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Lokesh Pal
August 12, 2024 02:58
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यद्यपि विज्ञान की प्रगति के साथ DNA साक्ष्य की सटीकता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिससे यह अधिक-से-अधिक विश्वसनीय होता जा रहा है, फिर भी वैज्ञानिक अभी तक उस बिंदु पर नहीं पहुँचे हैं, जहाँ इसे अचूक कहा जा सके।
डीएनए विश्लेषण संभावना पर आधारित है और इस अर्थ में इसे निर्णायक सुबूत नहीं माना जा सकता। सभी मनुष्यों में डीएनए 99.9% समान होता है। फोरेंसिक डीएनए प्रोफाइलिंग में, किसी व्यक्ति का डीएनए प्रोफाइल बनाने के लिए शेष 0.1% डीएनए में से कुछ स्थानों को चुना जाता है।
डीएनए प्रोफाइलिंग वह प्रक्रिया है, जिसमें एक विशिष्ट डीएनए पैटर्न, जिसे प्रोफाइल कहा जाता है, किसी व्यक्ति या शारीरिक ऊतक के नमूने से प्राप्त किया जाता है।
पहचान और विश्लेषण के लिए डीएनए की शक्ति को उजागर करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न तकनीकों का विकास किया गया है:
डीएनए प्रोफाइलिंग के विभिन्न अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं:
मानव डीएनए प्रोफाइलिंग एक शक्तिशाली उपकरण है, जिसका विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोग है। जैसे-जैसे यह विकसित होता जा रहा है, यह उन सफलताओं का वादा करता है जो मानव आनुवंशिकी की हमारी समझ को बदल सकती हैं और व्यक्तिगत चिकित्सा को फिर से परिभाषित कर सकती हैं। AI और मशीन लर्निंग तकनीकों का एकीकरण इस क्षेत्र में क्रांति ला सकता है, जिससे प्रोफाइलिंग तेज, सस्ती और अधिक सटीक हो जाएगी।
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