भारतीय प्रधानमंत्री ने 18 एवं 19 नवंबर, 2024 को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में होने वाले 19वें G20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
भारत G20 ट्रोइका (G20 Troika) के सदस्य के रूप में भाग ले रहा है, जिसमें भारत, ब्राजील एवं दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
G20 ट्रोइका (G20 Troika) प्रणाली
G20 के पास कोई स्थायी चार्टर या सचिवालय नहीं है।
इसकी अध्यक्षता प्रतिवर्ष चक्रीय क्रम में सदस्य देशों के मध्य होती है एवं इसे एक ट्रोइका द्वारा समर्थित किया जाता है जिसमें पूर्व, वर्तमान तथा भविष्य की G20 की अध्यक्षता करने वाले देश शामिल होते हैं।
इस वर्ष, भारत, ब्राजील एवं दक्षिण अफ्रीका के साथ ट्रोइका का निर्माण किया गया है।
भारत ने वर्ष 2023 में G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी।
दक्षिण अफ्रीका वर्ष 2025 में G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है।
G20 के बारे में
स्थापना: G20 की स्थापना वर्ष 1997-98 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद वर्ष 1999 में हुई थी, जिसने एशियाई टाइगर्स (पूर्व एवं दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों) को प्रभावित किया था।
प्रारंभ में, इसने प्रमुख औद्योगिक एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।
नेतृत्व: वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद, G20 को राष्ट्र प्रमुखों को शामिल किया गया था।
वर्ष 2009 तक, इसे ‘अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच’ के रूप में नामित किया गया था।
सदस्यता: G20 में 19 देश एवं यूरोपीय संघ शामिल हैं, जिसमें हाल ही में अफ्रीकी संघ भी शामिल हुआ है।
इसके सदस्य अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम एवं संयुक्त राज्य अमेरिका हैं।
G20 की संरचना
शेरपा ट्रैक: जलवायु, स्वास्थ्य, कृषि, डिजिटल अर्थव्यवस्था एवं शिक्षा जैसे सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित है। शेरपा बातचीत का समन्वय करते हैं तथा शिखर सम्मेलन के लिए एजेंडा तय करते हैं।
वित्त ट्रैक: वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के नेतृत्व में, यह राजकोषीय तथा मौद्रिक नीति को संबोधित करता है, आमतौर पर विश्व बैंक एवं IMF सम्मेलनों के साथ बैठक करता है।
गैर-बाध्यकारी प्रकृति: G20 एक परामर्शदात्री मंच के रूप में कार्य करता है, जिसका अर्थ है कि इसके निर्णय विधिक रूप से बाध्यकारी नहीं हैं एवं सदस्य देश उन्हें लागू करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
G20 का महत्त्व
वैश्विक मुद्दों पर ध्यान: अपने विभिन्न ट्रैकों के माध्यम से, G20 महत्त्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों का समाधान करता है, अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देता है।
आर्थिक महाशक्ति: G20 वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85% प्रतिनिधित्व करता है एवं 75% वैश्विक व्यापार को संचालित करता है।
वैश्विक शासन: वैश्विक आर्थिक नीतियों एवं विनियमों के लिए अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है।
विविध प्रतिनिधित्व: इसमें विकसित एवं विकासशील दोनों अर्थव्यवस्थाएँ शामिल हैं, जो विविध दृष्टिकोण तथा समाधानों के लिए एक मंच प्रदान करती हैं।
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