केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5 वर्षों की अतिरिक्त अवधि के लिए बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (FMBAP) को मंजूरी प्रदान की है।
संबंधित तथ्य:
कार्यक्रम को 2021-22 से 2025-26 तक की 5 वर्षों की अवधि के लिए कुल 4,100 करोड़ रुपये के बजट के साथ अनुमोदित किया गया है।
यह योजना उन राज्यों को प्रोत्साहित करेगी, जो बाढ़ प्रबंधन के लिए एक प्रभावी गैर-संरचनात्मक उपाय के रूप में मान्यता प्राप्त बाढ़ मैदान क्षेत्रीयकरण में लागू होते हैं।
बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम:
कार्यक्रम के बारे में: यह एक केंद्र समर्थित योजना है, जिसके तहत भारत सरकार राज्य सरकारों को तकनीकी मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता प्रदान करती है तथा बाढ़ प्रबंधन और नियंत्रण में उनके प्रयासों का समर्थन करती है।
उद्देश्य:
कस्बों, गाँवों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, संचार के साधनों , कृषि क्षेत्रों, बुनियादी ढाँचे आदि को बाढ़ और मृदा कटाव से होने वाली हानि से बचाव हेतु|
जलग्रहण क्षेत्र सुधार कार्यक्रमों से नदियों के अवसाद को कम करने में सहायता प्राप्त होगी।
नोडल मंत्रालय: जल संसाधन विभाग, जल शक्ति मंत्रालय
प्रारंभ : इसे 11वींपंचवर्षीय योजना (2007-2012) के दौरान प्रारंभ किया गया था।
घटक : इस कार्यक्रम के 2 घटक हैं –
बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम (FMP): बाढ़ नियंत्रण करने, जल निकास को बेहतर करने, मृदा क्षरण और समुद्री कटाव को रोकने आदि से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यों हेतु विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 90 (केंद्र):10 (राज्य) और सामान्य राज्यों के लिए 60:40 के अनुपात में केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी।
इस घटक के तहत 522 परियोजनाओं की शुरुआत की गयी है , जिनमें से 427 परियोजनाएँ पूर्णहो चुकी हैं, जिससे 4.99 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र लाभान्वित हुआ है।
नदी प्रबंधन और सीमा क्षेत्र (RMBA):
यह 100% केंद्र समर्थित योजना है|
इसमें सीमा पर स्थित साझा नदियों पर जल विज्ञान संबंधी अवलोकन और बाढ़ का पूर्वानुमान शामिल होगा और पड़ोसी देशों में जल संसाधन परियोजनाओं की जाँच, साझा सीमा नदियों पर जल संसाधनपरियोजनाओं के लिए पूर्व-निर्माण गतिविधियों और गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग (GFCC) की गतिविधियों की भी जाँच की जाएगी।
इसमें सीमावर्ती नदियों के किनारे स्थित सुरक्षा एजेंसियों, सीमा चौकियों आदि जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को बाढ़ और कटाव से बचाव कार्य भी शामिल हैं|
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