100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

पृथ्वी पर उपस्थित प्रजातियाँ: गंभीर रूप से संकटग्रस्त से लेकर संभवतः विलुप्त तक

Lokesh Pal February 04, 2025 01:15 12 0

संदर्भ 

वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है कि कठोर संरक्षण उपायों के बिना पृथ्वी पर उपस्थित कुछ अद्वितीय जीव अगले पाँच वर्षों में विलुप्त हो सकते हैं।

  • कारण: आवास की हानि, जलवायु परिवर्तन, अवैध शिकार और प्रदूषण जैसी समस्याओं ने संकट उत्पन्न कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर विलुप्ति जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।

गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियाँ सर्वाधिक आसन्न खतरों का सामना कर रही हैं।

  • पूर्वी तराई गोरिल्ला [गोरिल्ला बेरिंजेई ग्रेउरी (Gorilla Beringei Graueri)]: ये गोरिल्ला की सबसे बड़ी उप-प्रजाति है।
    • आबादी स्थिति: तेजी से घट रही है और अब इनकी संख्या 7,000 से भी कम रह गई है।
    • स्थान: कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य
    • खतरा: वनोन्मूलन, खनन और मानव अतिक्रमण के कारण आवास की हानि।
      • ‘बुशमीट’ व्यापार के लिए अवैध शिकार।

  • हॉक्सबिल कछुआ (एरेटमोचेलिस इम्ब्रिकेटा) [Hawksbill Turtle (Eretmochelys Imbricata)]
    • आबादी: मानवीय गतिविधियों के कारण तेजी से गिरावट देखी गई। 
    • स्थान: संपूर्ण विश्व के उष्णकटिबंधीय महासागरों में
    • खतरा: इनकी त्वचा के लिए अवैध व्यापार किया जाता है।
      • ये अपने प्रजनन संबंधी तटों को प्रभावित करने वाले जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं।
      • आनुवंशिक भिन्नता: समुद्र के तापमान में वृद्धि के कारण कम कछुओं का जन्म होता है, जिससे प्रजाति को और अधिक खतरा होता है।
  • जावन गैंडा (गैंडा सोंडाइकस) [Javan Rhinoceros (Rhinoceros sondaicus)]
    • आबादी: 80 से कम
    • स्थान: इंडोनेशिया के उजंग कुलोन राष्ट्रीय उद्यान में सीमित
    • खतरे: आवास की हानि और सींगों के लिए अवैध शिकार। आबादी की कम आनुवंशिक विविधता भी एक खतरा है।

  • अमूर तेंदुआ (पैंथेरा पार्डस ओरिएंटलिस)]: इसे प्रायः दुनिया की सबसे दुर्लभ ‘बिग कैट’ कहा जाता है, जो अत्यधिक शीत अनुकूल है।
    • आबादी: लगभग 100
    • स्थान: रूस और चीन
    • खतरा: अवैध शिकार और मानव विस्तार के कारण आवास की हानि।
  • यांग्त्जी फिनलेस पोरपोइज (नियोफोकैना एशियाओरिएंटलिस) [Yangtze Finless Porpoise (Neophocaena Asiaeorientalis)]: डॉल्फिन के विपरीत, इनके पृष्ठीय पंख नहीं होते हैं, जो उन्हें ‘सीटेशियन’ के बीच अद्वितीय बनाता है।
    • आबादी: 1,000 से कम
    • स्थान: यांग्त्जी नदी, चीन
    • खतरे: औद्योगिक प्रदूषण, अत्यधिक मत्स्यन और आवास के विनाश के कारण यांग्त्जी नदी पारिस्थितिकी तंत्र का पतन।
      • पिछले 40 वर्षों में उनकी संख्या में 50% से अधिक की गिरावट आई है।
  • भारतीय घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस) [Indian Gharial (Gavialis Gangeticus)]: इनकी लंबी, सँकरी थूथन होती है, जो मछली पकड़ने में सहायक होती है और ये मनुष्यों पर हमला नहीं करते हैं।
    • आबादी: 250 से कम।
    • स्थान: भारत, नेपाल
    • खतरा: बाँध निर्माण, प्रदूषण और नदी आवासों की हानि के कारण इनकी आबादी में तीव्र गिरावट आई है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.