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एग्जिट पोल

Lokesh Pal June 01, 2024 03:46 147 0

संदर्भ

हाल ही में लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के अंतिम चरण के बाद एग्जिट पोल एवं इसकी संचालन प्रक्रिया चर्चा में है।

एग्जिट पोल (Exit Poll)

  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य नागरिकों की मतदान प्रक्रिया का अनुमान लगाना है।

चुनावी विवरण- सत्तादल बनने के लिए आवश्यकताएँ

  • बहुमत की आवश्यकता: केंद्र में सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी या गठबंधन को 543 लोकसभा सीटों में से कम-से-कम 272 सीटों का समर्थन आवश्यक होता है।

  • एग्जिट पोल की विधि: मतदान केंद्रों से निकलने के तुरंत बाद मतदाताओं से साक्षात्कार और अतिरिक्त मतदाता डेटा गणना के आधार पर एग्जिट पोल किया जाता है। 
  • महत्त्व: कई भारतीय मीडिया संस्थानों के एग्जिट पोल के परिणाम वास्तविक चुनाव परिणामों के लगभग समान होते हैं।

जनमत सर्वेक्षण (Opinion Poll)

  • इस सर्वेक्षण को चुनाव के पहले आयोजित किया जाता है।
  • उद्देश्य: इन सर्वेक्षणों का उद्देश्य चुनाव से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर मतदाताओं के विचार जानना है।

नियम और कानून 

  • मतदान के दौरान प्रतिबंध: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) मतदान प्रक्रिया के दौरान एग्जिट पोल आयोजित करने पर प्रतिबंध लगाता है।
  • एग्जिट पोल का समय: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के निर्देशानुसार, शेष मतदाताओं को प्रभावित करने से बचने के लिए मतदान के अंतिम दिन एग्जिट पोल की रिपोर्ट जारी की जा सकती है।
  • विधिक आधार 
    • प्रशासित कानून: जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126A 
      • धारा 126A: इस धारा के प्रावधानों के अनुसार, अधिसूचित मतदान अवधि के दौरान एग्जिट पोल परिणामों के संचालन एवं प्रकाशन पर प्रतिबंधित है।
      • धारा 126A का उल्लंघन: इसके उल्लंघन पर किसी व्यक्ति को दो वर्ष तक की कैद, जुर्माना या दोनों दंड का प्रावधान है।

एग्जिट पोल से जुड़ी चुनौतियाँ

  • सटीकता
    • विसंगतियाँ: एग्जिट पोल का परिणाम हमेशा सही नहीं होता है, परिणामस्वरूप कभी-कभी गलत विजेताओं की भविष्यवाणी हो जाती है।
    • स्पष्ट पैटर्न का अभाव: संस्थाओं के एग्जिट पोल का परिणाम एक राज्य में सटीक हो सकता है, तथा दूसरे में इसके विपरीत भी हो सकता है।
  • सटीकता को प्रभावित करने वाले कारक
    • प्रतिनिधित्व: एग्जिट पोल में शामिल साक्ष्यों की संख्या से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है कि साक्ष्यों का संकलन विभिन्न मतदाता प्रोफाइल को अच्छी तरह दर्शाता हो।
    • पद्धति की आवश्यकता: डेटा को व्यवस्थित रूप से एकत्र करने और उसका विश्लेषण करने के लिए निश्चित प्रश्नावली की आवश्यकता है।

विभिन्न देशों में जनमत सर्वेक्षण और एग्जिट पोल से निपटने की प्रक्रिया 

कई देशों में चुनाव प्रक्रिया के दौरान जनमत सर्वेक्षण की रिपोर्टिंग करना प्रतिबंधित है।

