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भारतीय विदेश मंत्री का श्रीलंका दौरा

Lokesh Pal June 24, 2024 03:04 133 0

संदर्भ

हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आधिकारिक तौर पर श्रीलंका का दौरा किया। यह उनकी पुनर्नियुक्ति के बाद विदेश मंत्री द्वारा की गई पहली द्विपक्षीय यात्रा है।

संबंधित तथ्य 

  • श्रीलंका की पहली द्विपक्षीय यात्रा: यह भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और सागर (SAGAR) विजन में श्रीलंका के केंद्रीय स्थान को रेखांकित करता है।
  • इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई, विशेष रूप से बिजली, ऊर्जा, कनेक्टिविटी, बंदरगाह बुनियादी ढाँचे, विमानन, डिजिटल, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और पर्यटन क्षेत्रों में।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) विस्तारित निधि सुविधा

  • श्रीलंका ने अपने आर्थिक संकट से निपटने के लिए 2.9 बिलियन डॉलर की IMF विस्तारित निधि सुविधा के लिए अर्हता प्राप्त की है, लेकिन एक पूर्व शर्त के रूप में, श्रीलंका के द्विपक्षीय लेनदारों को ऋण स्थिरता पर वित्तपोषण आश्वासन प्रदान करना होगा। 
  • चीन, जापान तथा  भारत श्रीलंका के प्रमुख द्विपक्षीय ऋणदाता हैं।
  • लेनदारों की मुख्य चिंता यह है कि पुनर्गठन योजना में सभी लेनदारों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। 
  • कुल द्विपक्षीय ऋण में चीन की हिस्सेदारी 52 प्रतिशत, जापान की 19.5 प्रतिशत और भारत की 12 प्रतिशत है।

दौरे के मुख्य बिंदु

  • श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन योजना: विदेशमंत्री की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब एक दिन पहले ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को बताया था कि भारत श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन योजना का समर्थन करता है।
    • भारत ऐसा करने वाला पहला द्विपक्षीय ऋणदाता है। 
    • श्रीलंका ने चीन और अन्य ऋणदाताओं से भी इसी तरह का आश्वासन माँगा है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा रूपरेखा पर सहमति: श्रीलंका की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता उसकी वर्तमान खपत से कहीं अधिक है।
    • इसलिए समुद्र के नीचे केबलों के माध्यम से भारतीय ग्रिड से जोड़कर ऊर्जा अधिशेष को भारत में बेचने की संभावना पर विचार किया जा रहा है।
  • ऊर्जा सुरक्षा: त्रिंकोमाली में तेल भंडारण क्षमता का उपयोग ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।
    • भारत लंबे समय से लंबित दोनों परियोजनाओं, जैसे कि ट्रिंको तेल टैंक फार्म, और नई परियोजनाओं, जैसे कि उत्तर-पश्चिमी श्रीलंका में पवन फार्मों में अडानी निवेश, को आगे बढ़ाने में कामयाब रहा है।
    • LNG आपूर्ति: LNG आपूर्ति, दोनों देशों को जोड़ने वाली एक प्रस्तावित पेट्रोलियम पाइपलाइन और तेल एवं गैस अन्वेषण परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की योजनाओं पर महत्त्वपूर्ण ध्यान दिया गया। 
    • इसके अलावा, यह घोषणा की गई कि सैमपुर सौर ऊर्जा संयंत्र का निर्माण इस वर्ष शुरू होने वाला है।
  • श्रीलंका सरकार से अपने संविधान में 13वें संशोधन को लागू करने का अनुरोध

