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Lokesh Pal
July 16, 2024 02:47
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फ्राँसीसी राष्ट्रीय दिवस (French National Day), जिसे बास्तील दिवस (Bastille Day) के रूप में भी जाना जाता है, प्रत्येक वर्ष 14 जुलाई को 1789 ईसवी में पेरिस की बास्तील जेल पर हमले की वर्षगाँठ पर मनाया जाता है।
इस क्रांति का न केवल फ्राँस पर बल्कि शेष यूरोप एवं विश्व पर भी गहरा प्रभाव पड़ा तथा इसने स्वतंत्रता, समानता और लोकतंत्र के लिए अन्य आंदोलनों को भी प्रेरित किया।
भारत सहित कई अन्य देश जो उपनिवेशवाद से मुक्त हुए, वे फ्राँसीसी क्रांति से प्रेरित थे।
फ्राँसीसी व्यापारी के रूप में भारत पहुँचने वाले अंतिम यूरोपीय थे, उनके बाद पुर्तगाली, फिर ब्रिटिश, फिर डच, फिर डेनिश और फिर फ्राँसीसी आए।
‘ला कम्पैनिये फ्रांसेइस डेस इंडेस ओरिएंटेल्स’ (La Compagnie française des Indes orientales) की स्थापना 1673 ईसवी में पांडिचेरी (अब पुडुचेरी) में की गई थी।
फ्राँसीसी उपस्थिति ने भारतीय और फ्राँसीसी समाजों के बीच सांस्कृतिक एवं बौद्धिक आदान-प्रदान को सुगम बनाया।
भारतीय संविधान के महत्त्वपूर्ण बाह्य स्रोतभारतीय संविधान को कई स्रोतों से तैयार किया गया था। भारत सरकार अधिनियम, 1935 जैसे पिछले अनुभवी विधानों के अलावा भारतीय संविधान के प्रमुख बाहरी स्रोत निम्नलिखित हैं:-
बास्तील दिवस (Bastille Day) के बारे में
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शीतयुद्ध के बाद, भारत और फ्राँस ने वर्ष 1998 में सामरिक साझेदारी की। पोखरण परीक्षण के बाद जब भारत अलग-थलग पड़ गया था, तब फ्राँस उन कुछ यूरोपीय देशों में से एक था, जिन्होंने भारत की मदद की थी, और हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि यह भारत के साथ असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला पहला यूरोपीय देश था।
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