यह CBG की खपत और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की पहल है।
यह शहरी गैस वितरण में संपीडित प्राकृतिक गैस और पाइप्ड प्राकृतिक गैस के साथ CBG के सम्मिश्रण को अनिवार्य बनाता है।
स्वैच्छिक चरण: CBG सम्मिश्रण दायित्व वित्तीय वर्ष 2024-25 तक स्वैच्छिक रहेगा।
अनिवार्य चरण: वर्ष 2025-26 से, CBO अनिवार्य हो जाएगा।
मिश्रण आवश्यकताएँ: वित्तीय वर्ष 2025-26 में, CBO को कुल CNG तथा PNG के साथ CBG के 1% सम्मिश्रण की आवश्यकता होगी।
वित्त वर्ष 2028-29 तक सम्मिश्रण प्रतिशत बढ़कर 5% हो जाएगा।
संपीडित बायोगैस
CBG एक नवीकरणीय ईंधन है, जो कृषि अवशेष, पशु गोबर, खाद्य अपशिष्ट और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट जैसे जैविक अपशिष्ट पदार्थों से निर्मित किया जाता है।
उत्पादन प्रक्रिया में एनारोबिक डाइजेशन शामिल है, जहाँ अपशिष्ट पदार्थ ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में विघटित हो जाते हैं।
इस प्रक्रिया से 90% से अधिक मेथेन-समृद्ध बायोगैस उत्पन्न होती है।
गुण तथा उपयोग: CBG में संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) के समान गुण होते हैं और इसका उपयोग वाहनों, उद्योगों और अन्य वाणिज्यिक अनुप्रयोगों के लिए पर्यावरण अनुकूल ईंधन के रूप में किया जा सकता है।
CBG संयंत्रों के लाभ
अपशिष्ट से ऊर्जा: जैविक अपशिष्ट को स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तित करता है, जो अपशिष्ट प्रबंधन में मदद करता है।
पर्यावरण का प्रभाव: बेहतर वायु गुणवत्ता तथा जलवायु कार्रवाई के लिए कार्बन उत्सर्जन को कम करता है।
रोजगार में वृद्धि: संयंत्र निर्माण तथा संचालन के लिए स्थानीय रोजगार का सृजन करता है।
पर्यावरण के अनुकूल: CBG पारंपरिक ईंधन का एक स्थायी विकल्प है, जो पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।
ऊर्जा स्वतंत्रता: यह आयातित प्राकृतिक गैस तथा कच्चे तेल पर निर्भरता को कम करता है, जिससे ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है।
CBG संयंत्रों की चुनौतियाँ
उच्च लागत: संयंत्र स्थापित करने के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है, जो विकास को धीमा कर सकता है।
तकनीकी आवश्यकताएँ: संयंत्रों को अच्छी तरह से काम करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी और ज्ञान की आवश्यकता होती है।
अपशिष्ट संग्रह समस्याएँ: जैविक अपशिष्ट को इकट्ठा करना और परिवहन करना मुश्किल हो सकता है, खासकर दूरदराज के स्थानों में।
निजी क्षेत्र के मुद्दे: समन्वय और प्रबंधन के मामले में निजी कंपनियों के साथ कार्य करना मुश्किल हो सकता है।
CBG के लिए नियामक और नीति ढाँचा: संपीडित बायोगैस (CBG) क्षेत्र के विकास के लिए अच्छी तरह से परिभाषित और सहायक नीतियाँ महत्त्वपूर्ण हैं।
असंगत नियम तथा मानकीकरण की कमी से इस क्षेत्र का विकास धीमा हो सकता है।
स्वास्थ्य संबंधी खतरे: अवैज्ञानिक अपशिष्ट निपटान से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
बायोमास के जलने से होने वाला वायु प्रदूषण अस्थमा, कैंसर और हृदय रोग जैसी दीर्घकालिक बीमारियों को जन्म दे सकता है।
सरकारी पहल
‘किफायती परिवहन की दिशा में सतत् विकल्प’ (Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation) पहल अर्थात ‘SATAT पहल’: इसे केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था।
MoPNG ने SATAT को लॉन्च करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) और तेल विपणन कंपनियों (OMC) के साथ सहभागिता की है।
उद्देश्य: इस पहल का उद्देश्य संपीडित बायोगैस के लिए संयंत्र स्थापित करना और ऑटोमोटिव ईंधन के रूप में उपयोग के लिए बायोगैस को सुलभ बनाना था।
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