13वें संशोधन के बारे में

  • श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने अल्पसंख्यक तमिल समुदाय की राजनीतिक स्वायत्तता की लंबे समय से लंबित माँग को पूरा करने के समाधान के रूप में भारत द्वारा प्रस्तावित 13वें संशोधन का समर्थन किया।
  • भारत श्रीलंका पर 13वें संशोधन को लागू करने के लिए दबाव डाल रहा है, जिसे वर्ष 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के बाद लाया गया था।
    • 13A तमिल समुदाय को सत्ता के हस्तांतरण का प्रावधान करता है।
    • 13A वर्ष 1987 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन भारतीय सरकार के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप के माध्यम से श्रीलंका के संविधान का हिस्सा बन गया।
    • इसने 9 प्रांतों के लिए 9 प्रांतीय परिषदों का गठन किया, जिसमें उत्तर और पूर्व का अस्थायी विलय किया गया, जिसे तमिल अल्पसंख्यक अपना पारंपरिक गृह क्षेत्र बताते हैं।

    • निर्वाचित प्रांतीय परिषदों का प्रावधान वर्ष 1987 में किया गया था।
    • यह तमिलों की हस्तांतरण की माँग पर संविधान में दी गई एकमात्र रियायत है।
    • संशोधन (सिंहली-बौद्ध राष्ट्रवादियों द्वारा तब और अब दोनों समय पुरजोर विरोध) का उद्देश्य श्रीलंका के तमिल पूर्वोत्तर में एक प्रांतीय परिषद बनाना था।
  • श्रीलंका में भारतीय आवास परियोजना: एस. जयशंकर भी राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के साथ मॉडल विलेज हाउसिंग प्रोजेक्ट (Model Village Housing Project) के तहत कोलंबो और त्रिंकोमाली में बने 48 घरों एवं भारतीय आवास परियोजना के तीसरे चरण के तहत निर्मित तीन अप-कंट्री एस्टेट में 106 घरों को भारत से वित्तपोषण के साथ सौंपने में शामिल हुए।
  • समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (Maritime Rescue Coordination Centre- MRCC): भारत से 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान के तहत श्रीलंका में समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (MRCC) की औपचारिक शुरुआत को चिह्नित करने के लिए वर्चुअल पट्टिका का अनावरण किया।
    • MRCC में श्रीलंका के समुद्र तट पर रणनीतिक स्थानों पर सात मानवरहित प्रतिष्ठान (गैले, अरुगम्बे, बट्टिकलोवा, त्रिंकोमाली, कल्लारावा, पाइंट पेड्रो और मोलिकुलम्) शामिल हैं।
    • इसकी स्थापना सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (Bharat Electronics Limited- BEL) द्वारा की गई है, जो समुद्र में खोज एवं बचाव कार्यों के लिए प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करेगा।

भारत – श्रीलंका संबंधों के प्रमुख स्तंभ

  • ऐतिहासिक संबंध: भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक, धार्मिक और व्यापारिक संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है, जो प्राचीन काल से चला आ रहा है।
    • दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध हैं तथा कई श्रीलंकाई लोग अपनी विरासत भारत से जोड़ते हैं।
    • बौद्ध धर्म की उत्पत्ति भारत में हुई और यह श्रीलंका में भी एक महत्त्वपूर्ण धर्म है।

नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी (NFP) के बारे में

  • इसकी परिकल्पना वर्ष 2008 में की गई थी, जिसमें NFP के अंतर्गत 5 ‘S’ (सम्मान, संवाद, शांति, समृद्धि और संस्कृति) को प्रमुखता दी गई हैं।
  • इसका उद्देश्य निकटतम पड़ोसी देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना, क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाना और आपसी चिंताओं का समाधान करना है।

आर्थिक सहयोग

  • भारत वर्ष 2022 में श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था, जो विश्व के साथ उसके कुल व्यापार का 16 प्रतिशत था।
  • भारत ने अपनी ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के अनुरूप, विभिन्न ऋण लाइनों और मुद्रा समर्थन के माध्यम से इसे लगभग 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बहुआयामी सहायता प्रदान की।

‘सागर’ (Security and Growth for All in the Region- SAGAR)

