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आपदा न्यूनीकरण एवं क्षमता निर्माण के लिए वित्त पोषण

Lokesh Pal November 29, 2024 03:22 110 0

संदर्भ

केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति (HLC) ने भारत में आपदा न्यूनीकरण और क्षमता निर्माण परियोजनाओं के लिए 1115.67 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

  • उद्देश्य: प्रधानमंत्री के आपदा-लचीले भारत के दृष्टिकोण का अनुसरण करते हुए, राज्यों में आपदा लचीलापन एवं तैयारियों को मजबूत करना।

HLC द्वारा प्रमुख स्वीकृतियाँ

  • राष्ट्रीय भूस्खलन जोखिम शमन (National Landslide Risk Mitigation- NLRM) परियोजना: उच्चस्तरीय समिति ने 15 राज्यों में भूस्खलन के जोखिम को कम करने तथा संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए 1000 करोड़ रुपये मंजूर किए। यह पहल राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) का हिस्सा है तथा संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन से होने वाले नुकसान को कम करने की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करती है।
  • नागरिक सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण: उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) के अंतर्गत 115.67 करोड़ रुपये के वित्त पोषण को मंजूरी दी।
    • उद्देश्य: आपदा तैयारियों एवं प्रतिक्रिया में सुधार के लिए सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देना।

NLRM परियोजना की आवश्यकता

  • भारत का भूस्खलन जोखिम: भारत के ISRO भूस्खलन एटलस के अनुसार, भारत सबसे अधिक भूस्खलन जोखिम वाले शीर्ष चार देशों में से एक है।
  • रोकथाम एवं पूर्वानुमान: भूकंप एवं सुनामी के विपरीत, सक्रिय आपदा प्रबंधन को सक्षम करके, भूस्खलन को रोका तथा पूर्वानुमान दोनों लगाया जा सकता है।
  • वैज्ञानिक संस्कृति: NLRM परियोजना का उद्देश्य भूस्खलन की वैज्ञानिक जाँच, विश्लेषण एवं प्रबंधन की संस्कृति को बढ़ावा देना, तैयारियों तथा शमन को बढ़ाना है।

भूस्खलन क्या है?

  • परिभाषा: भूस्खलन से तात्पर्य ढलान पर चट्टान, मिट्टी एवं मलबे के नीचे की ओर सरकने से है, जो छोटे बदलावों से लेकर बड़े पैमाने पर विनाशकारी घटनाओं तक हो सकता है।
  • कारण: भूस्खलन भारी वर्षा, भूकंप, ज्वालामुखीय गतिविधियाँ, निर्माण या खनन जैसी मानवीय गतिविधियों एवं भूजल स्तर में परिवर्तन जैसे कारकों के कारण हो सकता है।

भूस्खलन से निपटने के लिए पहले की पहल

  • राष्ट्रीय भूस्खलन जोखिम प्रबंधन रणनीति (2019): भूस्खलन आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन को संबोधित करने वाला एक व्यापक दस्तावेज।
  • भूस्खलन जोखिम शमन योजना (Landslide Risk Mitigation Scheme- LRMS): क्षेत्र विशिष्ट भूस्खलन शमन परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
    • महत्त्वपूर्ण भूस्खलन की निगरानी, ​​प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली एवं क्षमता निर्माण में आपदा रोकथाम, शमन, अनुसंधान तथा विकास (R&D) पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

  • बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण योजना (Flood Risk Mitigation Scheme-FRMS): बहुउद्देश्यीय बाढ़ क्षेत्र स्थल एवं नदी बेसिन-विशिष्ट बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित करने जैसी गतिविधियों के लिए एक योजना तैयार की जा रही है।
  • भूस्खलन एवं हिमस्खलन पर राष्ट्रीय दिशानिर्देश: भूस्खलन जोखिमों को कम करने के लिए गतिविधियों का मार्गदर्शन करने हेतु राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा तैयार किया गया।
  • भारत का भूस्खलन एटलस: भारत के भूस्खलन प्रवण क्षेत्रों में भूस्खलन के विवरण को ISRO के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) द्वारा तैयार किया गया।
  • राष्ट्रीय भूस्खलन संवेदनशीलता मानचित्रण कार्यक्रम: भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए वर्ष 2014-15 में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा शुरू किया गया।

राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष के बारे में

  • स्थापना: राष्ट्रीय आपदा शमन कोष की स्थापना 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत की गई थी।
  • प्रशासित: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)।
  • उद्देश्य: यह फंड विशेष रूप से विभिन्न आपदाओं से संबंधित शमन परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के बारे में

  • स्थापना: NDMA की स्थापना 27 सितंबर, 2006 को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत की गई थी।
  • अध्यक्ष: भारत के प्रधानमंत्री NDMA के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।
  • सदस्य: NDMA में अध्यक्ष के अलावा 9 अन्य सदस्य होते हैं।
  • प्राथमिक जिम्मेदारी: आपदा प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की है।
  • राष्ट्रीय नीति: आपदा प्रबंधन पर राष्ट्रीय नीति केंद्र, राज्य एवं जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए एक सक्षम वातावरण बनाती है।

आपदा न्यूनीकरण के लिए पिछली स्वीकृतियाँ]

प्रोजेक्ट का नाम

परिव्यय (करोड़ रुपये)

दायरा/विवरण

शहरी बाढ़ जोखिम शमन परियोजनाएँ 3075.65 शहरी बाढ़ के मुद्दों को संबोधित करने के लिए सात शहरों अर्थात् हैदराबाद, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बंगलूरू, अहमदाबाद एवं पुणे में लागू किया गया।
ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) जोखिम प्रबंधन 150 चार राज्यों में लागू; हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश GLOF जोखिम से प्रभावित हैं।

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