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एलियन प्लैनेट पर तीव्र जेट-स्ट्रीम पवनें

Lokesh Pal January 29, 2025 03:14 113 0

संदर्भ 

खगोलविदों ने WASP-127b पर 33,000 किमी./घंटा की आश्चर्यजनक गति से प्रवाहित पवनों की खोज की है, जो किसी भी ज्ञात ग्रह पर अब तक देखी गई सबसे तीव्र जेट-स्ट्रीम पवनें हैं।

संबंधित तथ्य

  • यह विशाल गैसीय ग्रह हमारी आकाशगंगा में लगभग 520 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है तथा अपने तारे के बहुत निकट से परिक्रमा करता है।

जेट स्ट्रीम क्या हैं?

  • जेट स्ट्रीम तीव्र गति से चलने वाली पवनों की संकीर्ण पट्टियाँ होती हैं, जो वायुमंडल में पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाहित होती हैं।
  • यह स्ट्रीम 442 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से प्रवाहित होती है, लेकिन वे हमारे सौर मंडल में सबसे तीव्र नहीं हैं।
  • पृथ्वी पर चार मुख्य जेट स्ट्रीम हैं:
    • उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के पास दो ध्रुवीय जेट स्ट्रीम।
    • भूमध्य रेखा के पास दो उपोष्णकटिबंधीय जेट स्ट्रीम।

जेट स्ट्रीम भारत की जलवायु को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?

  • जेट स्ट्रीम भारत की जलवायु को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करती हैं।
  • उपोष्णकटिबंधीय जेट स्ट्रीम (STJ) भारतीय मानसून के आगमन एवं निवर्तन को प्रभावित करती है। 
    • गर्मियों में, STJ उत्तर की ओर खिसक जाता है, जिसके कारण मानसूनी पवनें भारी वर्षा लाती हैं।
    • सर्दियों में, STJ दक्षिण की ओर खिसक जाता है, जिससे शुष्क परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं।
  • पश्चिमी जेट धाराएँ पश्चिमी विक्षोभ उत्पन्न करती हैं, जो भारत के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिमी भाग में सर्दियों की वर्षा का कारण बनती हैं।
    • ये विक्षोभ, सर्दियों के महीनों में आर्द्रता प्रदान करके कृषि में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • चक्रवाती गतिविधियाँ: जेट स्ट्रीम द्वारा निर्मित गर्त और कटक चक्रवाती गतिविधियों का कारण बन सकते हैं, जिससे तूफान एवं भारी वर्षा हो सकती है।
    • गर्त (Troughs) निम्न दाब के विस्तृत क्षेत्र होते हैं।
    • कटक (Ridges) उच्च दाब के विस्तृत क्षेत्र होते हैं।

जेट स्ट्रीम का निर्माण कैसे होता हैं?

  • जेट स्ट्रीम तब बनती हैं, जब वायुमंडल में गर्म वायु ठंडी वायु से मिलती है।
  • सूर्य पृथ्वी के तापमान में असमान रूप से वृद्धि करता है:
    • भूमध्य रेखा अधिक गर्म होती है क्योंकि इसे अधिक सूर्य का प्रकाश प्राप्त होता है।
    • सूर्य का प्रकाश कम होने के कारण ध्रुव ठंडे हैं।
  • जब गर्म वायु का आरोहण एवं ठंडी वायु का अवरोहण होता है, तो वायुमंडल में  वायु की गति से भी तीव्र पवनें प्रवाहित होती हैं, जिससे जेट स्ट्रीम का निर्माण होता है।

WASP-127b क्या है?

  • WASP-127b एक प्रकार का एक्सोप्लैनेट है, जिसे हॉट ज्यूपिटर कहा जाता है, जो अपने तारे के बहुत निकट परिक्रमा करने वाला एक गैसीय महाकाय ग्रह है।
    • यह G-प्रकार के तारे की परिक्रमा करता है।
  • खोज: इसकी खोज वर्ष 2016 में की गई थी। 
  • संरचना: यह मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम द्वारा निर्मित है। यह बृहस्पति ग्रह से लगभग 30% बड़ा है लेकिन इसका द्रव्यमान बृहस्पति के द्रव्यमान का केवल 16% है।
  • यह ग्रह प्रत्येक चार दिन में एक बार अपने तारे की परिक्रमा करता है, जो कि पृथ्वी-सूर्य की दूरी का केवल 5% है। 
    • इससे यह अत्यधिक गर्म हो जाता है, तापमान लगभग 1,127°C (2,060°F) होता है।

