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Lokesh Pal
December 18, 2025 03:46
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हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि दहेज प्रथा का उन्मूलन संवैधानिक और सामाजिक दोनों ही दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है। इसके अतिरिक्त यह भी कहा कि मौजूदा कानून अप्रभावी होने और दुरुपयोग होने जैसी दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, साथ ही यह प्रथा अभी भी व्यापक रूप से प्रचलित है।
दहेज प्रथा से मुक्त भविष्य के लिए प्रभावी कानून, सामाजिक सुधार और सबसे महत्वपूर्ण, एक ऐसी सांस्कृतिक जागृति की संयुक्त शक्ति आवश्यक होगी, जो महिलाओं को आर्थिक बोझ या प्रतिष्ठा के प्रतीक के रूप में न देखकर समाज में समान भागीदार के रूप में महत्व दे।
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