100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

ड्रैगन ड्रोन

Lokesh Pal October 15, 2024 04:14 67 0

संदर्भ

रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक नया घातक हथियार ‘ड्रैगन ड्रोन’ (Dragon Drones) का प्रयोग किया गया है।

‘ड्रैगन ड्रोन’:

  • ये ऐसे ड्रोन हैं, जो थर्माइट का उत्सर्जन करते हैं, जो 2,427°C पर जलता है।
  • थर्माइट (Thermite): यह एल्युमिनियम और आयरन ऑक्साइड का मिश्रण है, जो इलेक्ट्रिक फ्यूज द्वारा प्रज्वलित होने पर एक स्व प्रेरित अभिक्रिया को उत्प्रेरित करता है, जिसे बुझाना मुश्किल होता है।
    • इसे एक सदी पहले रेल की पटरियों को वेल्ड करने के लिए विकसित किया गया था।
  • यह पिघली हुई धातु लगभग किसी भी चीज को जला सकती है, जिसमें वाहन, पेड़ और यहाँ तक कि जल के अंदर की वस्तुएँ भी शामिल हैं, जिससे मनुष्यों को गंभीर जलन और क्षति हो सकती है।
  • ड्रोन पारंपरिक सुरक्षा को दरकिनार करते हुए उच्च परिशुद्धता के साथ थर्माइट ले जाते और छोड़ते हैं।

युद्ध में थर्माइट का ऐतिहासिक उपयोग

  • विश्वयुद्ध: थर्माइट का इस्तेमाल प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मन जेपेलिंस द्वारा तथा द्वितीय विश्वयुद्ध में मित्र देशों और धुरी राष्ट्रों द्वारा हवाई बमबारी के लिए किया गया था।
  • आधुनिक उपयोग: थर्माइट का इस्तेमाल अब अक्सर गुप्त अभियानों में किया जाता है, क्योंकि यह तीव्र लेकिन शांत तरीके से जलता है।

हथियारों में थर्माइट की वैधता

  • अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत थर्माइट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन कुछ पारंपरिक हथियारों पर अभिसमय के प्रोटोकॉल III के तहत नागरिक लक्ष्यों के खिलाफ आग लगाने वाले हथियारों का इस्तेमाल प्रतिबंधित है।
  • संपार्श्विक क्षति को कम करने के लिए इसे केवल सख्त सैन्य लक्ष्यों के खिलाफ ही तैनात किया जा सकता है।

कुछ पारंपरिक हथियारों पर अभिसमय

  • कुछ पारंपरिक हथियारों पर अभिसमय (Certain Conventional Weapons- CCW) एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसका उद्देश्य कुछ ऐसे पारंपरिक हथियारों के उपयोग को प्रतिबंधित करना है, जिन्हें अत्यधिक हानिकारक माना जाता है या जिनका प्रभाव खतरनाक हैं।
  • इसे वर्ष 1980 में अपनाया गया तथा यह वर्ष 1983 में लागू हुआ।
  • प्रमुख प्रावधान और प्रोटोकॉल
    • प्रोटोकॉल I: ऐसे हथियारों के इस्तेमाल पर रोक लगाता है, जिनमें मानव शरीर में एक्स-रे द्वारा पता न लगाए जा सकने वाले टुकड़ों का इस्तेमाल होता है।
    • प्रोटोकॉल II: बारूदी सुरंगों, बूबी-ट्रैप और इसी तरह के उपकरणों के इस्तेमाल को नियंत्रित करता है। 
    • प्रोटोकॉल III: आग लगाने वाले हथियारों के इस्तेमाल को सीमित करता है।
    • प्रोटोकॉल IV: अंधा करने वाले लेजर हथियारों के इस्तेमाल पर रोक लगाता है।
    • प्रोटोकॉल V: युद्ध के विस्फोटक अवशेषों (ERW) को संबोधित करता है।
  • भारत CCW के सभी पाँच प्रोटोकॉल का एक पक्ष है तथा वह कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों और उनके द्वारा प्रतिपादित मानवीय सिद्धांतों का पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.