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ग्रेट एलीफेंट माइग्रेशन (नीलगिरी से न्यूयॉर्क तक)

Lokesh Pal September 13, 2024 03:12 40 0

संदर्भ

ग्रेट एलीफेंट माइग्रेशन, जो कि एक सार्वजनिक कला स्थापना है, जो तमिलनाडु की नीलगिरी पहाड़ियों के गुडालुर से न्यूयॉर्क, अमेरिका तक पहुँच गई है।

संबंधित तथ्य

  • न्यूयॉर्क में प्रदर्शित होने से पहले 100 जंगली हाथियों के झुंड की मूर्तियाँ कोच्चि, लंदन और बंगलुरु में प्रदर्शित की जा चुकी हैं।

  • डिजाइन: यह स्थापना ब्रिटेन स्थित संरक्षण समूह, एलिफेंट फैमिली यूएसए के मस्तिष्क की उपज है।
    • संकल्पना: मूर्तियों की संकल्पना गुडालुर स्थित द रियल एलीफेंट कलेक्टिव (TREC) द्वारा की जा रही है।
  • फोकस: इस मूर्ति का उद्देश्य मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व के महत्त्व को उजागर करना तथा एशियाई हाथियों के संरक्षण के लिए ध्यान आकर्षित करने और वित्त की आवश्यकता को दर्शाना है।
  • सामग्री: ये हाथी नीलगिरी के 200 आदिवासी कारीगरों द्वारा उबले हुए लैंटाना (दुनिया की 10 सबसे खराब आक्रामक पौधों की प्रजातियों में से एक) से बनाए गए हैं, जो सह-अस्तित्व समूह का गठन करते हैं।
  • जनजाति: सोलिगा, बेट्टा कुरुम्बा, कट्टुनायकन और पनिया जनजातियों के कारीगरों ने एक साथ मिलकर ये मूर्तियाँ बनाईं।

लैंटाना कैमरा (Lantana Camara)

  • लैंटाना कैमरा (कॉमन लैंटाना) वर्बेना परिवार (वर्बेनेसी) के अंतर्गत आने वाले फूलों के पौधे की एक प्रजाति है। 
  • यह एक बारहमासी, सीधी एवं विस्तृत झाड़ी है, जो आमतौर पर लगभग 2 मीटर (6+1⁄2 फीट) लंबा होता है।

 

  • मूल स्थान: अमेरिकी उष्णकटिबंधीय वन।
  • विस्तार: लैंटाना 45ºN और 45ºS के बीच विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्रों में पाया जाता है तथा 1,400 मीटर (4,600 फीट) से कम ऊँचाई वाले क्षेत्रों में उगता है।
  • आक्रामक प्रजातियाँ: लैंटाना एक बार किसी निवास स्थान में प्रवेश कर जाए तो उसकी संख्या तेजी से बढ़ती है और यह अपने मूल क्षेत्र से लगभग 50 देशों तक फैल चुकी है।
    • भारत में: इसे 1800 के दशक में सजावटी पौधे के रूप में अंग्रेजों द्वारा भारत लाया गया था।
  • खतरे 
    • आक्रामक वृद्धि: अक्टूबर 2023 में जर्नल ऑफ एप्लाइड इकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, लैंटाना भारत के 5,74,186 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैल चुका है, जिसमें देश का 50 प्रतिशत प्राकृतिक क्षेत्र शामिल है।
      • संवेदनशील क्षेत्र: ये शुष्क पर्णपाती वन (उप-हिमालयी क्षेत्र तक संपूर्ण उत्तरी भारत सहित), संपूर्ण मध्य भारत, थार रेगिस्तान को छोड़कर पश्चिम में शुष्क क्षेत्र के कुछ भाग तथा पूर्वी घाट हैं।
    • विषाक्तता: यदि यह पशुधन के लिए अपनी विषाक्तता के परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्रों पर आक्रमण करता है, तो यह समस्याएँ भी पैदा कर सकता है।
    • स्थानीय पौधों की प्रजातियों को बाहर निकालना: लैंटाना एक तेजी से बढ़ने वाला और जहरीला पौधा है। यह जंगल को पूरी तरह से नष्ट कर देता है और किसी अन्य पौधे की प्रजाति को बढ़ने नहीं देता।
    • पशुओं के लिए भोजन की कमी: लैंटाना के कारण पशु जंगलों से शहरी क्षेत्रों में धकेल दिए जाते हैं, क्योंकि लैंटाना उनके भोजन के स्रोतों को छीन लेता है और जंगली खुर वाले जानवरों (खुर वाले जानवर) के लिए चारे को कम कर देता है।
    • वनाग्नि: लैंटाना पेड़ों के ऊपर वृद्धि करता है, जिससे वनाग्नि और अधिक व्यापक हो जाती है।

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