्यूक्लियोटाइड पालीमोर्फिजम (SNP) विश्लेषण: SNPs डीएनए अनुक्रम में एकल आधार जोड़ी में भिन्नताएँ हैं। मानव जीनोम में फैले लाखों SNPs के साथ, उनका विश्लेषण एक विस्तृत डीएनए प्रोफाइल प्रदान कर सकता है।

डीएनए प्रोफाइलिंग के अनुप्रयोग

डीएनए प्रोफाइलिंग के विभिन्न अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं:

  • आपराधिक जाँच और फोरेंसिक: फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में डीएनए प्रोफाइलिंग एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका उपयोग संदिग्धों को अपराध स्थलों से जोड़ने के लिए किया जाता है।
  • पितृत्व परीक्षण और वंशावली: डीएनए प्रोफाइलिंग पितृत्व विवादों में जैविक संबंध स्थापित करने और वंशावली अनुसंधान में पूर्वजों की वंशावली की खोज के लिए एक विश्वसनीय विधि प्रदान करती है।
  • व्यक्तिगत चिकित्सा और आनुवंशिकी: चिकित्सा में डीएनए प्रोफाइलिंग का उपयोग बढ़ रहा है। इससे किसी रोगी की कुछ बीमारियों के प्रति प्रवृत्ति को समझने और उसकी आनुवंशिक संरचना के अनुसार उपचार प्रदान करने में मदद मिलती है, जिससे अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा प्राप्त होती है।
  • वन्यजीवन और संरक्षण आनुवंशिकी: वन्यजीवन और संरक्षण में, डीएनए प्रोफाइलिंग से पशुओं के प्रवासन पर नजर रखने, आनुवंशिक विविधता की निगरानी करने और लुप्तप्राय: प्रजातियों के प्रजनन का प्रबंधन करने में मदद मिलती है।

नैतिक, कानूनी और सामाजिक निहितार्थ

मानव डीएनए प्रोफाइलिंग एक शक्तिशाली उपकरण है, जिसका विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोग है। जैसे-जैसे यह विकसित होता जा रहा है, यह उन सफलताओं का वादा करता है जो मानव आनुवंशिकी की हमारी समझ को बदल सकती हैं और व्यक्तिगत चिकित्सा को फिर से परिभाषित कर सकती हैं। AI और मशीन लर्निंग तकनीकों का एकीकरण इस क्षेत्र में क्रांति ला सकता है, जिससे प्रोफाइलिंग तेज, सस्ती और अधिक सटीक हो जाएगी।

  • गोपनीयता संबंधी चिंताएँ और सहमति: डीएनए प्रोफाइलिंग के प्रसार ने गोपनीयता और सहमति से जुड़े महत्त्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं। आनुवंशिक डेटा के संभावित दुरुपयोग से भेदभाव और गोपनीयता का उल्लंघन हो सकता है।
  • दुरुपयोग की संभावना: डीएनए प्रोफाइलिंग के अनुचित उपयोग से आनुवंशिकता संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है। निगरानी और नियंत्रण के उद्देश्यों के लिए भी इसका दोहन किया जा सकता है।
  • नैतिक दुविधाएँ: सीधे उपभोक्ता तक आनुवंशिक परीक्षण के विकास ने व्यक्तियों की अपनी आनुवंशिक जानकारी तक पहुँच के नैतिक निहितार्थों के बारे में बहस शुरू कर दी है, जिसमें मनोवैज्ञानिक प्रभाव एवं परिणामों के गलत प्रभाव की संभावना के बारे में चिंताएँ उत्पन्न हो रही हैं।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.