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ग्लोबल पीटलैंड हॉटस्पॉट एटलस 2024

Lokesh Pal November 29, 2024 02:34 4 0

संदर्भ

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के ‘ग्लोबल पीटलैंड इनिशिएटिव’ द्वारा ‘ग्लोबल पीटलैंड हॉटस्पॉट एटलस (GPHA), 2024 प्रकाशित किया गया है।

ग्लोबल पीटलैंड हॉटस्पॉट एटलस

  • उद्देश्य: पीटलैंड की वैश्विक स्थिति के बारे में डेटा और अंतर्दृष्टि प्रदान करना, संरक्षण तथा सतत् प्रबंधन के लिए खतरों एवं अवसरों पर प्रकाश डालना।
  • उद्देश्य: पीटलैंड संरक्षण पर सूचित निर्णय लेने के लिए विज्ञान और नीति के बीच के अंतर को कम करना।

ग्लोबल पीटलैंड हॉटस्पॉट एटलस (GPHA), 2024  के मुख्य निष्कर्ष

  • मानचित्र अद्यतन: एटलस ग्लोबल पीटलैंड्स असेसमेंट (2022) और ग्लोबल पीटलैंड मैप 2.0 पर विस्तार करता है, जो UNEP ग्लोबल पीटलैंड्स इनिशिएटिव के प्रमुख प्रयास हैं।
    • इसने जलवायु परिवर्तन, भूमि उपयोग और जैव विविधता पर डेटा को शामिल करते हुए हॉटस्पॉट मानचित्रों को अद्यतन किया।

  • पीटलैंड वितरण और क्षरण: एटलस ने वैश्विक स्तर पर 488 मिलियन हेक्टेयर पीटलैंड की पहचान की है, जिसमें से 12% को अत्यधिक क्षरण के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • पीटलैंड उत्सर्जन: मानवीय गतिविधियों के कारण क्षरण वाले पीटलैंड से महत्त्वपूर्ण उत्सर्जन हो रहा है, जो प्रति वर्ष 1,941 मीट्रिक टन CO₂ का योगदान देता है।

पीटलैंड्स के बारे में

  • परिभाषा: पीटलैंड एक आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र हैं, जहाँ जलभराव की स्थिति वनस्पति के अपघटन को धीमा कर देती है, जिससे पीट मृदा का निर्माण होता है।
  • वितरण: पीटलैंड्स लगभग सभी देशों में पाया जाता है, जो पृथ्वी की भूमि सतह के लगभग 3 से 4 प्रतिशत भाग को कवर करता है।
  • क्षेत्र: पूर्वी हिमालय, पश्चिमी घाट और उत्तर-पूर्व भारतीय क्षेत्र।
    • पीटलैंड भारत के भू-भाग के अपेक्षाकृत छोटे प्रतिशत को कवर करते हैं, अनुमान है कि यह लगभग 0.2% है जो मुख्यत: पूर्वी हिमालय, पश्चिमी घाट और उत्तर-पूर्व भारतीय क्षेत्र में विस्तृत है।
    • कांगो बेसिन में सबसे बड़ा ज्ञात उष्णकटिबंधीय पीटलैंड है।

विश्व  भर में पाए जाने वाले पीटलैंड के प्रकार

पीटलैंड का प्रकार

विवरण

अवस्थिति 

माइर्स (Mires) सक्रिय रूप से पीट का संचय, विशेष रूप से आर्द्रभूमि में। कनाडा, रूस, स्कैंडिनेविया, इंडोनेशिया और अमेजन बेसिन।
बोग्स (ओम्ब्रोजेनस माइर्स) [Bogs (Ombrogenous Mires)]

केवल वर्षा से जल प्राप्त करने वाली उन्नत पीटलैंड, पोषक तत्त्वों से विहीन और अम्लीय।

उत्तरी यूरोप (आयरलैंड, स्कॉटलैंड, फिनलैंड), कनाडा, रूस और उत्तर-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ हिस्से।

फेंस (जियोजेनस माइर्स) [Fens (Geogenous Mires)]

खनिज-समृद्ध जल से पोषित, अवसादों में स्थित पीटलैंड, दलदलों की तुलना में कम अम्लीय होते हैं।

मध्य यूरोप (जर्मनी, पोलैंड), ग्रेट लेक्स क्षेत्र (अमेरिका और कनाडा) और पश्चिमी साइबेरियाई मैदान।

सोलिजेनस फेंस (Soligenous Fens)

वर्षा और सतही अपवाह दोनों से जल प्राप्त होता है, जो प्रायः पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है।

मध्य यूरोप, आल्प्स और पूर्वी कनाडा।
लिथोजेनस फेंस (Lithogenous Fens)

घाटियों या बेसिनों में बनने वाले वर्षा और गहरे भूजल से प्राप्त जल से निर्मित

हिमालय की तराई, न्यूजीलैंड और दक्षिण अमेरिका के समशीतोष्ण क्षेत्र (पैटागोनिया)।

हिस्टोसोल्स

पीटलैंड मिट्टी में कार्बनिक कार्बन की मात्रा अधिक (12-18%) तथा न्यूनतम मोटाई 40 सेमी.।

