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एग्जिट पोल

Lokesh Pal October 17, 2024 03:23 65 0

संदर्भ 

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के अनुसार, एग्जिट पोल वास्तविक परिणामों से मेल न खाने वाली उम्मीदें उत्पन्न करके राजनीतिक दलों एवं जनता में मात्र विकृति उत्पन्न कर रहे हैं।

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दे

  • पारदर्शिता का अभाव: एग्जिट पोल के नतीजे अक्सर सैंपल साइज, सर्वे के स्थान और सर्वे की कार्यप्रणाली का खुलासा किए बिना पेश किए जाते हैं, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।
  • पोलस्टर की जवाबदेही: जब एग्जिट पोल के पूर्वानुमान वास्तविक नतीजों से मेल नहीं खाते, तो पोलस्टर को कोई परिणाम नहीं भुगतना पड़ता न ही उसकी कोई जबाबदेही सुनिश्चित होती है।
  • समय से पहले पूर्वानुमान: एग्जिट पोल अवास्तविक उम्मीदें उत्पन्न करते हैं, खासकर तब जब वोटों की गिनती शुरू होने से पहले ही लीड प्रसारित हो जाती है।
  • शुरुआती रुझानों में हेरफेर: शुरुआती रुझान सुबह 8:05 बजे दिखाए जाते हैं, भले ही आधिकारिक तौर पर वोटों की गिनती सुबह 8:30 बजे शुरू होती है, जिससे लोगों की धारणा में विकृति आती है।
  • स्व-नियमन की आवश्यकता: CEC ने एग्जिट पोल अभ्यास में सुधार के लिए स्व-नियामक निकायों की भूमिका पर जोर दिया।

एग्जिट पोल क्या है?

  • एग्जिट पोल मतदान के बाद किया जाने वाला सर्वेक्षण है, जो वोटिंग प्रक्रिया के बाद किया जाता है। इसका उद्देश्य व्यक्तियों द्वारा मतदान व्यवहार का डेटा एकत्र करके चुनाव के परिणाम का पूर्वानुमान लगाना है।
  • भारत में, मतदाताओं या चुनाव परिणामों पर किसी भी अनुचित प्रभाव को रोकने के लिए एग्जिट पोल के विनियमन को भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा सख्ती से नियंत्रित किया जाता है।

भारत में एग्जिट पोल का विनियमन

  • चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश: संविधान के अनुच्छेद-324 के तहत, भारत के निर्वाचन आयोग ने मतदान अवधि के दौरान एग्जिट पोल और चुनाव-पूर्व सर्वेक्षणों के प्रकाशन पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
    • मीडिया संगठनों को एग्जिट पोल आयोजित करने से पूर्व भारत निर्वाचन आयोग के साथ पंजीकरण कराना होगा तथा एग्जिट या जनमत सर्वेक्षण के परिणाम प्रसारित करते समय कार्यप्रणाली, नमूना आकार, त्रुटि की संभावना तथा मतदान एजेंसी के विवरण का खुलासा करना होगा।
  • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126A: यह निर्दिष्ट अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के मीडिया (प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक) द्वारा एग्जिट पोल के संचालन और परिणामों के प्रसार पर विशेष रूप से प्रतिबंध लगाती है।
    • यह प्रतिबंध सभी राज्यों में पहले चरण के मतदान शुरू होने से लेकर अंतिम चरण के मतदान समाप्त होने के आधे घंटे बाद तक लागू रहेगा। इससे यह सुनिश्चित होता है कि मतदान एग्जिट पोल द्वारा पूर्वानुमानित परिणामों से प्रभावित न हो।
  • समय संबंधी प्रतिबंध (Timing Restrictions): वास्तविक मतदान अवधि के दौरान एग्जिट पोल की अनुमति नहीं है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मतदाता प्रारंभिक मतदान पूर्वानुमानों के प्रभाव से स्वतंत्र होकर अपना वोट डाल सकें।

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