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वैश्विक सर्जरी (global surgery)

Samsul Ansari January 16, 2024 04:14 260 0

संदर्भ

वैश्विक सर्जरी आपातकालीन और आवश्यक सर्जरी तक न्यायोचित पहुँच पर केंद्रित है। इसमें अनुपलब्धता, रोगों का बढ़ता दायरा और आर्थिक बोझ सहित कई चुनौतियाँ शामिल हैं। वैश्विक कैंसर सर्जरी पर लैंसेट आयोग (Lancet Commission On Global Cancer Surgery) के अनुसार, शल्य चिकित्सा (सर्जरी) का राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण योजनाओं में प्रमुख स्थान है।

  • इसके विपरीत, गैर-संचारी रोगों पर भारत के नए दिशा-निर्देश (2023) जो कि कैंसर पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, उनमें सर्जरी का बहुत कम उल्लेख है।

वैश्विक स्वास्थ्य (Global Health) क्या है?

  • वैश्विक स्वास्थ्य, अनुसंधान और अभ्यास का एक क्षेत्र है, जो स्वास्थ्य में सुधार लाने और दुनिया भर में स्वास्थ्य संबंधी समानता हासिल करने का प्रयास करता है।

वैश्विक सर्जरी और सतत विकास लक्ष्य, 2030

  • वैश्विक सर्जरी विशेष रूप से निम्नलिखित सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals- SDG), 2030 की उपलब्धि में योगदान देती है।

वैश्विक सर्जरी (Global Surgery) के बारे में

  • वैश्विक सर्जरी आपातकालीन और आवश्यक सर्जरी तक न्यायोचित पहुँच पर केंद्रित है।
    • यह वैश्विक स्वास्थ्य का एक अनिवार्य घटक है।
  • सर्जरी, प्रसूति, आघात और एनेस्थीसिया (SOTA): इनमें सर्जरी (Surgery), प्रसूति (Obstetrics), आघात (Trauma) और एनेस्थीसिया (Anesthesia) अर्थात्  SOTA जैसी आवश्यक और आपातकालीन सर्जरी शामिल हैं।
  • प्रमुख फोकस: इसका मुख्य फोकस ‘निम्न और मध्यम आय वाले देशों’ (Low and Middle Income Countries- LMICs) पर केंद्रित है।
    • यह उच्च आय वाले देशों (HICs) में इन सेवाओं की पहुँच संबंधी असमानताओं और कम सेवा वाली आबादी को भी प्राथमिकता देता है।
  • सुरक्षित सर्जरी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की घोषणा (WHO संकल्प 68.15): वैश्विक कैंसर सर्जरी पर लैंसेट आयोग (LCoGS) ने WHO संकल्प 68.15 के पारित होने का मार्ग प्रशस्त किया। इसका उद्देश्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के एक घटक के रूप में आपातकालीन और आवश्यक सर्जिकल केयर एंड एनेस्थीसिया प्रक्रिया को मजबूत करना है।
  • वर्ष 2015 एक चमत्कारिक वर्ष के रूप में: इस वर्ष को वैश्विक सर्जरी के लिए ‘एनस मिराबिलिस’ (Annus Mirabilis) या चमत्कारिक वर्ष माना जा सकता है क्योंकि इस वर्ष  वैश्विक स्तर पर सर्जिकल देखभाल के महत्त्व को पहचाना गया।

