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Lokesh Pal November 26, 2024 03:05 5 0
विश्व बैंक की एक हालिया रिपोर्ट के अनुमान के अनुसार, भारत को अपनी शहरी बुनियादी ढाँचे की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वर्ष 2036 तक लगभग 70 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी, जबकि खर्च आवश्यक राशि का सिर्फ एक-चौथाई से थोड़ा अधिक है।
भारत का शहरी भविष्य नवीन सुधारों और सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से वित्तीय, संरचनात्मक और शासन संबंधी चुनौतियों का समाधान करने पर आधारित है। सतत् प्रथाओं को प्राथमिकता देकर, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर और स्थानीय सरकारों को सशक्त बनाकर, भारत अपनी बढ़ती आबादी की माँगों को पूरा करने के लिए समावेशी, कुशल और जलवायु-लचीले शहरी क्षेत्र निर्मित कर सकता है।
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