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अंडाणु या शुक्राणु दाता को संतान पर कोई कानूनी अधिकार नहीं: बॉम्बे उच्च न्यायालय

Lokesh Pal August 14, 2024 04:55 84 0

संदर्भ

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक निर्णय में आदेश दिया है कि अंडाणु या शुक्राणु देने वाले को जैविक माता-पिता के रूप में बच्चे पर कानूनी अधिकार नहीं है।

मामले के संदर्भ में संपूर्ण विवरण

  • निर्णय: पीठ एक ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने याचिकाकर्ता को सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुई जुडवाँ बेटियों से मिलने और उन तक पहुँच देने से इनकार कर दिया था।
    • फैसले में कहा गया कि याचिकाकर्ता को मुलाकात के अधिकार से वंचित करने वाला निचली अदालत का आदेश उचित विवेक के बिना दिया गया था। 
    • पीठ ने याचिकाकर्ता को जुड़वाँ बेटियों से मिलने और उन तक पहुँच का अधिकार दिया।  
  • फैसले में भारत में ART (सहायक प्रजनन तकनीक) क्लीनिकों के मान्यता, पर्यवेक्षण और विनियमन के लिए राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का उल्लेख किया गया है, जिसे वर्ष 2005 में अपने आदेश में अधिनियमित किया गया था। 
  • तर्क: महिला (याचिकाकर्ता की बहन) ने तर्क दिया कि जुड़वा बच्चों के जैविक माता-पिता होने के नाते उन पर उनका वैध अधिकार है।
    • बहन ने बताया कि महिला ने अपनी बहन और बहनोई के लिए स्वेच्छा से अपने अंडाणु दान करने की पेशकश की, जो स्वाभाविक रूप से गर्भधारण नहीं कर सकते थे।

सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकियाँ (ARTs): 

  • ART प्रौद्योगिकियों में वे सभी प्रजनन उपचार शामिल हैं, जिनमें या तो अंडाणु या भ्रूण को सँभाला जाता है।
  • प्रक्रिया: ART प्रक्रियाओं में महिला के अंडाशय से अंडाणु को शल्य चिकित्सा द्वारा निकालना, उन्हें प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ मिलाना और उन्हें महिला के शरीर में वापस करना या सरोगेसी के माध्यम से किसी अन्य महिला को दान करना शामिल है।
  • अपवर्जन: ART प्रौद्योगिकियों में वे उपचार शामिल नहीं हैं, जिनमें केवल शुक्राणुओं को सँभाला जाता है, जैसे कि अंतर गर्भाशयी या कृत्रिम गर्भाधान या ऐसी प्रक्रियाएँ, जिसमें केवल अंडाणु के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए दवा ग्रहण करती है।
  • पहला ART उपचार: पहला सफल ‘इन विट्रो फर्टिलाइजेशन’ (IVF) उपचार वर्ष 1978 में इंग्लैंड में मनुष्यों पर किया गया था।
    • भारत में ART: भारत की पहली IVF बच्ची कनुप्रिया उर्फ ​​दुर्गा का जन्म 3 अक्टूबर, 1978 को कलकत्ता में हुआ था, वह दुनिया की दूसरी IVF बच्ची भी है, जो दुनिया की पहली IVF बच्ची लुईस ब्राउन के दो महीने बाद पैदा हुई थी।
  • उपयोग: इन विट्रो फर्टिलाइजेशन का उपयोग बाँझपन से संबंधित स्थितियों के लिए किया जाता है, जैसे,
    • बाँझपन: पुरुष कारक बाँझपन, डिम्बग्रंथि आरक्षित में कमी, डिम्बग्रंथि विफलता (दाता अंडे के साथ), डिंबग्रंथि संबंधी शिथिलता, और अस्पष्टीकृत बाँझपन, ट्यूबल कारक बाँझपन, गर्भाशय कारक बाँझपन आदि।
    • आईवीएफ का उपयोग उन रोगियों में किया जा सकता है, जो गर्भधारण से पहले प्रीइम्प्लांटेशन आनुवंशिक परीक्षण (जैसे कि वे जो कुछ आनुवंशिक विकारों के वाहक हैं), प्रजनन संरक्षण, गोनैडोटॉक्सिक थेरेपी या अंडे या भ्रूण को फ्रीज करने की इच्छा रखते हैं।

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