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ग्लोबल गैस फ्लेयरिंग ट्रैकर रिपोर्ट

Lokesh Pal August 01, 2025 02:43 10 0

संदर्भ

हाल ही में ग्लोबल गैस फ्लेयरिंग ट्रैकर रिपोर्ट ने गैस फ्लेयरिंग से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन (CO₂e) में वृद्धि पर प्रकाश डाला।

ग्लोबल गैस फ्लेयरिंग ट्रैकर रिपोर्ट के बारे में

  • विश्व बैंक का ग्लोबल गैस फ्लेयरिंग ट्रैकर, गैस फ्लेयरिंग का एकमात्र स्वतंत्र वैश्विक  संकेतक है।
  • ये अनुमान हमें वैश्विक फ्लेयरिंग स्तरों की निगरानी करने और वर्ष 2030 तक शून्य नियमित फ्लेयरिंग की दिशा में प्रगति की निगरानी करने में सहायता करते हैं।

वर्ष 2025 ग्लोबल गैस फ्लेयरिंग ट्रैकर रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

  • उत्सर्जन में तीव्र वृद्धि: वर्ष 2024 में फ्लेयरिंग से कुल उत्सर्जन 389 MtCO₂e तक पहुँच गया, जो वर्ष 2023 से 9 MtCO₂e अधिक है, जो 2 मिलियन पेट्रोल कारों द्वारा उत्सर्जन के बराबर है।
  • मेथेन की भूमिका: कुल उत्सर्जन में से, 46 MtCO₂e  बिना दहित मेथेन के कारण थे, जो एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, जिसकी ग्लोबल वार्मिंग क्षमता CO₂ से कहीं अधिक है।
    • 20 वर्षों की अवधि में, मेथेन की ग्लोबल वार्मिंग क्षमता (GWP) CO2 की तुलना में 84-87 गुना अधिक होती है।
    • ग्लोबल वार्मिंग क्षमता (Global Warming Potential- GWP): ग्लोबल वार्मिंग क्षमता (GWP) एक माप है, जो यह दर्शाता है कि एक ग्रीनहाउस गैस एक विशिष्ट समयावधि, आमतौर पर 100 वर्षों में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की तुलना में वायुमंडल में कितनी ऊष्मा धारण करती है।
      • CO₂ को 1 GWP दिया गया है।
      • उच्च GWP वाली गैसें अधिक ऊष्मा अवशोषित करती हैं और प्रति इकाई द्रव्यमान ग्लोबल वार्मिंग में अधिक योगदान देती हैं।
  • सर्वाधिक गैस दहन वाले देशों की हिस्सेदारी: सर्वाधिक गैस दहन वाले नौ देश रूस, ईरान, इराक, अमेरिका, वेनेजुएला, अल्जीरिया, लीबिया, मैक्सिको और नाइजीरिया थे और वैश्विक गैस दहन की घटनाओं में इनका योगदान 76% था।
  • उल्लेखनीय वृद्धि: नाइजीरिया में गैस दहन की घटनाओं में 12% की वृद्धि हुई, जो वैश्विक स्तर पर दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि है। तेल उत्पादन में केवल 3% की वृद्धि के बावजूद, गैस दहन की तीव्रता में 8% की वृद्धि हुई।

गैस फ्लेयरिंग क्या है?

