भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री ने घोषणा की कि भारत के 60 से अधिक उत्पादों को भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्रदान किया गया है।
संबंधित तथ्य
भौगोलिक संकेत (GI) टैग
जीआई टैग उन उत्पादों को प्रदान किया जाता है, जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है और जिनमें किसी विशेष स्थान से संबंधित विशेषताएँ होती हैं।
अब तक भारत में लगभग 635 उत्पादों को जीआई टैग प्रदान किया जा चुका है।
देश में पहला जीआई टैग प्रसिद्ध दार्जिलिंग चाय को दिया गया था।
एकाधिक जीआई टैग प्रदान करना अभूतपूर्व: यह एक साथ इतनी बड़ी संख्या में जीआई टैग प्रदान करने का पहला उदाहरण है।
जीआई टैग आवेदनों में वृद्धि: इसके अतिरिक्त, राज्यों द्वारा अपने पारंपरिक और ऐतिहासिक उत्पादों के लिए जीआई टैग प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
वर्तमान जीआई टैग की सूची
राज्य
उत्पाद
असम
अशरिकांडी टेराकोटा (Asharikandi terracotta) शिल्प
पानी मेटेका शिल्प
सारथेबारी धातु शिल्प
जापी (ग्रामीण असम में बाँस की टोपी)
‘मिशिंग’ हथकरघा उत्पाद
बिहू ढोल
बोडो दोखोना, बोडो महिलाओं की पारंपरिक पोशाक है
बोडो एरी रेशम, जिसे शांति या अहिंसा के कपड़े के रूप में जाना जाता है, जो रेशमकीट ‘सामिया रिसिनी’ से उत्पन्न होता है, जो ज्यादातर अरंडी के पौधे (रिकिनस कम्युनिस) और कसावा की पत्तियों पर भोजन प्राप्त करता है।
बोडो ज्वमगरा (एक पारंपरिक दुपट्टा)
बोडो गमसा (बोडो पुरुषों की पारंपरिक पोशाक)
बोडो थोरखा (एक संगीत वाद्ययंत्र)
बोडो सिफंग (एक लंबी बाँसुरी)
बनारस
बनारस ठंडाई (दूध में मेवे, बीज और मसालों का पौष्टिक मिश्रण मिलाकर बनाया गया पेय)
बनारस तबला
बनारस की शहनाई
बनारस की लाल भरवा मिर्च
बनारस का लाल पेड़ा
त्रिपुरा
पचरा-रिगनाई (विशेष अवसरों पर पहनी जाने वाली एक पारंपरिक पोशाक)
माताबारी पेड़ा (एक मीठा व्यंजन)
मेघालय
मेघालय गारो वस्त्र बुनाई (सामाजिक-सांस्कृतिक और धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़ी)
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