100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

गिनी इंडेक्स और भारत में असमानता

Lokesh Pal July 31, 2025 02:41 11 0

संदर्भ

भारत के गिनी इंडेक्स 25.5 के अनुसार, इसे चौथा सर्वाधिक समानता वाला देश माना गया है। इसके बावजूद शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दैनिक जीवन में गहरी असमानताएँ बनी हुई हैं।

गिनी इंडेक्स के बारे में

  • गिनी इंडेक्स यह मापता है कि आय या उपभोग का वितरण पूर्ण समानता से कितना विचलित है।
  • उत्पत्ति: गिनी इंडेक्स, या गिनी गुणांक, वर्ष 1912 में इतालवी सांख्यिकीविद् कोराडो गिनी द्वारा विकसित किया गया था।
  • उद्देश्य: यह मापता है कि किसी देश में व्यक्तियों या परिवारों के बीच आय, धन अथवा उपभोग का वितरण कैसे होता है। यह असमानता की मात्रा को दर्शाता है, न कि आय या धन के पूर्ण स्तरों को।

  • परास: यह 0 से 100 तक होता है:
    • 0 = पूर्ण समानता (सभी की आय समान है)।
    • 100 = पूर्ण असमानता (एक व्यक्ति के पास सब कुछ है, दूसरे के पास कुछ भी नहीं)।
  • संकेतक: गिनी इंडेक्स जितना अधिक होगा, देश उतना ही अधिक असमान होगा।
  • दृश्य: गिनी इंडेक्स को प्रायः लोरेंज वक्र का उपयोग करके दर्शाया जाता है:
    • विकर्ण रेखा पूर्ण समानता दर्शाती है।
    • लॉरेंज वक्र वास्तविक आय वितरण दर्शाता है।
    • गिनी इंडेक्स, विकर्ण के नीचे के कुल क्षेत्रफल के प्रतिशत के रूप में दोनों वक्रों के बीच के अंतर को मापता है।
  • व्याख्या: लॉरेंज वक्र और समानता रेखा के बीच बड़ा अंतर अधिक असमानता का संकेत देता है।
  • आलोचना: गिनी इंडेक्स भारत में असमानता की वास्तविक सीमा को दर्शाने में विफल रहता है, क्योंकि यह आय से परे असमानता के विभिन्न रूपों की उपेक्षा करता है।

भारत में असमानता के रूप

  • धन संबंधी समानताएँ
    • गिनी इंडेक्स धन असमानता को पूरी तरह से स्पष्ट नहीं कर सकता, जो कि और भी गंभीर है।
    • उदाहरण: शहरी भारत में धन का गहरा अंतराल लग्जरी कारों और अनौपचारिक क्षेत्र में कम आय वाली नौकरियों में परिलक्षित होता है।
    • वर्ष 2022-23 में, भारत की शीर्ष 1% आबादी के पास राष्ट्रीय आय का 22.6% हिस्सा था।
    • अनौपचारिक क्षेत्र डेटा अंतराल में योगदान देता है, क्योंकि 10% से भी कम आबादी पर औपचारिक रूप से कर लगाया जाता है, जो धन असमानता को दर्शाता है।
  • लैंगिक असमानता
    • श्रम बल में भागीदारी: भारत के कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 35.9% है।
    • नेतृत्व भूमिकाएँ: वर्ष 2024 तक कॉरपोरेट क्षेत्र में केवल 12.7% महिलाएँ ही नेतृत्वकारी भूमिकाओं में थीं।
    • स्टार्ट-अप इकोसिस्टम: महिलाओं द्वारा संचालित स्टार्ट-अप, सक्रिय स्टार्ट-अप्स का केवल 7.5% हिस्सा हैं।
    • सांस्कृतिक और सामाजिक मानदंड: शिक्षा और उत्तराधिकार प्रथाओं के लिए संसाधन आवंटन में पूर्वाग्रहों के कारण लैंगिक असमानता और बढ़ जाती है।
  • डिजिटल असमानता
    • प्रौद्योगिकी तक पहुँच: भारत ने इंटरनेट पहुँच के मामले में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन डिजिटल विभाजन अभी भी बना हुआ है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
    • कार्यात्मक प्रौद्योगिकी वाले स्कूल: केवल 52.7% स्कूलों में कार्यात्मक कंप्यूटर हैं और 53.9% स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा है।
    • शैक्षणिक असमानता: स्कूलों में डिजिटल बुनियादी ढाँचे की कमी शैक्षिक विभाजन को बढ़ाती है, जिससे ग्रामीण छात्रों के लिए प्रौद्योगिकी तक पहुँच सीमित हो जाती है।

डिजिटल विभाजन और शिक्षा

  • ग्रामीण और शहरी छात्रों पर प्रभाव: आधुनिक शिक्षा और रोजगार के अवसरों के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी तक पहुँच महत्त्वपूर्ण है।
    • केवल 41.8% घरों में ब्रॉडबैंड की सुविधा है, जिससे शैक्षिक असमानता और गहरी हो गई है।
    • जब वायु प्रदूषण के कारण स्कूल बंद हो जाते हैं (जैसे- नई दिल्ली में), तो केवल डिजिटल रूप से सुसज्जित घरों के छात्र ही अपनी पढ़ाई जारी रख पाते हैं।
  • लैंगिक और डिजिटल विभाजन
    • ग्रामीण क्षेत्रों में, केवल 25% महिलाओं के पास इंटरनेट की सुविधा है, जबकि पुरुषों के लिए यह आँकड़ा 49% है।
    • यह डिजिटल अंतर महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता, रोजगार और शिक्षा तक पहुँच में बाधा डालता है।

असमानताओं के बीच अंतर्संबंध

  • संचयी प्रभाव: डिजिटल असमानता मौजूदा लैंगिक, आर्थिक और सामाजिक असमानताओं को और बढ़ा देती है।
    • महिलाओं का डिजिटल विभाजन: इंटरनेट की कमी महिलाओं को ऑनलाइन बैंकिंग, नौकरी और शिक्षा सहित आवश्यक अवसरों तक पहुँचने से रोकती है।

निष्कर्ष 

गिनी इंडेक्स की कार्यप्रणाली भारत में असमानता की जटिलता को नहीं दर्शाती, जहाँ डिजिटल, लैंगिक, धन और शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक अंतर मौजूद हैं। भारत को नीतिगत सुधारों, समावेशी आर्थिक विकास और समाज के सभी वर्गों के लिए संसाधनों तक समान पहुँच के माध्यम से इन असमानताओं को दूर करने की आवश्यकता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.