  • यूरोपीय संघ (EU)
    • रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध: यूरोपीय संघ के 16 देशों में चुनाव से पहले जनमत सर्वेक्षणों की रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध है।
    • प्रतिबंध की अवधि
      • रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध की अवधि विभिन्न देशों में मतदान के 24 घंटे पहले से लेकर एक महीने तक है।
        • केवल इटली, स्लोवाकिया और लक्जमबर्ग जैसे देशों में रिपोर्टिंग पर 7 दिनों से ज्यादा का प्रतिबंध है।
  • फ्राँस 
    • सात-दिवसीय ब्लैकआउट: वर्ष 1977 में फ्राँस में सात-दिवसीय ब्लैकआउट लगाया गया था।
      • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन का हवाला देते हुए वहाँ की न्यायिक संस्था ने इसे रद्द कर दिया था।
    • अब फ्राँस में रिपोर्टिंग एवं प्रचार पर प्रतिबंध मतदान के दिन से 24 घंटे पहले शुरू हो जाता है।
  • यूनाइटेड किंगडम (UK)
    • जनमत सर्वेक्षण: जनमत सर्वेक्षण के नतीजों को प्रकाशित करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
    • एग्जिट पोल: मतदान प्रक्रिया के समाप्त होने से पहले एग्जिट पोल के परिणाम जारी नहीं किए जा सकते हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
    • मीडिया रिपोर्टिंग: जनमत सर्वेक्षणों की रिपोर्टिंग को भाषण का अभिन्न अंग माना जाता है।
      • जारी करने का समय: अमेरिका में जनमत सर्वेक्षण को किसी भी समय जारी करने की अनुमति है।
    • एग्जिट पोल: चुनाव में अंतिम दिन मतदान समाप्त होने तक एग्जिट पोल के रूप में संभावित परिणामों की रिपोर्टिंग करने पर प्रतिबंध है।
      • यह समाचार संगठनों की पेशवर सैद्धांतिकी है, जिसे वे स्वैच्छिक रूप से स्वयं पर लागू करते हैं।

सीटों के पूर्वानुमान संबंधी मॉडल

  • स्विंग मॉडल (Swing Model): स्विंग मॉडल एक ऐसी तकनीक है, जिसका उपयोग चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है।
    • इस पद्धति में उत्तरदाताओं के साक्षात्कारों के माध्यम से विभिन्न पार्टियों और गठबंधनों के लिए वोट शेयर का अनुमान लगाया जाता है।
    • पिछला डेटा: पिछले चुनाव के परिणामों का उपयोग करके सीटों का पूर्वानुमान लगाया जाता है।
  • व्यापक मतदान (Comprehensive Polling)
    • गणना पद्धति (Count Method): गणना पद्धति का उपयोग किसी राजनीतिक दल या गठबंधन द्वारा चुनाव में जीती जाने वाली सीटों की संख्या का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है।
      • इस पद्धति के तहत, पिछले चुनाव परिणामों और वर्तमान मतदान पैटर्न सहित विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से एकत्र डेटा का उपयोग किया जाता है।
      • इस पद्धति में मतदाताओं की प्राथमिकताओं को समझने के लिए सर्वेक्षण और मतदान का आयोजन किया जाता है।
        • इस विधि में समय अधिक लग सकता है किंतु स्विंग निर्वाचन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके सटीकता को अधिकतम किया जा सकता है।
    • उन्मूलन विधि (Elimination Method): प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़ दिया जाता है।

वोट शेयर के अनुमानों को प्रभावित करने वाले कारक

  • विविध प्रभाव: स्थान, जाति, धर्म, भाषा, शिक्षा स्तर और आर्थिक वर्ग आदि नागरिकों के मतदान व्यवहार को प्रभावित करते हैं।
  • प्रतिनिधित्व का मुद्दा: इन मतदाता वर्गों का अधिक या कम प्रतिनिधित्व भी वोट शेयर की सटीकता को प्रभावित कर सकता है।
  • अतिरिक्त समस्याएँ 
    • गठबंधनों में परिवर्तन: राजनीतिक दलों के विलय, विभाजन या नए गठबंधन (जैसे बिहार में भाजपा और जदयू) जैसे राजनीतिक परिवर्तन पूर्वानुमानों को जटिल बनाते हैं।
    • राजनीतिक दलों की संख्या: दो-पक्षीय मुकाबलों में स्विंग मॉडल का उपयोग सरलता से किया जा सकता है, किंतु अधिक राजनीतिक पक्षों की स्थिति में यह प्रक्रिया तुलनात्मक रूप से अधिक जटिल हो जाती है।

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