उष्णकटिबंधीय पीटलैंड (इंडोनेशिया, मलेशिया), बोरियल पीटलैंड (रूस, कनाडा) और समशीतोष्ण क्षेत्र (स्कॉटलैंड, आयरलैंड)।

पीटलैंड (Peatlands) और वेटलैंड्स (Wetlands) के बीच अंतर 

पहलू

पीटलैंड

वेटलैंड्स (आर्द्रभूमि)

परिभाषा

पीटलैंड एक विशिष्ट प्रकार की आर्द्रभूमि है, जिसमें पीट (आंशिक रूप से सड़े हुए कार्बनिक पदार्थ) का संचय होता है।

आर्द्रभूमियाँ ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र हैं, जहाँ भूमि स्थायी रूप से या मौसमी रूप से जल से संतृप्त रहती है, जिससे जलीय वनस्पति को पोषण मिलता है।

मृदा संरचना

मुख्य रूप से कार्बन (पीट) से समृद्ध कार्बनिक मृदा से निर्मित, जिसमें कम-से-कम 40 सेमी मोटाई कार्बनिक पदार्थ होते हैं।

इनमें खनिज या कार्बनिक मृदा हो सकती है, जो प्रायः पीटलैंड की तुलना में कम कार्बन युक्त होती है।
प्राथमिक कार्य

प्रमुख कार्बन सिंक के रूप में कार्य करते हैं तथा विशाल मात्रा में कार्बनिक पदार्थ का भंडारण करते हैं।

जल निस्पंदन, बाढ़ विनियमन और विभिन्न प्रजातियों के लिए आवास जैसे विविध पारिस्थितिक गतिविधियों का क्रियान्वयन करना।

वैश्विक वितरण

ठंडे जलवायु वाले क्षेत्रों में पाया जाता है, जैसे कि बोरियल और उष्णकटिबंधीय क्षेत्र (जैसे, कनाडा, इंडोनेशिया)।

यह विश्व भर में उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण दोनों क्षेत्रों में वितरित है, जिसमें दलदली भूमि और मैंग्रोव वन शामिल हैं।

पारिस्थितिकी में पीटलैंड की भूमिका

  • कार्बन भंडारण: पीटलैंड में कार्बन की एक बड़ी मात्रा जमा होती है, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक प्राकृतिक बफर के रूप में कार्य करती है। वे विश्व के सभी वनों से भी अधिक कार्बन भंडारण करते हैं।
    • इनमें विश्व के मृदा के कार्बन का एक-तिहाई हिस्सा होता है, जो विश्व के वनों में पाए जाने वाले कार्बन की मात्रा से दोगुना है।
  • जलवायु विनियमन: वायुमंडलीय कार्बन को अलग करके, पीटलैंड जलवायु को विनियमित करने और शीतलन प्रभाव प्रदान करने में मदद करते हैं।
  • जल प्रबंधन: ये आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र जल आपूर्ति को विनियमित करने और शुद्ध करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो मानव उपभोग तथा स्वस्थ जलीय पारिस्थितिकी तंत्र दोनों का समर्थन करते हैं।
  • जैव विविधता: पीटलैंड कई प्रकार के दुर्लभ और लुप्तप्राय पौधों और जानवरों की प्रजातियों के लिए महत्त्वपूर्ण आवास प्रदान करते हैं।
  • सांस्कृतिक महत्त्व: पीटलैंड अपनी जलभराव स्थितियों के कारण पुरातात्त्विक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित कर सकते हैं।
  • आजीविका: स्थानीय समुदाय अक्सर पीटलैंड द्वारा प्रदान की जाने वाली पारिस्थितिकी सेवाओं और संसाधनों पर निर्भर होते हैं।

पीटलैंड क्षरण के लिए जिम्मेदार कारक

  • कृषि: जल निकासी और पीटलैंड को कृषि उपयोग के लिए परिवर्तित करने जैसी प्रथाएँ उनके क्षरण में योगदान करती हैं। 
  • पीट निष्कर्षण: ईंधन और अन्य उपयोगों के लिए पीट का निष्कर्षण सीधे पीटलैंड को नष्ट कर देता है। 
  • औद्योगिक गतिविधियाँ: खनन और तेल और गैस की खोज जैसी औद्योगिक गतिविधियाँ पीटलैंड पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित कर सकती हैं। 
  • बुनियादी ढाँचा विकास: सड़क निर्माण जैसी विकास परियोजनाएँ पीटलैंड की प्राकृतिक जल विज्ञान को बाधित कर सकती हैं, जिससे सूखना और क्षरण हो सकता है।