एक्सोप्लैनेट 

  • एक्सोप्लैनेट हमारे सौरमंडल के बाहर स्थित एक ग्रह है। 
  • हालाँकि अधिकांश बाह्यग्रह अन्य तारों की परिक्रमा करते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो किसी तारे की परिक्रमा किए बिना अंतरिक्ष में घूमते रहते हैं, जिन्हें अवांक्षित ग्रह (Rogue Planet) के नाम से जाना जाता है।

WASP-127b की अनूठी विशेषताएँ

  • ज्वारीय ‘लॉक रोटेशन’ (Tidally Locked Rotation)
    • जिस तरह चंद्रमा हमेशा पृथ्वी की ओर एक ही तरफ दिखता है, उसी तरह WASP-127b भी ज्वारीय रूप से घिरा हुआ है।
    • इस ग्रह का एक भाग हमेशा अपने तारे की ओर रहता है, जिसे दिन वाला भाग कहते हैं, जबकि दूसरा भाग हमेशा अँधेरे में रहता है, जिसे रात वाला भाग कहते हैं।
  • वायुमंडलीय संरचना
    • ग्रह का वायुमंडल मुख्य रूप से हाइड्रोजन एवं हीलियम द्वारा निर्मित है, जो सबसे हल्की गैसें हैं।
    • इसमें जल एवं कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे अधिक जटिल अणुओं के निशान भी मौजूद हैं, जिन्हें उन्नत शोध के माध्यम से पता लगाया गया है।
  • तापमान भिन्नता
    • WASP-127b के ध्रुवीय क्षेत्र इसके भूमध्यरेखीय क्षेत्रों की तुलना में अधिक ठंडे हैं, जो तारे के विकिरण के निरंतर संपर्क के कारण तीव्र गर्मी का अनुभव करते हैं।

WASP-127b की तुलना अन्य ग्रहों से कैसे की जाती है?

  • अन्य एक्सोप्लैनेट: दो अन्य ग्रहों पर वायु की गति अधिक देखी गई है, लेकिन ये पवनें आमतौर पर दिन से रात की ओर प्रवाहित होती हैं।
  • अद्वितीय पवन पैटर्न: WASP-127b की पवनें अद्वितीय हैं क्योंकि वे भूमध्य रेखा पर पूरे ग्रह के चारों ओर चक्कर लगाती हैं।

WASP-127b पर पवनों की गति इतनी तीव्र क्यों हैं?

WASP-127b पर पवनों की तीव्र गति के कई कारण  हैं:

  • ‘होस्ट’ तारे से तीव्र विकिरण प्राप्त होना
    • यह ग्रह अपने तारे के बहुत करीब है, जिससे उसे बहुत तीव्र विकिरण प्राप्त होता है, जो उसके वायुमंडल को गर्म करता है।
    • यह ऊर्जा तापांतर उत्पन्न करती है, जिससे तीव्र पवनें प्रवाहित होती हैं।
  • ज्वारीय अवरोधन (Tidal Locking)
    • यह ग्रह दिन के समय लगातार गर्म, जबकि रात के समय  ठंडा रहता है।
    • इससे तापीय असंतुलन उत्पन्न होता है, जिस कारण वायु तेजी से प्रवाहित होती है।
  • कम द्रव्यमान एवं उच्च आकार
    • WASP-127b का आकार बहुत बड़ा है, लेकिन यह बहुत सघन नहीं है, जिससे इसका वायुमंडल ‘उभरा हुआ’ (Fluffy) है।
    • यह वायु को स्वतंत्र रूप से और उच्च गति से प्रवाहित करने की अनुमति देता है।
  • अन्य गतिशील कारक
    • वायु प्रतिरूप का निर्माण गर्मी, दाब और ग्रह के घूर्णन के बीच जटिल अंतःक्रियाओं से होता है।

यह खोज महत्त्वपूर्ण क्यों है?

WASP-127b पर वायु प्रतिरूप को समझने से खगोलविदों को निम्नलिखित के बारे में अधिक जानने में मदद मिलती है:

  • वायुमंडलीय गतिशीलता: विभिन्न परिस्थितियों में वायुमंडल किस तरह व्यवहार करता है।
  • ग्रह का निर्माण एवं विकास: इस बात की जानकारी कि ऐसे उभरे हुए ग्रह कैसे अस्तित्व में आते हैं।

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