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मशीन-टू-मशीन संचार के लिए एंबेडेड सिम

Lokesh Pal March 28, 2024 06:34 208 0

संदर्भ

हाल ही में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India- TRAI) ने ‘मशीन-टू-मशीन (M2M) संचार के लिए एंबेडेड सिम के उपयोग’ पर सिफारिशें जारी की हैं।

मशीन-टू-मशीन (M2M) संचार के बारे में

  • M2M के बारे में: मशीन-टू-मशीन (M2M) संचार में वायर्ड एवं वायरलेस सहित किसी भी संचार मार्ग के माध्यम से उपकरणों के बीच सीधा संचार शामिल होता है।
  • मानवीय हस्तक्षेप के बिना डेटा का आदान-प्रदान: यह नेटवर्क वाले उपकरणों को मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता के बिना डेटा साझा करने एवं कार्यों का संचालन करने की अनुमति देता है।
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एवं मशीन लर्निंग (ML) कंप्यूटर को स्वतंत्र निर्णय लेने के साथ-साथ एक दूसरे के साथ संवाद करने में सक्षम बनाते हैं।
  • लागत प्रभावी: M2M सिस्टम लागत कम करने के लिए अक्सर सार्वजनिक नेटवर्क एवं एक्सेस विधियों का उपयोग करते हैं।
  • अन्य शर्तें: M2M के अलावा, ऐसे संचार का वर्णन करने के लिए विभिन्न शब्दों का उपयोग किया जाता है, जिनमें इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), इंटरनेट ऑफ एवरीथिंग, एंबेडेड वायरलेस एवं स्मार्ट सिस्टम (घर, शहर, मीटर, ग्रिड आदि) शामिल हैं। जिनमें से प्रत्येक की विशेषताएँ थोड़ी अलग हैं।
    • loT एम्बेडेड उपकरणों का एक कनेक्टेड नेटवर्क है जो मानवीय हस्तक्षेप के बिना M2M संचार करने में सक्षम है।

एंबेडेड सिम (Embedded Sim)

  • एंबेडेड सिम, एक सिम कार्ड होता है, जिसे किसी डिवाइस से हटाया नहीं जा सकता। पारंपरिक सिम कार्ड इसलिए बनाए जाते हैं ताकि उन्हें आसानी से फोन से बदला जा सके, ताकि मुख्य सेवा जानकारी को एक भौतिक डिवाइस से दूसरे में पोर्ट किया जा सके।
  • एक एंबेडेड सिम के साथ, चिप्स को सूचना स्विचिंग की अनुमति देने के लिए बनाया जाता है, ताकि वास्तविक भौतिक चिप डिवाइस से न हटे।

M2M का अनुप्रयोग

  • परिवहन एवं ऑटोमोटिव उपयोग: परिवहन एवं ऑटोमोटिव में M2M अनुप्रयोगों में ड्राइवर के प्रदर्शन, ईंधन की खपत, GPS ट्रैकिंग, ई-टोल, चोरी की रोकथाम, यातायात नियंत्रण, स्मार्ट पार्किंग एवं आपातकालीन कॉल की निगरानी शामिल है।
  • उपयोगिताएँ: इस डोमेन में M2M अनुप्रयोगों का उपयोग इंटेलिजेंस टूल्स के उपयोग के माध्यम से उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण एवं खपत की निगरानी तथा नियंत्रण के लिए किया जाएगा।
    • उदाहरण के लिए: इस श्रेणी में घरों एवं उद्योगों में पानी, बिजली तथा ईंधन के उपयोग को मापने के लिए स्मार्ट मीटर, रियल टाइम लोड निगरानी के लिए स्मार्ट ग्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग बुनियादी ढाँचे शामिल हैं।
  • वित्तीय लेनदेन: M2M मॉड्यूल को रिमोट वायरलेस या वायर्ड पॉइंट ऑफ सेल (Point of Sale- PoS) टर्मिनलों में रखा जाता है।
    • जैसे कि ATM मशीनें, ऑनलाइन क्रेडिट या डेबिट कार्ड लेनदेन प्रदान करने के लिए (उदाहरण के लिए, नकदी प्रतिस्थापन, मरम्मत निदान, कागज की उपलब्धता)।
  • घर और इमारतों में स्वचालन: घर या भवन स्वचालन ऊर्जा, स्वास्थ्य, HVAC, प्रकाश व्यवस्था, सौर, पवन एवं भवन अलार्म (सुरक्षा, आग, घुसपैठ तथा आपातकालीन) की निगरानी एवं विनियमन के लिए M2M मॉड्यूल तथा सेंसर का उपयोग करता है।
  • सुरक्षा और निगरानी: सुरक्षा एवं निगरानी अनुप्रयोगों में अलार्म सिस्टम निगरानी, ​​​​वीडियो निगरानी, ​​​​रियल टाइम की निगरानी और बैंकिंग, खुदरा एवं इमारतों के लिए वीडियो विश्लेषण, साथ ही स्मार्ट कार्ड तथा सुविधा प्रबंधन शामिल हैं।
  • हेल्थकेयर: स्मार्ट बॉडी सेंसर, संस्थागत सेटिंग्स में दूरस्थ रोगी निगरानी, जो स्मार्टफोन एवं एक केंद्रीय सर्वर के साथ संचार करती है। तेजी से निदान तथा उपचार की सुविधा के लिए M2M तकनीक को ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में नियोजित किया जा सकता है।
  • इलेक्ट्रॉनिक सामान: उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उपयोग के मामलों में रिमोट मॉनिटरिंग एवं नियंत्रण, साथ ही ई-रीडर, गेमिंग कंसोल, पिक्चर फ्रेम, टीवी तथा रेफ्रिजरेटर जैसे उपकरणों के साथ इंटरऑपरेबिलिटी शामिल है।

M2M को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • IoT नेटवर्क को कनेक्टिविटी प्रदान करना: सेवा और कनेक्टिविटी प्रदाताओं को नए लाइसेंस और अतिरिक्त 1 मेगाहर्ट्ज उपलब्ध कराया जाता है, जिससे उन्हें M2M/IoT नेटवर्क से कनेक्टिविटी प्रदान करने की अनुमति मिलती है।
  • नंबरिंग योजना: एक 13-अंकीय नंबरिंग योजना विशेष रूप से मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से जुड़े M2M /IoT उपकरणों के लिए जारी की गई थी।
  • M2M सिम: M2M संचार सेवाओं के लिए विशिष्ट सिम सुविधाओं को परिभाषित किया गया है।
  • एंबेडेड सिम को मंजूरी: दूरसंचार विभाग ने एंबेडेड सिम के उपयोग को मंजूरी दे दी है, जिससे दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को उन्हें ओवर द एयर (OTA) कॉन्फ़िगर करने की अनुमति मिल गई है।
    • इससे पर्याप्त नंबरिंग संसाधनों की उपलब्धता में सुविधा हुई है, जिसके परिणामस्वरूप देश के मोबाइल M2M पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक मजबूत ढाँचा तैयार हुआ है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India)

  • निकाय का प्रकार: यह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 की धारा 3 के तहत भारत सरकार द्वारा स्थापित एक नियामक निकाय है।
    • यह भारत के दूरसंचार क्षेत्र को विनियमित करता है।
  • संरचना: इसमें एक अध्यक्ष, दो पूर्णकालिक सदस्य एवं अधिकतम दो अंशकालिक सदस्य होते हैं।
    • TRAI के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है, और उनकी सेवा अवधि तीन वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होती है।

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