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अर्थ ऑब्जर्वेशन रिपोर्ट के वैश्विक मूल्य को बढ़ाना

Lokesh Pal May 10, 2024 06:00 222 0

संदर्भ

विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) द्वारा डेलॉइट के सहयोग से तैयार की गई एक हालिया रिपोर्ट आर्थिक विकास, उद्योगों, प्रौद्योगिकी एवं जलवायु क्षेत्रों में अर्थ ऑब्जर्वेशन (EO) डेटा के मूल्यवान उपयोग प्रस्तुत करती है।

  • उद्देश्य: EO के वैश्विक प्रभाव को अधिकतम करने के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण की खोज करके पृथ्वी के लिए अधिक समृद्ध एवं लचीले भविष्य के लिए अपने संचालन में EO डेटा को स्थापित करने के लिए EO पारिस्थितिकी तंत्र में हितधारकों को प्रेरित करना।

रिपोर्ट की मुख्य निष्कर्ष

  • आर्थिक विकास को बढ़ावा देना: अर्थ ऑब्जर्वेशन डेटा एवं प्रौद्योगिकी को अधिक-से-अधिक अपनाने से वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 3.8 ट्रिलियन डॉलर तक की वृद्धि करके वैश्विक विकास को बढ़ावा मिल सकता है।
  • मूल्य में वृद्धि: अर्थ ऑब्जर्वेशन डेटा का वैश्विक मूल्य वर्ष 2030 तक $266 बिलियन से बढ़कर $700 बिलियन से अधिक होने का अनुमान है।
  • कार्बन कटौती (Carbon  Reduction): अर्थ ऑब्जर्वेशन डेटा में सालाना 2.2 गीगाटन तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने की क्षमता है, जो 476 मिलियन कारों के उत्सर्जन के बराबर है।

  • क्षेत्रीय विकास: एशिया प्रशांत क्षेत्र EO के मूल्य पर नियंत्रण करने में अग्रणी होगा, जो संभावित रूप से वर्ष 2030 तक 315 बिलियन डॉलर तक पहुँच जाएगा, साथ ही अफ्रीका एवं दक्षिण अमेरिका में इस संबंध में सबसे अधिक प्रतिशत वृद्धि होने की उम्मीद है।
  • EO डेटा के लाभार्थी क्षेत्र: वर्ष 2030 तक अर्थ ऑब्जर्वेशन डेटा द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले कुल मूल्य का लगभग 94% कृषि, विद्युत एवं उपयोगिताओं, सरकार, बीमा, खनन, तेल तथा गैस एवं आपूर्ति शृंखला तथा परिवहन जैसे 6 क्षेत्रों से आने का अनुमान है। 
  • संचालन में दक्षता: EO डेटा उद्योगों को नवाचार करने, अधिक कुशलता से काम करने एवं दुनिया भर में जोखिमों को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।

अर्थ ऑब्जर्वेशन (EO) क्या है?

  • अर्थ ऑब्जर्वेशन पृथ्वी पर गतिविधियों एवं विशेषताओं के बारे में जानकारी एकत्र करने की प्रक्रिया है, जिसमें भौतिक, रासायनिक, जैविक तथा मानवजनित (मानव) प्रणालियाँ शामिल हैं।
  • प्रयुक्त प्रौद्योगिकी: इसमें रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकियों (दूर के वातावरण से परावर्तित या उत्सर्जित ऊर्जा को मापने के लिए विभिन्न प्रकार के सेंसर, उपग्रह शामिल हैं) एवं ‘इन-सीटू’ (In-Situ) डेटा स्रोतों (मापने वाले उपकरण के बगल में एकत्रित, जैसे थर्मामीटर द्वारा तापमान रीडिंग) का उपयोग किया जाता है। 
  • पहला EO उपग्रह: अमेरिकी आंतरिक विभाग ने वर्ष 1972 में लैंडसैट कार्यक्रम लॉन्च किया, जिसने भौगोलिक, कार्टोग्राफिक एवं अन्य पृथ्वी विज्ञान विषयों को मौलिक रूप से बदलने वाली पृथ्वी की पहले कभी न देखी गई छवियाँ प्रदान कीं।
    • इसरो ने वर्ष 1988 में IRS-1A नामक भारत का पहला अर्थ ऑब्जर्वेशन उपग्रह लॉन्च किया।

