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प्रायद्वीपीय नदी घाटियों में बाढ़ की संभावना (floods in Peninsular River Valleys)

Samsul Ansari December 25, 2023 01:35 142 0

संदर्भ 

हाल ही में अमेरिकी मौसम विज्ञान सोसायटी के ‘जर्नल ऑफ हाइड्रोमेटोरोलॉजी’ में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ था, जिसमें पता चला है कि प्रायद्वीपीय नदी घाटियों में गंगा और ब्रह्मपुत्र (सीमापार नदियों) की तुलना में बाढ़ की संभावना अधिक है।

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष

प्रायद्वीपीय नदियाँ

  • हल्की ढलानें (Gentler Slopes): हिमालयी नदियों के विपरीत, ये नदियाँ हल्की ढलान वाली घाटियों से होकर गुजरती हैं।
  • मौसमी: इनमें से कई नदियाँ मौसमी हैं जो अपने प्रवाह के लिए वर्षा पर निर्भर हैं।
  • सीधे और क्षैतिज मार्ग: प्रायद्वीपीय नदियों की विशेषता उनके कठोर ग्रेनाइट तल और रेत और गाद की कमी है, जो घुमावदार प्रवाह को सीमित करती है, जिसके परिणामस्वरूप सीधे, क्षैतिज प्रवाह होते हैं।
  • उदाहरण: नर्मदा, तापी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी और महानदी नदी प्रणालियाँ।

सीमापारीय (Transboundary) नदियाँ

  • दो या दो से अधिक देशों द्वारा साझा: सीमापार जल, जलभृत (aquifers) और झील एवं नदी बेसिन हैं जो दो या दो से अधिक देशों द्वारा साझा किए जाते हैं।
  • विश्व में मीठे जल (World freshwaters): दुनिया के मीठे जल के प्रवाह में सीमापार जल का योगदान 60 प्रतिशत है।
  • उदाहरण: गंगा (भारत और बांग्लादेश), सिंधु (चीन, भारत और पाकिस्तान)।

  • अध्ययन का आधार: यह अध्ययन वर्ष 1959-2020 में भारतीय उपमहाद्वीप की सात प्रमुख नदी घाटियों, जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, कृष्णा, महानदी, नर्मदा और कावेरी में व्यापक बाढ़ की घटना के आधार पर किया गया है।
  • बाढ़ की संभावना
    • प्रायद्वीपीय नदियाँ: नर्मदा बेसिन (59 प्रतिशत), महानदी (50 प्रतिशत), गोदावरी (42 प्रतिशत), कावेरी (19 प्रतिशत)।
    • सीमा पार नदियाँ: गंगा (21 प्रतिशत), ब्रह्मपुत्र (18 प्रतिशत)।
  • बाढ़ की घटनाएँ: महानदी और नर्मदा नदी घाटियों में बाढ़ की 40 घटनाएँ देखी गईं।
    • कृष्णा और गोदावरी घाटियों में 20 से अधिक व्यापक बाढ़ें देखी गईं।
  • मानसून का प्रभाव: उपमहाद्वीपीय नदी घाटियों में व्यापक बाढ़ की संभावना में मानसून का प्रभाव देखा गया है।
    • उदाहरण के लिए, ग्रीष्म मानसून के दौरान, कावेरी को छोड़कर सभी सात नदी घाटियों में अगस्त में बड़े पैमाने पर बाढ़ की घटनाएँ देखी गई।

वायुमंडलीय नदियाँ (Atmospheric Rivers)

  • वायुमंडलीय नदियाँ, वायुमंडल के लंबे समय तक विकसित वह क्षेत्र जो बादलों के माध्यम से जल वाष्प ग्रहण करता  है। अर्थात वायुमंडलीय नदियाँ, वायुमंडल में अपेक्षाकृत लंबे, संकीर्ण क्षेत्र (जैसे- आकाश में नदियाँ) हैं जो अधिकांश जलवाष्प को उष्णकटिबंधों के बाहर ले जाती हैं।
  • वर्ष 1985 और वर्ष 2020 के बीच भारत की 70% बाढ़ का कारण वायुमंडलीय नदियाँ हैं।

  • व्यापक बाढ़ के कारक
    • वायुमंडलीय नदियाँ: वायुमंडलीय नदियाँ आमतौर पर नमी को उष्णकटिबंधीय से अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तक ले जाती हैं, जिससे बड़े पैमाने पर बाढ़ आती है। उदाहरण:-
      • वर्ष 2008, 2011 और 2015-19 में निचली मिसिसिपी नदी में बाढ़।
      • वर्ष 2018 में केरल बाढ़। 
      • वर्ष 2022 में पाकिस्तान में बाढ़।
  • वायुमंडलीय परिसंचरण: अध्ययन से पता चलता है कि भारत में व्यापक बाढ़ बड़े वायुमंडलीय परिसंचरण से जुड़ी है जो नदी बेसिन में वर्षा का कारण बनती है।

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