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घड़ियाल

Lokesh Pal February 27, 2025 03:14 118 0

संदर्भ

हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा मुरैना जिलें में राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य (National Chambal Gharial Sanctuary) में चंबल नदी में 10 घड़ियाल छोड़े गए हैं।

  • मध्य प्रदेश में भारत की 80% से अधिक घड़ियाल आबादी पाई जाती है, जिसके कारण इसे ‘घड़ियाल राज्य’ भी कहा जाता है।

घड़ियाल के बारे में

  • वैज्ञानिक नाम: गेविएलिस गैंगेटिकस (Gavialis Gangeticus)
  • उपस्थिति: घड़ियाल लैंगिक द्विरूपता प्रदर्शित करते हैं।
    • उनके पास लंबे, पतले थूथन होते हैं जिनमें आपस में जुड़े हुए तीक्ष्ण दाँत होते हैं।
    • नर के थूथन का शीर्ष ‘बल्बनुमा’ होता है जो उल्टे बर्तन जैसा दिखता है, इसलिए इसे घड़ियाल नाम दिया गया है।
  • आहार: मुख्य रूप से मछलियों को खाता है, जलीय पारिस्थितिकी तंत्र संतुलन बनाए रखने में मदद करना।
  • धार्मिक महत्त्व: भारतीय पौराणिक कथाओं में, प्रायः देवी गंगा के दिव्य वाहन के रूप में दर्शाया जाता है।
  • वितरण: ऐतिहासिक रूप से, घड़ियाल भारत, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान की सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और महानदी-ब्राह्मणी-बैतरणी नदी प्रणालियों में पाए जाते हैं।
  • वर्तमान में, उनकी मुख्य आबादी गंगा नदी की तीन सहायक नदियों में देखी जाती है: भारत में चंबल और गिरवा नदियाँ तथा नेपाल में राप्ती-नारायणी नदी में।
  • प्रजनन काल: नवंबर से जनवरी; मार्च से मई तक रेतीले टीलों एवं द्वीपों पर प्रजनन हेतु निलय बनाते हैं।
  • पारिस्थितिकी तंत्र की भूमिका: सड़ा हुआ माँस खाकर नदियों को स्वच्छ रखने में मदद करते हैं।

घड़ियाल की आबादी के लिए खतरा 

  • पारंपरिक रूप से विद्यमान खतरा: खाल, अंडे और पारंपरिक चिकित्सा के लिए अत्यधिक शिकार।
  • वर्तमान खतरा
    • आवास विनाश: बांध, सिंचाई नहरें, नदी के मार्ग में परिवर्तन, और रेत खनन।
    • प्रदूषण: औद्योगिक और कृषि अपशिष्ट नदी पारिस्थितिकी तंत्र को क्षति पहुंँचाते हैं।
    • मत्स्यन गतिविधियाँ: संरक्षित क्षेत्रों में भी ‘गिल नेट फिशिंग’ (मछली पकड़ने की एक विधि) के कारण आकस्मिक मृत्यु हो जाती है।

घड़ियालों की संरक्षण स्थिति

  • राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य (National Chambal Sanctuary-NCS) ने वर्ष 2024 में 2,456 घड़ियाल दर्ज किए, जो सफल संरक्षण प्रयासों को दर्शाता है।
  • 1950-60 के दशक के बीच घड़ियाल की आबादी में 80% की गिरावट आई, लेकिन बाद में वर्ष 1997 तक इनकी आबादी में निरंतर सुधार हुआ है।
  • वर्ष 1997 और वर्ष 2006 के बीच, आबादी में 58% की गिरावट आई, जो 436 से घटकर 182 वयस्क रह गई।
  • म्यांमार और भूटान में घड़ियाल विलुप्त हो चुके हैं, जबकि पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में इनकी आबादी अनिश्चित है।

भारत में संरक्षण प्रयास

  • कैप्टिव ब्रीडिंग (वर्ष 1975-1982): इनके नवजातों के पालन-पोषण एवं विमोचन के लिए 16 प्रजनन केंद्र स्थापित किए गए।
  • पंजाब में पुनः लाना (वर्ष 2017-2020): सतलुज और ब्यास नदियों में घड़ियालों को फिर से लाया गया है।
  • प्रमुख अभयारण्य: राष्ट्रीय चंबल (MP), कतर्नियाघाट (UP), सोन नदी (MP), और सतकोसिया गॉर्ज (ओडिशा)।
  • खतरा प्रबंधन: अवैध रेत खनन पर प्रतिबंध, प्रदूषण की निगरानी, ​​और मछली पकड़ने के कठोर नियम लागू किए गए।
  • सामुदायिक भागीदारी: संघर्षों को कम करने के लिए स्थानीय समुदाय आवास संरक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों में लगे हुए हैं।

राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य (NCS) के बारे में

  • राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के ‘त्रि-बिंदु’ के पास चंबल नदी पर स्थित है।
  • इसे सबसे पहले वर्ष 1978 में मध्य प्रदेश में घोषित किया गया था तथा वर्तमान में यह मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान द्वारा सह-प्रशासित एक लंबा संकीर्ण इको-रिजर्व है।
  • यह भारत की सबसे स्वच्छ नदियों में से एक चंबल नदी के 435 किलोमीटर के क्षेत्र को संरक्षित करता है।
  • यहाँ 290 से ज्यादा पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें भारतीय स्कीमर (भारत की 80% आबादी) शामिल हैं।
  • यह घड़ियालों के प्रजनन स्थल के रूप में कार्य करता है, जिससे अन्य राज्यों में आबादी को पुनर्स्थापित करने में मदद मिलती है।

भारत में पाई जाने वाली मगरमच्छ की संरक्षित प्रजातियाँ

प्रजातियाँ वैज्ञानिक नाम प्राकृतिक आवास IUCN में स्थिति WPA, 1972 अनुसूची
घड़ियाल गैविएलिस गैंगेटिकस (Gavialis Gangeticus) स्वच्छ जल की नदियाँ (चम्बल, गंगा, ब्रह्मपुत्र) गंभीर रूप से संकटग्रस्त अनुसूची I
मगर मगरमच्छ क्रोकोडाइलस पलुस्ट्रिस  (Crocodylus Palustris) स्वच्छ जल की झीलें, नदियाँ, दलदल सुभेद्य अनुसूची I
खारे जल का मगरमच्छ क्रोकोडाइलस पोरोसस (Crocodylus Porosus) मुहाना, तटीय मैंग्रोव, खारा जल कम से कम चिंताग्रस्त अनुसूची I

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