केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय ने ग्रेट निकोबार में ₹72,000 करोड़ की मेगा-परियोजना में नए बुनियादी ढाँचे को जोड़ने का प्रस्ताव दिया है।
ग्रेट निकोबार द्वीपीय विकास परियोजना के बारे में
वर्ष 2021 में शुरू की गई ग्रेट निकोबार द्वीप (GNI) परियोजना, द्वीपों के समग्र विकास कार्यक्रम के तहत 72,000 करोड़ रुपये की एक मेगा परियोजना है।
इसका उद्देश्य GNI को व्यापार, पर्यटन एवं रणनीतिक सैन्य उपस्थिति के केंद्र में बदलना है।
नीति आयोग के तत्त्वावधान में क्रियान्वयन, प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता के लिए वैश्विक फर्मों और संस्थानों के साथ सहयोग।
नवंबर 2022 में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसे मंजूरी दे दी थी और यह इस क्षेत्र में भारत की रणनीतिक उपस्थिति और बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
इस परियोजना को चरणबद्ध तरीके से 30 वर्षों में विकसित किए जाने की उम्मीद है।
प्रमुख घटक
अंतरराष्ट्रीय ट्रांसशिपमेंट पोर्ट (International Transshipment Port- ITP): कैम्पबेल खाड़ी (Campbell Bay) में एक गहरे समुद्र का बंदरगाह, जो वैश्विक समुद्री व्यापार के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Greenfield International Airport): कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक आधुनिक हवाई अड्डे का विकास।
एकीकृत टाउनशिप (Integrated Township): निवासियों और कार्यबल के लिए आवास और सामाजिक अवसंरचना, जिसमें शैक्षणिक और स्वास्थ्य सेवा सुविधाएँ शामिल हैं।
दोहरे उपयोग वाली सैन्य-नागरिक अवसंरचना (Dual-Use Military-Civilian Infrastructure): नागरिक उपयोग को समर्थन देते हुए क्षेत्र में भारत की रक्षा स्थिति को मजबूत करना।
परियोजना में नया बुनियादी ढाँचा
क्रूज टर्मिनल: अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू उच्च-स्तरीय पर्यटन के लिए।
जहाज निर्माण एवं मरम्मत सुविधाएँ: समुद्र के किनारे 100 एकड़ भूमि की तलाश की जा रही है।
एक्जिम पोर्ट (Exim Port): निर्माण सामग्री के आयात एवं निर्यात के लिए।
मेगा परियोजना के मौजूदा घटक
गैलाथिया खाड़ी (Galathea Bay) में अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह।
नौसेना के नियंत्रण में सैन्य-नागरिक हवाई अड्डा।
130 वर्ग किलोमीटर के उष्णकटिबंधीय वन में विद्युत संयंत्र और ग्रीनफील्ड टाउनशिप।
ग्रेट निकोबार द्वीप (Great Nicobar Island- GNI) के बारे में
स्थान: बंगाल की खाड़ी में अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह का सबसे दक्षिणी द्वीप।
भूगोल: निकोबार द्वीप समूह का सबसे बड़ा हिस्सा, उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों वाला पहाड़ी इलाका।
इसमें 836 द्वीपों का समूह है।
भारत का सबसे दक्षिणी इंदिरा पॉइंट ग्रेट निकोबार द्वीप (GNI) के भौगोलिक शीर्ष पर है।
संरक्षित स्थल
ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिजर्व (Great Nicobar Biosphere Reserve)
कैंपबेल बे राष्ट्रीय उद्यान (Campbell Bay National Park)
गैलाथिया राष्ट्रीय उद्यान (Galathea National Park)।
पारिस्थितिक महत्त्व
लुप्तप्राय प्रजातियों सहित अद्वितीय वनस्पतियों एवं जीवों के साथ उच्च जैव विविधता।
समुद्री जीवन एवं प्रवाल भित्तियों के लिए महत्त्वपूर्ण।
जलवायु नियमन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वर्ष 2013 में यूनेस्को द्वारा बायोस्फीयर रिजर्व का विश्व नेटवर्क (World Network of Biosphere Reserve) नामित किया गया।
सामरिक एवं पर्यावरणीय चिंताएँ
गोपनीयता एवं सुरक्षा: संप्रभुता और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए RTI के अंतर्गत परियोजना के बारे में जानकारी देने से इनकार किया गया।
पर्यावरणीय प्रभाव: प्रवाल भित्ति, वन मंजूरी और CRZ प्रतिबंध पारिस्थितिकी मुद्दों को बढ़ाते हैं।
दृष्टिकोण में विरोधाभास: प्रस्तावित पर्यटन और जहाज-तोड़ने की गतिविधियाँ केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उल्लिखित रणनीतिक उद्देश्यों के साथ संभावित रूप से टकरावपूर्ण हैं।
कार्यान्वयन में चुनौतियाँ
नीति परिवर्तन: अलगाववादी नीतियों को उलटते हुए ग्रेट निकोबार को विदेशी जहाजों एवं पर्यटकों के लिए खोलना।
हितधारक मतभेद: नए प्रस्तावों की व्यवहार्यता और अनुकूलता को लेकर स्थानीय प्रशासन और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह एकीकृत विकास निगम लिमिटेड (Andaman and Nicobar Islands Integrated Development Corporation Limited- ANIIDCO) की ओर से विरोध।
पारदर्शिता के मुद्दे: सूचना तक सीमित सार्वजनिक पहुँच, जवाबदेही संबंधी चिंताएँ बढ़ाती है।
आगे की राह
पर्यावरणीय स्थिरता: विकास को संरक्षण प्राथमिकताओं के साथ संरेखित करने के लिए स्वतंत्र पर्यावरणीय प्रभाव आकलन करना।
रणनीतिक स्पष्टता: विकास उद्देश्यों एवं रणनीतिक सुरक्षा चिंताओं के बीच संरेखण सुनिश्चित करना।
सार्वजनिक जवाबदेही: निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ाएँ एवं परियोजना विवरण तक सार्वजनिक पहुँच बढ़ाना।
हितधारक जुड़ाव: व्यवहार्यता एवं सामाजिक-पर्यावरणीय प्रभावों को संबोधित करने के लिए स्थानीय हितधारकों तथा विशेषज्ञों से परामर्श करना।
Latest Comments