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हाइब्रिड वाहन EVs की तुलना में बेहतर विकल्प (Hybrid vehicles a better option than EVs)

Samsul Ansari February 02, 2024 05:57 791 0

संदर्भ

वित्तीय सेवा कंपनी ‘HSBC’ के एक शोध से पता चलता है कि भारत को पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक परिवहन का लक्ष्य प्राप्त करने की राह पर अगले 5-10 वर्षों में हाइब्रिड वाहनों को अपनाने की आवश्यकता है।

हाइब्रिड वाहन

  • हाइब्रिड वाहन एक आंतरिक दहन इंजन (ICE) और एक या अधिक इलेक्ट्रिक मोटरों द्वारा संचालित होते हैं, जो बैटरी में संगृहीत ऊर्जा का उपयोग करते हैं।
  • आंतरिक दहन इंजन को संचालित करने के लिए वाहन में गैसोलीन ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है और इसके तहत बैटरी को पारंपरिक विद्युत् चार्जर से चार्ज करने की बजाय ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ के माध्यम से चार्ज किया जाता है।
  • प्रकार: हाइब्रिड कारें इलेक्ट्रिक पॉवर उपयोग के स्तर में भिन्न होती हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि हाइब्रिड कार का प्रकार, माइल्ड हाइब्रिड, सीरीज हाइब्रिड या प्लग-इन हाइब्रिड है।
  • EVs की तुलना में लाभ: हाइब्रिड कारों के लाभ
    • बेहतर ईंधन दक्षता
    •  रीजेनरेटिव ब्रेकिंग: हर बार ब्रेक लगाने पर बैटरी चार्ज हो जाती है जिससे बाह्य चार्जिंग की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।

इलेक्ट्रिक वाहन

  • यह पूरी तरह से बिजली से संचालित होता है और इसमें वाहन को चलाने के लिए बैटरी पैक द्वारा संचालित एक या अधिक इलेक्ट्रिक मोटर होते हैं और इसे बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) के रूप में जाना जाता है।
  • वे अपने संचालन के लिए तथा ऊर्जा प्रदान करने के लिए रिचार्जेबल बैटरी पैक का उपयोग करते हैं। इन बैटरी पैक की चार्जिंग, चार्जिंग स्टेशनों से की जा सकती है।

संबंधित तथ्य

  • निवेशकों के लिए एक नोट: HSBC के अनुसार, हाइब्रिड और संपीडित प्राकृतिक गैस कारें डीकार्बोनाइजेशन के दृष्टिकोण से भारत के लिए एक व्यावहारिक मध्यम अवधि (5-10 वर्ष) समाधान हैं जबकि देश अंततः विद्युतीकरण की ओर बढ़ रहा है।
  • भारत फोकस: भारत की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी योजना काफी हद तक आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों की जगह लेने वाली बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों पर केंद्रित है।  जिसमें केंद्र स्पष्ट कर प्रोत्साहन की पेशकश करता है।
    • वर्तमान में लीथियम-आयन बैटरी को सबसे अच्छे विकल्प के रूप में देखा जाता है।

विश्लेषण के निष्कर्ष

  • अभिसरण: यदि भारत में गैर-जीवाश्म बिजली उत्पादन 44% तक बढ़ जाता है तो EVs और हाइब्रिड उत्सर्जन 7-10 वर्षों के बाद एक समान हो सकते हैं।
    • लेकिन भले ही गैर-जीवाश्म ईंधन में भारत की हिस्सेदारी 40% है, फिर भी हाइब्रिड EVs की तुलना में यह 8% कम उत्सर्जन करेंगे, जो वर्ष 2030 तक वर्तमान के 16% उत्सर्जन का आधा होगा।
  • वर्तमान स्थिति: वित्त वर्ष 2023 में भारत में बिजली उत्पादन का गैर-जीवाश्म हिस्सा 26% था और मिश्रित भारतीय बिजली उत्पादन उत्सर्जन 716g/kWh था।
    • कुल (वेल-टू-व्हील) कार्बन उत्सर्जन: EVs के लिए यह वर्तमान में 158 ग्राम/किमी. है, जबकि हाइब्रिड के लिए यह 133 ग्राम/किमी. है, जिसका मतलब है कि एक हाइब्रिड EVs की तुलना में कम-से-कम 16% कम प्रदूषणकारी है।
    • कुल उत्सर्जन में वाहन टेलपाइप उत्सर्जन (टैंक-टू-व्हील, या TTW) और कच्चे खनन, रिफाइनिंग और बिजली उत्पादन से उत्सर्जन भी शामिल है।

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