पीटलैंड का मानचित्रण 

  • पीटलैंड मैपिंग पीटलैंड के स्थान और स्थिति की पहचान करती है।
  • संरक्षण और बहाली के प्रयासों के साथ मिलकर, यह जल विनियमन सेवाओं का समर्थन करता है, जैसे कि बाढ़ की तीव्रता को कम करना, साथ ही जैव विविधता को संरक्षित करना।

मानचित्रण पद्धतियाँ

  • भू-आधारित सर्वेक्षण: प्रत्यक्ष क्षेत्र अवलोकन और मृदा का नमूना लेना।
  • रिमोट सेंसिंग: सैटेलाइट इमेजरी और हवाई फोटोग्राफी।
  • SEPAL प्लेटफॉर्म: भूमि निगरानी के लिए पृथ्वी अवलोकन डेटा एक्सेस, प्रोसेसिंग और विश्लेषण प्रणाली (SEPAL) प्लेटफॉर्म में भूमि उपयोग और भूमि उपयोग परिवर्तन निगरानी के लिए कई उपकरण शामिल हैं। इसमें पीटलैंड-विशिष्ट मॉड्यूल भी शामिल हैं।
    • यह क्लाउड-आधारित निगरानी प्लेटफॉर्म और उच्च-गुणवत्ता वाली इमेजरी तक निःशुल्क पहुँच प्रदान करता है।
  • सैटेलाइट आधारित निगरानी: वनस्पति, जल स्तर और भूमि उपयोग में परिवर्तनों को ट्रैक करने के लिए उपग्रह डेटा का उपयोग करना।
  • भू-आधारित निगरानी: पीट की गहराई, जल स्तर और वनस्पति आवरण को मापने के लिए फील्ड सर्वेक्षण।

पारिस्थितिकी पर पीटलैंड क्षरण का प्रभाव

  • उत्सर्जन: खराब हो चुके पीटलैंड ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के महत्त्वपूर्ण स्रोत बन गए हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन में तेजी आ रही है।
  • जल व्यवधान: क्षरण जल प्रबंधन में पीटलैंड की भूमिका को बाधित करता है, जिससे बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है और संभावित जल की कमी हो जाती है।
  • जैव विविधता का नुकसान: आवास विनाश और परिवर्तित पारिस्थितिकी तंत्र पीटलैंड में पाए जाने वाले वनस्पति और जंतुओं के जीवन के अस्तित्व को खतरे में डालते हैं।

पीटलैंड संरक्षण के लिए कानूनी और नीतिगत ढाँचा 

  • वैश्विक पहल
    • रामसर कन्वेंशन: यह अंतरराष्ट्रीय संधि पीटलैंड सहित आर्द्रभूमि के महत्त्व को मान्यता देती है तथा उनके संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देती है।
    • UNFCCC: जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन कार्बन पृथक्करण और जलवायु शमन में पीटलैंड की भूमिका को स्वीकार करता है।
      • ग्लोबल पीटलैंड इनिशिएटिव (Global Peat land Initiative): मोरक्को के मराकेश में वर्ष 2016 UNFCCC COP में स्थापित, UNEP वैश्विक पीटलैंड पहल विश्व भर में पीटलैंड के संरक्षण और सतत् प्रबंधन की दिशा में कार्य करती है।
  • राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय नीतियाँ 
    • देश-विशिष्ट कानून: कई देशों में पीटलैंड की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय कानून और नियम हैं।
      • IUCN UK पीटलैंड कार्यक्रम ब्रिटेन में पीटलैंड पुनरुद्धार को बढ़ावा देने के लिए मौजूद है और पीटलैंड के अनेक लाभों की सिफारिश करता है।
    • क्षेत्रीय पहल: यूरोपीय संघ जैसे क्षेत्रीय संगठनों ने पीटलैंड के संरक्षण के लिए नीतियाँ  लागू की हैं।

आगे की राह

  • नीति और कार्रवाई: ग्लोबल पीटलैंड हॉटस्पॉट एटलस नीति निर्माताओं और हितधारकों के लिए कार्रवाई का आह्वान है, ताकि सूचित निर्णयों के माध्यम से पीटलैंड संरक्षण और सतत् प्रबंधन को प्राथमिकता दी जा सके।
  • वैश्विक पहल: पीटलैंड पर वैश्विक कार्रवाई के लिए दिशा-निर्देश (2002), पीटलैंड संरक्षण पर UNEA-4 संकल्प (2019), और UNEP वैश्विक पीटलैंड पहल जैसी मौजूदा पहल पीटलैंड संरक्षण की दिशा में चल रहे प्रयासों को प्रदर्शित करती हैं।
  • संधारणीय प्रथाएँ: पीटलैंड क्षेत्रों में कृषि, पीट निष्कर्षण और असंधारणीय विकास जैसी गतिविधियों को कम करना आगे के क्षरण को रोकने के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • पुनर्स्थापना प्रयास: पीटलैंड बहाली परियोजनाओं में निवेश करने से कार्बन पृथक्करण, बेहतर जल प्रबंधन और जैव विविधता संरक्षण के लिए महत्त्वपूर्ण लाभ प्राप्त होते हैं।

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