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Lokesh Pal
March 26, 2025 02:03
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संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की खाद्य अपशिष्ट सूचकांक रिपोर्ट, 2024 से पता चलता है कि वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर 1.05 बिलियन टन भोजन बर्बाद हो गया, जो उपभोक्ताओं को उपलब्ध भोजन का लगभग 20% है। भारत इस संकट में सर्वाधिक योगदान देने वाले देशों में से एक है।
भारत को अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने, खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने और सामाजिक असमानता को कम करने के लिए खाद्य अपशिष्ट से तत्काल निपटना चाहिए। उचित उपभोग और सतत् खाद्य प्रणालियाँ संसाधन अनुकूलन और भुखमरी मुक्त भविष्य सुनिश्चित कर सकती हैं।
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