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Samsul Ansari
January 25, 2024 04:12
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संदर्भ
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता के चार मेट्रो शहरों को जोड़ने वाले राजमार्गों के एक नेटवर्क, स्वर्णिम चतुर्भुज को विद्युतीकृत करने पर चर्चा चल रही है। विजन 2030: पीएम सार्वजनिक परिवहन सेवा सरकार (Vision 2030: PM Public Transport Sewa Govt) के हिस्से के रूप में प्रस्तावित इस पहल को ई-मोबिलिटी को अपनाने और ई-बसों की तैनाती को बढ़ावा देने के लिए अगले सात वर्षों में क्रियान्वित करने की योजना है।
संबंधित तथ्य
‘डायनामिक EV वायरलेस चार्जिंग तकनीक’ के बारे में
रेजोनेंट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन का उपयोग: वायरलेस चार्जिंग ऊर्जा के इनडक्टिव ट्रांसफर पर आधारित है, जहाँ सड़क पर खड़े वाहन को बिना किसी तार और कनेक्टर की आवश्यकता के सड़क की सतह के नीचे लगे बेस पैड की मदद से चार्ज किया जा सकता है।
रेजोनेंट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन
फारेन ऑब्जेक्ट डिटेक्शन (FOD) FOD प्रणाली बेस पैड और वाहन पैड के बीच किसी भी धातु की वस्तु की पहचान करती है, जब विद्युत हस्तांतरण होता है तो उस वस्तु के गर्म होकर जलने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। लिविंग ऑब्जेक्ट प्रोटेक्शन (LOP) एक LOP प्रणाली विद्युत हस्तांतरण प्रणाली के निकट मनुष्यों या जानवरों की उपस्थिति की पहचान करती है, जहाँ चुंबकीय क्षेत्र का प्रभाव अधिक होता है।
वायरलेस चार्जिंग प्रौद्योगिकी के लाभ
इस पहल का संभावित महत्त्व क्या होगा?
ई-राजमार्गों पर ई-मोबिलिटी के लिए रोडमैप
निष्कर्ष
राजमार्गों का विद्युतीकरण टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देने, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और भारत में हरित गतिशीलता के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए एक रणनीतिक कदम है।
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