भारतीय सेना रूसी Igla-S सिस्टम के एक नए पैकेज को प्राप्त करेगी, जो एक वेरी शाॅर्ट-रेंज एयर डिफेंससिस्टम(VSHORADS) है।
वेरी शाॅर्ट-रेंज एयर डिफेंससिस्टम(VSHORADS)
परिचय: VSHORADS एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPAD) है, जिसे अन्य DRDO प्रयोगशालाओं एवं भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से रिसर्च सेंटर इमारत (Research Centre Imarat- RCI) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन एवं विकसित किया गया है।
विशेषताएँ: VSHORADAS मिसाइल में लघु प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (Reaction Control System- RCS) एवं एकीकृत एवियोनिक्स सहित कई नवीन तकनीकों को शामिल किया गया है।
मिसाइल को डुअल थ्रस्ट सॉलिड मोटर द्वारा संचालित किया जाता है।
संबंधित तथ्य
इसके अतिरिक्त आने वाले महीनों में सेना को हैदराबाद में ADSTL द्वारा असेंबल किए गए दो इजरायली हर्मीस-900 मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस मानव रहित हवाई वाहन (UAV) में से पहला माड्यूल मिलने वाला है।
Igla-S सिस्टम को पिछले वर्ष आपातकालीन खरीद (EP) की चौथी किश्त के तहत अनुबंधित किया गया था एवं इसे रोसोबोरोनेक्सपोर्ट से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत भारत में अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ADSTL) द्वारा असेम्बल किया जा रहा है।
आपातकालीन खरीद (Emergency Procurement)
परिचय: इस प्रावधान के तहत, सशस्त्र बल खरीद प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हुए, बिना अतिरिक्त मंजूरी के ₹300 करोड़ तक की लागत वाली हथियार प्रणालियाँ तेजी से हासिल कर सकते हैं।
उद्देश्य: EP तंत्र का मुख्य लक्ष्य महत्त्वपूर्ण परिचालन कमियों को दूर करना था, विशेषकर उत्तरी सीमाओं पर।
पृष्ठभूमि: रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों को आपातकालीन आर्थिक अधिकार प्रदान किया है, जो वर्ष 2016 के उरी आतंकी हमले के बाद, वर्ष 2019 के बालाकोट हवाई हमले के बाद एवं पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ वर्ष 2020 के गतिरोध के बाद पहला उदाहरण है।
Igla-S एयर डिफेंस सिस्टम
Igla-S रूस द्वारा निर्मित एक प्रमुख एवं अत्यधिक कुशल ‘मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम’(MANPADS) के रूप में जाना जाता है।
उद्देश्य: कम उड़ान वाले विमानों को रोकना एवं क्रूज मिसाइलों तथा ड्रोन जैसे हवाई खतरों का भी पता लगाना एवं उनका मुकाबला करना।
Igla-S एयर डिफेंस सिस्टम की विशेषताएँ
घटक: Igla-S प्रणाली में 9M342 मिसाइल शामिल है, जो इसके लड़ाकू शस्त्रागार का एक अभिन्न अंग है।
रेंज: 6 किलोमीटर तक की प्रभावी रेंज के साथ, Igla-S प्रणाली महत्त्वपूर्ण दूरी पर लक्ष्य को भेद सकती है।
लक्ष्यों को कुशलतापूर्वक नष्ट करने के लिए इस प्रणाली की अधिकतम ऊँचाई 3.5 किलोमीटर तक सीमित है।
मार्गदर्शन प्रणाली: यह एक इन्फ्रारेड होमिंग मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग करता है, जो लक्ष्य को ट्रैक करने, लॉक करने एवं अवरोधन करने के लिए लक्ष्य के थर्मल विकिरण पर निर्भर करता है।
वारहेड का प्रकार: मिसाइल एक ‘हाई-एक्सप्लोसिव फ्रग्मेंटेशन वारहेड’ से सुसज्जित है, जो काफी नुकसान पहुँचाने में सक्षम है।
तीव्र और कुशल फायरिंग के लिए घटक: इसमें एक लॉन्च ट्यूब, एक विजन उपकरण के साथ एक ग्रिप-स्टॉक एवं तेजी से तथा कुशल फायरिंग के लिए एक फायरिंग तंत्र शामिल है।
पोर्टेबल वायु रक्षा: Igla-S को एक व्यक्ति द्वारा आसानी से ले जाने एवं संचालित करने के लिए बनाया गया है, जो इसे पैदल सेना इकाइयों के लिए एकदम सही बनाता है तथा उन्हें युद्ध के मैदान पर वायु रक्षा प्रदान करता है।
काउंटरमेशर रेजिलिएंस: यह प्रणाली लक्षित विमानों द्वारा तैनात किए गए इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेशर एवं डिकॉय फ्लेयर्स का सामना करने के लिए सुसज्जित है।
बहुमुखी प्रभावशीलता के लिए डिजाइन किया गया: सिस्टम को दिन एवं रात दोनों के संचालन सहित विभिन्न मौसम स्थितियों में प्रभावी ढंग से प्रदर्शन करने के लिए डिजाइन किया गया है।
मैन-पोर्टेबल एयर-डिफेंस सिस्टम (MANPADS)
परिचय: मैन-पोर्टेबल एयर-डिफेंस सिस्टम कम दूरी की, हल्की एवं पोर्टेबल सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं, जिन्हें व्यक्तियों या छोटे समूहों द्वारा विमान या हेलीकॉप्टरों को नष्ट करने के लिए दागा जा सकता है।
वे सैनिकों को हवाई हमलों से बचाने में मदद करते हैं एवं कम उड़ान वाले विमानों को निशाना बनाने में सबसे प्रभावी होते हैं।
MANPADS का इतिहास
शीत युद्ध: पहला MANPADS, 1960 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका एवं सोवियत संघ द्वारा प्रस्तुत किया गया था। वियतनाम युद्ध के दौरान भी इसका उपयोग किया गया था।
अफगानिस्तान युद्ध: अमेरिका ने 1980 के दशक में अफगानिस्तान में तालिबानियों को MANPADS की आपूर्ति की, जिसका इस्तेमाल बाद में सोवियत सेनाओं के विरुद्ध किया गया।
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