दक्षिण एशिया के संबंध में 

  • अनुपलब्धता: पाँच अरब लोगों में से 1.6 अरब के पास दक्षिण एशिया में रहने की सुविधा नहीं है, जिसका अर्थ है कि इसकी 98% से अधिक आबादी के पास सुरक्षित और किफायती SOTA देखभाल तक पहुँच नहीं है।
  • रोगों का बढ़ता दायरा: दक्षिण एशिया में विकलांगता समायोजित जीवन वर्ष (DALY) दर, निम्न या मध्यम आय वाले देशों (LMICs) के औसत से अधिक थी।
    • नवजात और मातृ रोग, जन्मजात विसंगतियाँ, पाचन संबंधी रोग और चोटों की शल्य चिकित्सा में दक्षिण एशिया का योगदान क्रमशः 50.46%, 32.49%, 26.67% और 33.35% है।
  • आर्थिक बोझ: दक्षिण एशिया वैश्विक अदृश्य कल्याण (Global Lost Welfare) में लगभग 7% का योगदान देता है।
  • दक्षिण एशिया में विभिन्न सरकारों द्वारा लिए गए निर्णय: भारत में, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से 40% गरीब भारतीयों को शून्य या नगण्य लागत पर सर्जरी सुविधा प्रदान की गई। 
    • पाकिस्तान ने एक राष्ट्रीय सर्जिकल केयर विजन तैयार किया है और नेपाल ने एक राष्ट्रीय सर्जिकल प्रसूति एनेस्थीसिया योजना (NSOAP) शुरू किया है।

वैश्विक सर्जरी से जुड़ी चुनौतियाँ

  • अनुपलब्धता: वैश्विक कैंसर सर्जरी पर लैंसेट आयोग (LCoGS) के अनुसार, पाँच अरब लोगों या वैश्विक आबादी के 70% से अधिक लोगों को जरूरत पड़ने पर सुरक्षित और किफायती सर्जिकल देखभाल समय पर नहीं मिलती है, जब इसकी उनको आवश्यकता होती है।
    • निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों (Low and Lower-Middle-Income Countries- LLMICs) में क्रमशः 99% और 96% लोगों को पहुँच में अंतर का सामना करना पड़ता है, जबकि उच्च आय वाले देशों (HICs) में यह 24% है।
    • रोगों का बढ़ता दायरा: वर्ष 2010 में, लगभग 17 मिलियन मौतें शल्य चिकित्सा द्वारा उपचार योग्य स्थितियों के कारण हुईं।
    • ग्लोबल सर्ज कोलेबोरेटिव के अनुसार, पेरिऑपरेटिव मृत्यु दर (Perioperative Mortality Rate), मृत्यु का तीसरा सबसे आम कारण है और यह आंशिक रूप से समय पर देखभाल की कमी, असुरक्षित सर्जरी तथा सर्जिकल प्रणाली की सीमित क्षमता के कारण है।
  • आर्थिक बोझ: वर्ष 2030 तक 128 देशों में सर्जिकल देखभाल के पैमाने में वृद्धि के अभाव के कारण सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को अनुमानित नुकसान 20.7 खरब डॉलर (क्रय शक्ति समता के संदर्भ में) है।
    • 175 देशों में सामाजिक कल्याण में वार्षिक हानि लगभग 14.5 खरब डॉलर थी।
  • नीति-निर्माण में सर्जरी की उपेक्षा: 43 अफ्रीकी देशों की राष्ट्रीय स्वास्थ्य रणनीतिक योजनाओं के विश्लेषण से पता चला कि 19% ने सर्जरी का उल्लेख नहीं किया।
    • भारत में 70 से अधिक वर्षों के नीति निर्माण के विश्लेषण में सर्जरी पर भी सीमित ध्यान दिया गया है।
  • उपेक्षित फंडिंग: स्वास्थ्य के लिए विकासात्मक सहायता (Developmental Assistance for Health- DAH) के अनुसार, ट्रामा केयर में योगदान $1 प्रति DALY से भी कम है, जबकि HIV के लिए $41 प्रति DALY या क्षय रोग के लिए $25 है।

निष्कर्ष

  • सर्जरी ठीक से काम कर रही स्वास्थ्य प्रणाली का एक अभिन्न, अविभाज्य घटक है और सभी लोगों को जरूरत पड़ने पर वित्तीय सुरक्षा के साथ सुरक्षित, उच्च गुणवत्ता वाली सर्जिकल तथा एनेस्थीसिया देखभाल तक पहुँच होनी चाहिए। वैश्विक सर्जरी में चुनौतियाँ कठिन हैं लेकिन हल करने योग्य हैं।
  • वैश्विक सर्जरी चुनौतियों को हल करने के लिए अनुसंधान और नवाचार, नीति फोकस और निरंतर वित्तपोषण महत्त्वपूर्ण हैं।

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