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हम्बोल्ट का रहस्य/पहेली (Humboldt’s Enigma)

Samsul Ansari January 30, 2024 05:42 250 0

संदर्भ

अनुसंधानकर्ता और प्रकृतिवादी विभिन्न क्षेत्रों की जैव विविधता के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहे हैं।

जैव विविधता समृद्धि 

  • उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उच्च जैव विविधता: विश्व के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों को पृथ्वी के आपतित कोण के कारण सूर्य से अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है। इसलिए उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में प्राथमिक उत्पादकता अधिक होती है, जो अधिक विविधता की सुविधा प्रदान करती है।
  • अपवाद: उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से दूर विविधता कम हो जाती है, परंतु पर्वत इसके एक महत्त्वपूर्ण अपवाद हैं।

हम्बोल्ट का रहस्य/पहेली:

  • प्रस्ताव: यह अवधारणा ‘अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट’ द्वारा प्रस्तावित की गई थी। उनके अनुसार, तापमान, ऊँचाई, आर्द्रता और जैव विविधता के बीच एक संबंध होता है।
  • अवधारणा का विस्तार: बाद में जीव विज्ञानियों ने आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया और जैव विविधता एवं पर्वतों के बीच संबंध का अपना संस्करण प्रस्तावित किया और इसे ‘हम्बोल्ट की पहेली/रहस्य’ कहा।
    • बायोजियोग्राफर वे वैज्ञानिक होते हैं, जो भूगोल के साथ जैव विविधता के संबंध का अध्ययन करते हैं।
  • परिवर्तित जैव विविधता: हम्बोल्ट की पहेली/रहस्य इस विचार से संबंधित है कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के बाहर के कई क्षेत्र, जैसे पर्वतों में भी अत्यधिक जैव विविधता होती है।
  • अधिक विषम संरचना, उच्च विविधता: वैज्ञानिकों ने यह भी पाया है कि पर्वतों की भू-वैज्ञानिक संरचना जितनी अधिक विषम है, वे उतने ही अधिक जैव विविधता से युक्त हैं।
    • अद्वितीय आवास: पौधे मृदा के प्रकार से प्रभावित होते हैं, जो उस क्षेत्र में चट्टानों के प्रकार पर निर्भर करता है। इसलिए उच्च भू-वैज्ञानिक विविधता प्रायः समान जलवायु व्यवस्थाओं के अंतर्गत पर्वतों पर अद्वितीय निवास स्थान का निर्माण करती है और विविधीकरण को बढ़ावा देती है।
  • उदाहरण: पूर्वी हिमालय में, जलवायु असमानता और विविध भू-वैज्ञानिक संरचना उच्च जैव विविधता में योगदान करती है।

  • भारत में हम्बोल्ट की पहेली का चित्रण
    • कर्क रेखा जो कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से होकर गुजरती है, के दक्षिण को उष्णकटिबंधीय क्षेत्र माना जाता है। ये क्षेत्र देश में सर्वाधिक जैव विविधतापूर्ण माने जाते हैं। पश्चिमी घाट और श्रीलंका जैव विविधता हॉटस्पॉट इसी क्षेत्र में स्थित हैं।
    • हालाँकि, पूर्वी हिमालय कहीं अधिक विविधतापूर्ण है। कुछ वैज्ञानिकों ने यह भी सुझाव दिया है कि पर्वत शृंखला का यह हिस्सा दुनिया में पक्षियों की उपस्थिति का दूसरा सबसे बड़ा विविध क्षेत्र है। 

पर्वतीय विविधता के कारक

  • मुख्य कारक: पृथ्वी का इतिहास, भू-विज्ञान, इसका भूगोल और जलवायु।
    • विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग जैव विविधता, समय और स्थान के साथ इन कारकों के आपस में घुलने-मिलने के परिवर्तनों का परिणाम है।
  • जैव विविधता सृजन की प्रक्रिया: पर्वत दो प्रक्रियाओं से संबंधित स्थान होते हैं, जो जैव विविधता का सृजन करती हैं:
    • उद्गमस्थल के रूप में: ‘उत्थान’ जैसी भू-वैज्ञानिक प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप नए आवास का निर्माण होता है, जहाँ नई प्रजातियाँ उत्पन्न होती हैं, इसलिए यह आवासों के उद्गम होते हैं।
    • संग्रहालय के रूप में: जलवायु की दृष्टि से स्थिर कुछ पर्वतों पर प्रजातियाँ लंबे समय तक बनी रहती हैं, इसलिए ये स्थान ‘संग्रहालय’ कहलाते हैं, जो समय के साथ ऐसी कई प्रजातियों का संग्रह करते हैं।
      • कभी-कभी प्रजातियों की पारिस्थितिकी के आधार पर, एक ही पर्वत कुछ प्रजातियों के लिए उद्गम स्थल और दूसरों के लिए संग्रहालय दोनों हो सकता है।
    • उदाहरण: पश्चिमी घाट में ‘शोला स्काई’ द्वीप जैसे तटीय उष्णकटिबंधीय आकाशीय द्वीप। पुरानी स्थलाकृतियाँ पहाड़ की चोटियों पर निर्मित होती है क्योंकि निम्न ऊँचाई पर उनके आसपास जलवायु और आवास में परिवर्तन होता रहता है।

अनसुलझे प्रश्न

  • जैव विविधता की जटिलता: कई कारक विभिन्न क्षेत्रों में विविधीकरण और हम्बोल्ट की पहेली को प्रेरित करते हैं, जिससे सौ से अधिक विभिन्न परिकल्पनाएँ सामने आती हैं।
  • डेटा सीमा: प्रजातियों से संबंधित अच्छे डेटा की कमी है।

आगे की राह

  • अधिक शोध और आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता: भारत को किसी क्षेत्र की वास्तविक जैव विविधता को समझने के लिए अधिक शोध और आनुवंशिकी जैसे आधुनिक उपकरणों की आवश्यकता है।
  • राष्ट्रीय कार्यक्रम: हिमालयी अध्ययन पर राष्ट्रीय मिशन, हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय मिशन और जैव विविधता एवं मानव कल्याण पर राष्ट्रीय मिशन को उनकी पूरी क्षमता से लागू और निगरानी की जानी चाहिए।

निष्कर्ष

हम्बोल्ट की पहेली शायद पर्वतीय जैव विविधता की कई पहेलियों में से एक है, जो वैश्विक जलवायु और परिदृश्य परिवर्तन के मुद्दों पर अध्ययन और अंतर्दृष्टि के अवसर प्रदान करती है। अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए, राष्ट्रीय कार्यक्रमों को विविधता पर बुनियादी अनुसंधान का समर्थन कर मजबूत करने की आवश्यकता है।

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