कश्मीर से लेकर म्याँमार तक हिमालयी क्षेत्र में ब्लू मैगपाई की विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
हिमालयन मैगपाई (Himalayan Magpies)
वर्गीकरण: यह कोरविडे परिवार (Corvidae family) से संबंधित है, जिसमें कौवा, जैस (Jays) और रैवेन (Ravens) जैसे पक्षी शामिल हैं।
विशेषताएँ
आकार और रूप: नीली मैगपाई कबूतर के आकार की पक्षी होती है, जिनकी पूँछ 45 सेमी. लंबी तथा उसका कुल आकार लगभग 66 सेमी. होता है।
पूँछ का व्यवहार: जमीन पर कीड़ों की खोज करते समय ये अपनी पूँछ ऊपर की ओर तथा फल तोड़ते समय पूँछ नीचे की ओर कर लेती है।
उड़ान की प्रक्रिया: उनकी उड़ान में तेज पंखों की आवाज होती है, जिसके बाद जमीन पर उतरने संबंधी गतिविधियाँ शामिल हैं।
सामाजिक व्यवहार
नीली मैगपाई को जोड़े में या 8-10 मैगपाई के झुंड में शोरगुल करते हुए देखा जा सकता है।
अपनी संतानों के पालन-पोषण में नर और मादा दोनों शामिल होते हैं।
हिमालय क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के मैगपाई
गोल्ड-बिल्ड मैगपाई (Gold-billed Magpie) को येलो-बिल्ड ब्लू मैगपाई (Yellow-billed Blue Magpie) भी कहा जाता है।
रेड-बिल्ड मैगपाई
नीला मैगपाई, जो लाल चोंच वाले मैगपाई जैसा दिखता है।
संरक्षण की स्थिति
मैगपाई को IUCN लाल सूची में कम चिंताजनक (Least Concern) की स्थिति में रखा गया है।
इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची- II के अंतर्गत शामिल किया गया है।
पर्यावास: यह प्रजाति निचले हिमालय सहित भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भागों में पाई जाती है तथा वियतनाम में इसकी एक अलग प्रजाति पाई जाती है।
अधिक ऊँचाई (समुद्र तल से 2000-3000 मीटर) पर गोल्ड-बिल्ड मैगपाई और येलो-बिल्ड ब्लू मैगपाई।
थोड़ी कम ऊँचाई पर रेड-बिल्ड मैगपाई।
कम ऊँचाई, जहाँ आम तौर पर मानव बस्तियाँ उपलब्ध हैं, नीली मैगपाई पाई जाती है।
घोंसला बनाना
पीली चोंच वाला नीला मैगपाई रोडोडेंड्रोन पेड़ों (Rhododendron Trees) की शाखाओं के काँटों पर अपना घोंसला बनाता है।
घोंसला टहनियों पर बनता है, जिसमें घास की मुलायम परत होती है तथा मई-जून के महीनों में मैगपाई तीन से छह अंडे देता है।
व्यवहार एवं महत्त्व
दुनिया भर की लोककथाओं में इस परिवार के पक्षियों को सामान्य रूप से शोर मचाने वाला और जिज्ञासु पक्षी माना जाता है।
कुछ यूरोपीय संस्कृतियों में इन पक्षियों को चुड़ैलों से जोड़ा जाता है तथा एक अंग्रेजी कविता के अनुसार, किसी व्यक्ति द्वारा मैगपाई को अकेले देखने से बुरी खबर आती है।
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