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Lokesh Pal
September 01, 2025 02:42
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जून 2025 में, इजरायल-ईरान के मध्य बढ़ते तनाव से संघर्ष की संभावना बढ़ गई, जिससे महत्त्वपूर्ण तेल आयात को खतरा उत्पन्न हो गया और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में तेजी आई, जिससे वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा की अत्यधिक संवेदनशीलता और सुभेद्यता रेखांकित हुई है।
21वीं सदी को तेल नहीं, बल्कि ऊर्जा संप्रभुता आकार देगी। भारत के लिए, पाँच संप्रभु स्तंभों के साथ विविधीकरण का सम्मिश्रण रणनीतिक स्वायत्तता, आर्थिक लचीलापन और जलवायु उत्तरदायित्व सुनिश्चित करता है, जो कमजोर पहलुओं को दीर्घकालिक सामर्थ्य में बदल देता है।
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