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Lokesh Pal December 20, 2024 02:55 15 0
भारत ने उद्योगों को कार्बन मुक्त करने और वर्ष 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए वर्ष 2030 तक वार्षिक रूप से 5 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा है, लेकिन वित्तपोषण की चुनौतियाँ महत्त्वपूर्ण बाधाएँ उत्पन्न करती हैं।
ग्रीन हाइड्रोजन भारत के शुद्ध-शून्य लक्ष्यों को प्राप्त करने, उद्योगों को कार्बन-मुक्त करने और ऊर्जा स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए एक परिवर्तनकारी समाधान है। लागत बाधाओं को दूर करके, बुनियादी ढाँचे में वृद्धि कर और वैश्विक सहयोग का लाभ उठाकर, भारत वैश्विक ग्रीन हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था में अग्रणी के रूप में उभर सकता है।
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