100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत की GDP का पहला अग्रिम अनुमान (First advance estimate of India’s GDP)

Samsul Ansari January 09, 2024 05:43 309 0

संदर्भ 

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office- NSO) द्वारा जारी प्रथम अग्रिम अनुमान (FAE) दर्शाते हैं कि चालू वित्त वर्ष (2023-24) में भारत की GDP,, 7.3% की वृद्धि दर से बढ़ेगी ।

प्रथम अग्रिम अनुमान (FAE) क्या है?

  • परिभाषा: FAE, अर्थव्यवस्था के पहले सात महीनों के प्रदर्शन के आधार पर GDP का अनुमान प्रस्तुत करते हैं। इन्हें प्रत्येक वर्ष जनवरी के पहले सप्ताह के अंत में प्रस्तुत किया जाता है।
    • ये ‘अग्रिम’ अनुमान होते हैं क्योंकि उन्हें वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च) समाप्त होने से पहले प्रकाशित किया जाता है।
  • कार्यप्रणाली: इन्हें बेंचमार्क-संकेतक पद्धति का उपयोग करके संकलित किया जाता है, अर्थात् पिछले वर्ष (2022-23) के लिए उपलब्ध अनुमान विभिन्न क्षेत्रों के प्रासंगिक संकेतकों का उपयोग करके जारी किये जाते हैं।
    • इसमें औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP), सूचीबद्ध कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन और फसल उत्पादन लक्ष्य जैसे संकेतकों का उपयोग किया जाता है।
  • महत्त्व: अग्रिम अनुमान सरकार को बजट आवंटन पर निर्णय लेने में मदद करते हैं और नीति निर्माताओं को आगामी वर्ष में अर्थव्यवस्था की अपेक्षित प्रक्षेप पथ  के बारे में अधिक जानकारी देते हैं।

भारत का GDP अनुमान

  • मार्च 2024 के अंत तक, भारत की GDP लगभग 172 लाख करोड़ रूपये (स्थिर मूल्य 2011-12) तक बढ़ने की उम्मीद है।
    • भारत की GDP वर्ष 2014 में 98 लाख करोड़ रुपये थी और वर्ष 2019 में यह लगभग 140 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गई।

अन्य अनुमान

  • अर्थव्यवस्था में सकल मूल्य वर्धित (GVA) वर्ष 2022-23 में 7% से थोड़ा कम होकर इस वर्ष 6.9% हो सकता है।
    • राजकोषीय घाटा वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5.9% लक्ष्य को पार कर लगभग 6% तक पहुँच सकता है।
    • कृषि क्षेत्र के लिए GVA वृद्धि एक वर्ष पहले के 4% से आधे से अधिक घटकर इस वर्ष 1.8% होने का अनुमान है।
    • व्यापार, होटल, परिवहन और संचार क्षेत्र में GVA वृद्धि वर्ष 2022-23 के 14% से घटकर 6.3% रहने का अनुमान है।
    • विनिर्माण क्षेत्र में GVA वृद्धि वर्ष 2023-24 में बढ़कर 6.5% होने का अनुमान है जो एक वर्ष पहले केवल 1.3% थी।
    • खनन क्षेत्र में GVA वृद्धि वर्ष 2022-23 के 4.6% से बढ़कर 8.1% होने की उम्मीद है।
  • विकास: वर्ष 2023-24 के लिए 7.3% की वास्तविक विकास दर (Real Growth Rate) का अनुमान लगाया गया है।
  • वृद्धि के कारण: पूंजीगत व्यय में वृद्धि और विनिर्माण गतिविधियों में विस्तार से विकास को बढ़ावा मिला है।
    • S&P ग्लोबल रेटिंग्स का अनुमान है कि भारत आगामी तीन वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखेगा, इसके वर्ष 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है।
  • व्यय विधि का उपयोग करके सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान
    • निजी अनंतिम उपभोग व्यय (PFCE) भारत की GDP का लगभग 60% है।
    • सकल स्थिर पूंजी निर्माण (GFCF) दूसरा सबसे बड़ा कारक है जो आमतौर पर GDP का 30% होता है।
    • सरकारी अंतिम उपभोग व्यय (GFCE) सबसे छोटा योगदानकर्ता है जो GDP का लगभग 10% है।
    • शुद्ध निर्यात या निवल व्यय (आयात पर भारतीयों के खर्च और भारतीय निर्यात पर विदेशियों के खर्च का परिणाम) नकारात्मक है क्योंकि भारत आमतौर पर निर्यात से अधिक आयात करता है।

व्यय विधि

  • व्यय विधि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की गणना करने की एक प्रणाली है जिसमें खपत, निवेश, सरकारी खर्च और शुद्ध निर्यात को जोड़ा जाता है।
    • यह GDP का अनुमान लगाने का सबसे सामान्य तरीका है।

सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में सुधार की चुनौतियाँ

  • कमजोर बाह्य माँग: भारत का निर्यात और GDP के बीच अनुपात वर्ष 2013-14 से लगातार घट रहा है। वर्ष 2011-12 में यह अनुपात 25% था और वर्ष 2019-20 तक घटकर 18% हो गया।
  • कम पूँजी निवेश: अर्थव्यवस्था में विश्वास और माँग की कमी के कारण भारत का निवेश वर्ष 2010 में GDP के 39.8% से गिरकर वर्ष 2021 में लगभग 29.3% हो गया। हालाँकि अब इसमें सुधार हो रहा है
  • विनिर्माण क्षेत्र का खराब प्रदर्शन: विनिर्माण क्षेत्र मूल्यवर्धन, निर्यात और रोजगार में योगदान देता है। हालाँकि यह क्षेत्र नोटबंदी, GST और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला जैसे संकटों की चुनौतियों का सामना कर रहा है।

आगे की राह 

  • युवा आबादी: देश में बढ़ती आबादी के साथ, विशाल जनसांख्यिकीय लाभांश कौशल और शिक्षा में निवेश के माध्यम से उच्च विकास दर का अवसर प्रदान करता है।
  • व्यापक आर्थिक स्थिरता और लचीलापन बनाए रखना: मुद्रास्फीति जैसे ये व्यापक आर्थिक कारक वृद्धि (Growth) और निवेश के महत्त्वपूर्ण निर्धारक हैं। आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिए स्थिर व्यापक आर्थिक स्थितियों को बनाए रखना आवश्यक है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.