EO डेटा उपयोग

  • सटीक कृषि/जलीय कृषि: पुनर्योजी प्रथाओं को बढ़ाना, इनपुट लागत को कम करना एवं सीजन के प्रदर्शन तथा उपज की निगरानी करना।
  • आपूर्ति शृंखला निगरानी: भौतिक वस्तुओं की आपूर्ति शृंखला में परिवर्तन एवं अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य तथा पारिस्थितिक संकेतकों पर उनके प्रभावों का पता लगाना।
  • बेहतर निर्माण के लिए: आपातकालीन प्रतिक्रिया को बेहतर ढंग से निर्देशित करने एवं क्षति की सीमा को मापने के लिए पर्यावरणीय परिवर्तनों का विश्लेषण करना।
  • पर्यावरणीय प्रभाव की निगरानी: पर्यावरणीय प्रभावों को मापने एवं कुछ पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं तथा शासनादेशों को सत्यापित करने में सहायता के लिए एक विश्वसनीय, तृतीय पक्ष आधारित स्रोत प्रदान करना।
  • भेद्यता विश्लेषण: जलवायु परिवर्तन एवं अन्य खतरों से उत्पन्न जोखिमों का वर्णन तथा मूल्यांकन करना जो लोगों, बुनियादी ढाँचे एवं संचालन को भौतिक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
  • प्रारंभिक चेतावनी: योजना, प्रतिक्रिया एवं पुनर्प्राप्ति को आगे बढ़ाने के लिए अधिक गति तथा सटीकता के साथ बाढ़ एवं वनाग्नि जैसी आपदाओं का पहले से पता लगाना।
  • साइट चयन: सर्वोत्तम उपज, दक्षता एवं/या सापेक्ष पर्यावरणीय प्रभाव वाले बड़े पैमाने के बुनियादी ढाँचे के लिए परिचालन स्थलों की पहचान करना।
  • उपभोक्ता अनुभव: वायु गुणवत्ता या मौसम पूर्वानुमान जैसी जानकारी के माध्यम से व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं को मूल्य प्रदान करना।

EO अनुप्रयोगों के लाभ

  • आर्थिक
    • उत्पादकता/राजस्व में वृद्धि: परिसंपत्तियों एवं प्रक्रियाओं के उत्पादन तथा दक्षता में वृद्धि से जो नए ग्राहकों तक पहुँचने या नए बाजार बनाने के लिए उत्पादों एवं सेवाओं में नवाचार को बढ़ावा देगा।
    • लागत से बचाव: बुनियादी ढाँचे एवं संचालन के लिए उत्पन्न जोखिम को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने, नुकसान को कम करने, नियामक आवश्यकताओं का अनुपालन करने तथा संबंधित दंडों से बचने के लिए प्राकृतिक खतरों की निगरानी करें।
  • पर्यावरण
    • जलवायु: जलवायु परिवर्तन एवं उत्सर्जन की निगरानी करना, जो जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए कार्यों को सूचित करता है जैसे कि GHG उत्सर्जन को सीमित करना तथा कार्बन कैप्चर का समर्थन करना।
    • प्रकृति: प्राकृतिक आवासों, जैव विविधता एवं समग्र पारिस्थितिक स्वास्थ्य की रक्षा तथा मजबूती प्रदान करने वाले कार्यों की जानकारी देने के लिए पारिस्थितिक तंत्र की निगरानी करना।
    • सतत् विकास: अर्थ ऑब्जर्वेशन डेटा संयुक्त राष्ट्र के 17 SDGs में से 16 का समर्थन कर सकता है, विशेष रूप से जलवायु एवं प्रकृति पर केंद्रित।
  • कृषि
    • फसल: यह किसानों को पौधों के स्वास्थ्य के बारे में गुणवत्तापूर्ण जानकारी तक पहुँच प्रदान करता है, जो उर्वरक एवं जल जैसे इनपुट के अनुप्रयोग के लिए निर्णय लेने में सुधार कर सकता है, जिससे उच्च फसल उत्पादन हो सकता है।
    • मत्स्य प्रबंधन: इष्टतम जलीय कृषि स्थल प्रबंधन एवं कटाई की जानकारी देने के लिए पानी की गुणवत्ता तथा मत्स्य स्टॉक पर जानकारी प्रदान करता है।
    • पशुधन प्रबंधन: चराई संबंधी निर्णयों को बढ़ाकर एवं चारागाह बायोमास को बढ़ाने के लिए लक्षित हस्तक्षेपों को अनलॉक करके, किसानों को पशुधन को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है।
  • चुनौतियाँ
    • लक्षित उपयोगकर्ताओं के बीच अर्थ ऑब्जर्वेशन डेटा एवं इसके उपयोग तथा अनुप्रयोग के बारे में सीमित जागरूकता
    • विशिष्ट कार्यबल की कमी, जो सामान्य लोगों के लिए EO डेटा की व्याख्या कर सके एवं व्यावसायिक नीतियों के साथ एकीकरण कर सके।
    • EO बाजार में नेविगेट करने में कठिनाई क्योंकि इसमें तकनीकी एवं सांख्यिकीय कौशल की आवश्यकता होती है।
    • EO डेटा का उपयोग करना कठिन बनाने के लिए विशिष्ट मानकों का अभाव।

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