  • वर्ष 2015 में शुरू किया गया, क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास (SAGAR) हिंद महासागर क्षेत्र के लिए भारत का रणनीतिक दृष्टिकोण है।
  • SAGAR के माध्यम से, भारत का लक्ष्य समुद्री पड़ोसियों के साथ आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को गहन करना, समुद्री सुरक्षा क्षमताओं के निर्माण में सहायता करना और यह सुनिश्चित करना है कि क्षेत्र समावेशी, सहयोगी बने तथा अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करे।
  • SAGAR भारत की व्यापक समुद्री नीतियों का अभिन्न अंग है, जिसमें एक्ट ईस्ट पॉलिसी, प्रोजेक्ट सागरमाला, प्रोजेक्ट मौसम, भारत को ‘नेट सुरक्षा प्रदाता’ के रूप में शामिल करना और ब्लू इकोनॉमी पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।


  • रक्षा सहयोग: भारत और श्रीलंका संयुक्त सैन्य (मित्र शक्ति) और नौसैनिक अभ्यास (SLINEX) आयोजित करते हैं। ‘दोस्ती एक त्रिपक्षीय अभ्यास है जिसका उद्देश्य सहयोग बढ़ाना, दोस्ती को मजबूत करना, आपसी परिचालन क्षमता में सुधार करना और तटरक्षक कर्मियों के बीच अंतरसंचालनीयता विकसित करना है। इस अभ्यास में शामिल होने वाले देशों में भारत, मालदीव और श्रीलंका हैं।
  • राजनयिक संबंध: श्रीलंका भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ (Neighborhood First) और क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (SAGAR) नीतियों के केंद्र में है।
  • विकास सहयोग (राजनयिक संबंध): भारतीय आवास परियोजना, युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में 50,000 घर बनाने और बागान क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए प्रारंभिक प्रतिबद्धता के साथ, श्रीलंका में भारत सरकार की प्रमुख अनुदान परियोजना है।
    • वर्ष 2022 में, भारत ने उत्तरी श्रीलंकाई द्वीपों पर हाइब्रिड विद्युत परियोजनाएँ स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
    • श्रीलंका में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) आवेदन स्वीकृति के लिए NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (International Payments Limited- NPIL) और श्रीलंका पे के बीच नेटवर्क-टू-नेटवर्क समझौते तथा पशुपालन एवं डेयरी के क्षेत्र में सहयोग हेतु हस्ताक्षर किए गए।
  • क्षेत्रीय सहयोग: भारत और श्रीलंका SAARC, BIMSTEC और इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) जैसे संगठनों के सदस्य हैं।
    • दोनों संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, विश्व स्वास्थ्य संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक आदि जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों का हिस्सा हैं।
  • पर्यटन: वर्ष 2015 में भारत सरकार ने श्रीलंकाई पर्यटकों के लिए ई-पर्यटक वीजा (eTV) योजना औपचारिक रूप से शुरू की।
    • दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए भारत और श्रीलंका ने वर्ष 2016 में ओपन स्काई समझौता किया, जिससे श्रीलंकाई एयरलाइंस को भारत के लिए असीमित उड़ानें संचालित करने में सक्षम बनाया गया।

लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (Liberation Tigers of Tamil Eelam- LTTE) 

  • यह श्रीलंका के उत्तरी क्षेत्र में उभरा एक उग्रवादी संगठन था, जिसका उद्देश्य श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी भागों में रहने वाले जातीय तमिल अल्पसंख्यकों के लिए तमिल ईलम नामक एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना करना था।
  • इसने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी, जिसके कारण भारत-श्रीलंका संबंधों में काफी गिरावट आई।

