हक्की-पिक्की जनजाति (Hakki Pikki Tribe) अपने विशिष्ट हेयर ऑयल सहित विभिन्न प्रकार के हर्बल उत्पादों के उत्पादन और बिक्री के लिए जानी जाती है।
हक्की पिक्की जनजाति
परिचय: हक्की-पिक्की जनजाति पश्चिम और दक्षिण भारत के वन क्षेत्रों में रहने वाली एक अर्द्ध-खानाबदोश जनजाति है।
पारंपरिक व्यवसाय: ‘हक्की पिक्की’ शब्द का कन्नड़ में अर्थ होता है ‘पक्षी पकड़ने वाले’, जो पक्षी पकड़ने वाले और शिकारी के रूप में उनके ऐतिहासिक व्यवसाय को दर्शाता है।
भौगोलिक विस्तार: वे कर्नाटक में एक प्रमुख जनजातीय समुदाय हैं, जो भारत के अन्य पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में भी निवास करते हैं, विशेष रूप से वन क्षेत्रों के पास।
प्रवास इतिहास: मूल रूप से उत्तरी भारत, मुख्यतः गुजरात और राजस्थान से आए ये लोग अब मुख्य रूप से कर्नाटक के शिवमोग्गा, दावणगेरे और मैसूर जिलों में पाए जाते हैं।
अनुसूचित जनजाति का दर्जा: उन्हें भारत में अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त है।
अनुसूचित जनजातियाँ भारत में जनजातीय समुदाय हैं, जिन्हें भारतीय संविधान द्वारा ‘अनुसूची 5’ के अंतर्गत मान्यता दी गई है।
यह शब्द भारत सरकार द्वारा उन समूहों की पहचान करने के लिए गढ़ा गया था, जो शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से गरीब थे और भेदभाव का सामना कर रहे थे।
समाज: इस जनजाति की समाजिक प्रकृति मातृसत्तात्मक है।
विशिष्ट परंपरा: परिवार में सबसे बड़े बेटे को आसानी से पहचाने जाने के लिए अपने बाल नहीं कटवाने पड़ते हैं।
इंडो-आर्यन भाषा: द्रविड़ भाषाओं से घिरे दक्षिणी भारत में रहने के बावजूद, वे इंडो-आर्यन भाषा बोलते हैं।
मातृभाषा: वे घर पर वागरी (Vaagri) बोलते हैं और दैनिक बातचीत के लिए कन्नड़ भाषा का उपयोग करते हैं।
वागरी बोली (Vaagri Booli) दक्षिणी भारत की एक अवर्गीकृत जनजातीय इंडो-आर्यन भाषा है।
लुप्तप्राय भाषा: यूनेस्को ने हक्की-पिक्की को लुप्तप्राय भाषाओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया है।
व्यवसाय: कठोर वन्यजीव कानूनों के कारण, इस जनजाति ने शिकार करना छोड़कर अन्य व्यवसाय अपना लिए हैं।
अब वे मसाले, फूल, आयुर्वेदिक औषधियाँ एवं हर्बल तेल बेचते हैं।
यह जनजाति विश्व भर में यात्रा करती है, विशेष रूप से अफ्रीका में, जहाँ उनके उत्पाद पश्चिमी चिकित्सा के सस्ते विकल्प के रूप में कार्य करते हैं।
धार्मिक प्रथाएँ: वे हिंदू परंपराओं का पालन करते हैं और हिंदू त्योहार मनाते हैं।
विवाह संबंधी रीति-रिवाज: यह जनजाति चचेरे भाई-बहनों के बीच विवाह को प्राथमिकता देती है।
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