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वैश्विक प्लास्टिक संधि वार्ता विफल होना

Lokesh Pal December 03, 2024 04:00 79 0

संदर्भ

दक्षिण कोरिया के बुसान में संयुक्त राष्ट्र अंतरसरकारी वार्ता समिति (Intergovernmental Negotiating Committee- INC-5) में एक सप्ताह की वार्ता के बावजूद, उत्पादन में कटौती पर महत्त्वपूर्ण असहमति के साथ, एक फ्रेमवर्क समझौते पर कोई सहमति नहीं बन पाई।

  • प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने संबंधी चर्चा करने के लिए लगभग 170 देशों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र अंतरसरकारी वार्ता समिति (INC-5) में भाग लिया था।

संयुक्त राष्ट्र अंतरसरकारी वार्ता समिति (INC-5)

  • स्थापना: वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण संकट के प्रत्युत्तर में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UN Environment Assembly- UNEA) द्वारा वर्ष 2022 में स्थापित किया गया।
  • उद्देश्य: प्लास्टिक प्रदूषण पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक कानूनी रूप से बाध्यकारी फ्रेमवर्क विकसित करना, जो उत्पादन से लेकर निपटान तक प्लास्टिक के पूर्ण जीवन चक्र को संबोधित करता हो।
  • लक्ष्य: प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना, विशेष रूप से समुद्री वातावरण में एवं सतत् प्लास्टिक प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देना।

असहमति संबंधी प्रमुख मुद्दे

  • प्लास्टिक उत्पादन में कटौती पर असहमति: यूरोपीय संघ सहित देशों के एक समूह ने प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए प्लास्टिक उत्पादन में कटौती को महत्त्वपूर्ण बताते हुए तर्क दिया।
    • सऊदी अरब एवं कुवैत जैसे देशों ने ऐसे उपायों को पर्यावरणीय कार्रवाई के बजाय आर्थिक प्रतिबंध के रूप में चिह्नित किया।
    • भारत ने विकासात्मक अधिकारों एवं आर्थिक निहितार्थों का हवाला देते हुए प्राथमिक प्लास्टिक पॉलिमर उत्पादन को विनियमित करने का विरोध किया।
  • अधिदेश की अलग-अलग व्याख्याएँ: कुछ प्रतिनिधियों ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं के संदर्भ में व्यापार प्रतिबंधों एवं वाणिज्यिक प्रतिस्पर्द्धा को शामिल करने के लिए संधि के अधिदेश को बढ़ाने का आरोप लगाया है।
  • विवादास्पद लक्ष्य: मसौदा संधि में प्लास्टिक उत्पादों में एकल-उपयोग प्लास्टिक एवं विशिष्ट रासायनिक यौगिकों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए वर्ष-वार लक्ष्य शामिल थे।

संधि पर भारत की स्थिति

  • भारत ने विकास पर इसके प्रभाव पर जोर देते हुए प्राथमिक प्लास्टिक पॉलिमर उत्पादन को विनियमित करने के उपायों का विरोध किया।
  • अल्पकालिक प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध एवं मजबूत विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी (Extended Producer Responsibility- EPR) व्यवस्था सहित घरेलू कार्रवाइयों पर प्रकाश डाला गया।
    • EPR एक नीतिगत दृष्टिकोण है, जो उत्पादकों को उपभोक्ता के बाद अपशिष्ट प्रबंधन सहित अपने उत्पादों के पूरे जीवनचक्र के लिए जिम्मेदार बनाता है।
    • भारत में EPR कार्यान्वयन प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 द्वारा नियंत्रित होता है। ये नियम अनिवार्य करते हैं कि निर्माता, आयातक एवं ब्रांड मालिक अपने प्लास्टिक अपशिष्ट को इकट्ठा करने तथा रीसाइक्लिंग के लिए जिम्मेदार हैं।
  • टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग एवं वर्जिन सामग्री के उपयोग को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उत्पादन लक्ष्य की कीमत पर नहीं।

भविष्य के लिए वार्ता एवं चिंताएँ

  • संबंधित वार्ता वर्ष 2025 में पुनः शुरू होगी, जिसे अस्थायी रूप से INC-5.2 शीर्षक दिया गया है, INC 5 के अंत में संशोधित मसौदा पाठ भविष्य की चर्चाओं के आधार के रूप में कार्य कर सकता है।
  • ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिकी नेतृत्व में प्रत्याशित परिवर्तनों के साथ पर्यवेक्षक इसमें होने वाली देरी एवं महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों के बारे में चिंतित हैं।
  • कई देशों ने चिंता जताई है कि पेट्रोकेमिकल उत्पादक देशों के आर्थिक हित प्लास्टिक प्रदूषण पर सार्थक कार्रवाई को रोक सकते हैं।

आगे की राह

  • समावेशी संवाद को बढ़ावा देना: आर्थिक प्रभावों एवं विकासात्मक अधिकारों के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए राष्ट्रों के बीच पारदर्शी तथा समावेशी परामर्श की सुविधा प्रदान करना, उत्पादन नियमों के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण को बढ़ावा देना।
  • ओपन-एक्सेस टेक्नोलॉजी शेयरिंग को मजबूत करना: प्लास्टिक के उपयोग को कम करने एवं विकल्प तैयार करने, वर्जिन प्लास्टिक पर निर्भरता को कम करने के लिए टिकाऊ प्रौद्योगिकियों तथा प्रथाओं को साझा करने के लिए वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित करना।
  • चरणबद्ध लक्ष्यों पर ध्यान देना: उत्पादन में कटौती एवं प्लास्टिक विकल्पों के लिए यथार्थवादी, चरणबद्ध लक्ष्य विकसित करना, जिससे राष्ट्रों को विकास लक्ष्यों से समझौता किए बिना धीरे-धीरे परिवर्तन करने की अनुमति मिल सके।
  • निगरानी एवं अनुपालन बढ़ाना: यह सुनिश्चित करते हुए गैर-अनुपालन की निगरानी एवं समाधान करने के लिए तंत्र स्थापित करना कि यह संधि उभरती प्रौद्योगिकियों तथा वैज्ञानिक प्रगति के अनुकूल बनी रहे।

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