भारत-श्रीलंका के बीच संघर्ष के क्षेत्र

  • नृजातीय संघर्ष (Ethnic Conflict)
    • श्रीलंका में वर्ष 2009 तक चले गृहयुद्ध ने भारत-श्रीलंका संबंधों पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डाला।
    • श्रीलंका का तमिल जातीय अल्पसंख्यक समुदाय, जो तमिलनाडु के साथ सांस्कृतिक और भाषायी संबंध साझा करता है, भारत के लिए चिंता का विषय रहा है।
    • संघर्ष के दौरान और उसके बाद तमिल आबादी के साथ किए गए व्यवहार के कारण कई बार दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए।
  • कच्चातिवू द्वीप विवाद
    • वर्ष 1921 में, भारत और श्रीलंका, जो उस समय ब्रिटिश उपनिवेश थे, दोनों ने मछली पकड़ने की सीमा निर्धारित करने के लिए कच्चातिवू पर अपना-अपना दावा किया। 
    • एक सर्वेक्षण किया गया था, लेकिन भारत के एक ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल ने रामनाद साम्राज्य द्वारा द्वीप के स्वामित्व का हवाला देते हुए इसे चुनौती दी।
    • रामानद राजा का राज्य इस द्वीप पर नियंत्रण रखता था, जो वर्ष 1795 से 1803 तक मद्रास प्रेसीडेंसी के रामनाथपुरम् में एक जमींदारी थी।

भारत-श्रीलंका समुद्री समझौता, 1974

  • वर्ष 1974 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सीमा को सुलझाने का प्रयास किया।
  • समझौते के तहत, भारत ने कच्चातिवु को श्रीलंका को सौंप दिया।
  • हालाँकि, समझौते में भारतीय मछुआरों के मछली पकड़ने के अधिकार को निर्दिष्ट नहीं किया गया था।

  • चीन का बढ़ता प्रभाव: निवेश और बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के माध्यम से श्रीलंका में चीन का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए चिंता का विषय रहा है और इसने संबंधों पर दबाव डाला है।
    • उदाहरण के लिए: चीनी निवेश श्रीलंका के वर्ष 2021 सकल घरेलू उत्पाद का 18 प्रतिशत और देश के विदेशी ऋण का 10.8 प्रतिशत है।
      • इससे चीन को श्रीलंका और उसके जलक्षेत्र तक विशेष पहुँच मिल जाती है।
    • भारत बंदरगाहों में निवेश के माध्यम से श्रीलंका में चीन की बढ़ती उपस्थिति को लेकर भी चिंतित है, जिसका उपयोग संभवतः सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
      • हाल ही में चीनी जहाज, युआन वांग 5 और शि यान-6 को हंबनटोटा बंदरगाह पर खड़ा किया गया था, जिसमें ऐसे सेंसर लगे थे, जो भारत की बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किए जाने पर उनका पता लगा सकते थे।
  • मत्स्य विवाद  (Fisheries Dispute): यह समस्या वर्ष 1974 में भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री समझौते पर हस्ताक्षर के बाद उत्पन्न हुई थी। श्रीलंका ने लंबे समय से पाक जलडमरूमध्य के पार अपने प्रादेशिक जल में भारतीय मछुआरों द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़ने के बारे में चिंता व्यक्त की है।
    • अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) पार करने पर भारतीय मछुआरों की नियमित रूप से गिरफ्तारी होती रही है।

समुद्री समझौता 1976 

  • वर्ष 1976 में पत्रों के आदान-प्रदान के माध्यम से भारत और श्रीलंका दोनों एक-दूसरे के जलक्षेत्र में मछली पकड़ना बंद करने पर सहमत हुए।
  • वर्ष 1974 और वर्ष 1976 में दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) के सीमांकन हेतु संधियों पर हस्ताक्षर किए गए थे।
  • संधियों के तहत भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाले पाक जलडमरूमध्य को संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (UNCLOS) के प्रासंगिक नियमों के तहत ‘टू-नेशन पाॅण्ड‘ बना दिया गया, जिससे सभी तीसरे देशों को बाहर रखा गया।
  • द्विपक्षीय व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय मछली पकड़ने और शिपिंग पर प्रतिबंध लगाती है।

आगे की राह 

  • सतत् सहभागिता और सहयोग: भारत-श्रीलंका संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए आपसी सम्मान और समझ के आधार पर सतत् सहभागिता और सहयोग की आवश्यकता है, ताकि दोनों देशों के लोगों की भलाई तथा क्षेत्र की स्थिरता को बढ़ाया जा सके।
  • मछुआरों का मुद्दा: द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से, दोनों देशों को मछुआरों के मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए।
  • सहयोग: पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
    • आर्थिक और सामरिक संबंधों को बढ़ाने की आवश्यकता है।

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