  • परिभाषा: गैस फ्लेयरिंग तेल निष्कर्षण के दौरान प्राकृतिक गैस दहन की प्रक्रिया है।
  • गैस फ्लेयरिंग के स्रोत
    • नियमित फ्लेयरिंग: पाइपलाइन या भंडारण सुविधाओं की कमी के कारण गैस का लगातार दहन।
    • आपातकालीन फ्लेयरिंग: प्रसंस्करण इकाइयों में दाब कम करने के लिए सुरक्षा तंत्र।
    • अनियोजित फ्लेयरिंग: उपकरण की खराबी या बिजली कटौती के कारण।
  • घटक: फ्लेयर गैस हाइड्रोकार्बन और अन्य गैसों का मिश्रण है। इसकी संरचना में आमतौर पर शामिल हैं:
    • मेथेन (CH₄)
    • एथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन
    • कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
    • हाइड्रोजन सल्फाइड (H₂S)
    • नाइट्रोजन और जल वाष्प
    • वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (बेंजीन, टालूइन , जाइलीन आदि जैसे VOC)।
  • पर्यावरणीय प्रभाव: जब गैस पूरी तरह से नहीं जलती है, तो इससे न केवल CO₂, बल्कि मेथेन और ब्लैक कार्बन भी निकलता है, जो दोनों ही शक्तिशाली अल्पकालिक जलवायु प्रदूषक हैं।
    • फ्लेयरिंग से मूल्यवान ईंधन संसाधन भी बर्बाद होते हैं, जिनका उपयोग किया जा सकता है, इसलिए फ्लेयरिंग को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।

गैस फ्लेयरिंग के कारण उत्सर्जन को कम करने के तरीके

  • गैस प्रग्रहण और उपयोग प्रौद्योगिकियाँ
    • जलाशयों में प्रग्रहण: दाब बनाए रखने और तेल की प्राप्ति बढ़ाने के लिए गैस को प्रग्रहित किया जा सकता है।
    • गैस-से-बिजली परियोजनाएँ: संगृहीत गैस का उपयोग औद्योगिक और स्थानीय सामुदायिक उपयोग के लिए बिजली उत्पादन में किया जाता है।
    • गैस-से-द्रव (Gas-to-Liquids-GTL) रूपांतरण: फ्लेयर गैस को डीजल और अन्य ईंधनों में परिवर्तित किया जा सकता है।
  • बुनियादी ढाँचा निवेश और नीतिगत प्रोत्साहन
    • पाइपलाइनों और गैस प्रसंस्करण सुविधाओं के विकास से नियमित रूप से होने वाली फ्लेयरिंग में कमी आ सकती है।
    • तेल उत्पादकों को संबद्ध गैस का मुद्रीकरण करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन।
    • फ्लेयरिंग की सीमा पार करने पर दंड, फ्लेयरिंग में कमी लाने के लिए नवाचार को प्रोत्साहित करना।
  • मेथेन खोज और निगरानी प्रणाली
    • उपग्रह-आधारित निगरानी, फ्लेयरिंग की मात्रा की निगरानी करने और उसकी पुष्टि करने में मदद करती है।
    • सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणालियाँ (Continuous Emission Monitoring Systems- CEMS) नियामक अनुपालन के लिए वास्तविक समय में फ्लेयरिंग के आँकड़ों को उपलब्ध कराती हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग और लक्ष्य
    • विश्व बैंक के नेतृत्व वाली ‘ग्लोबल फ्लेयरिंग एंड मेथेन रिडक्शन पार्टनरशिप (Global Flaring and Methane Reduction Partnership- GFMR) डेटा पारदर्शिता और प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान को बढ़ावा देती है।
    • वर्ष 2030 के वैश्विक चरणबद्ध समापन लक्ष्य को पूरा करने के लिए, देशों को अब नियमित फ्लेयरिंग में वार्षिक रूप से लगभग 40% की कटौती करनी होगी।
    • विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र द्वारा अप्रैल 2015 में शुरू की गईवर्ष 2030 तक शून्य नियमित फ्लेयरिंग” (ZRF) पहल का उद्देश्य इस दशक के अंत तक नियमित ‘गैस फ्लेयरिंग’ को समाप्त करना है।

निष्कर्ष

लगभग दो दशकों में फ्लेयरिंग की तीव्रता अपने उच्चतम स्तर पर होने के कारण, इस प्रवृत्ति को उलटने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। उत्सर्जन को कम करने और वर्ष 2030 तक वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मजबूत नियमन, तकनीकी समाधान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक होगा।

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