100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

आयकर विधेयक, 2025

Lokesh Pal February 15, 2025 03:16 56 0

संदर्भ 

आयकर विधेयक, 2025, मौजूदा आकलन वर्ष के स्थान पर एक नए ‘कर वर्ष’ अवधारणा प्रस्तुत करता है, जिसका उद्देश्य कर फाइल करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।

आयकर विधेयक, 2025 के बारे में

  • सरलीकरण: अप्रचलित प्रावधानों, अनावश्यक धाराओं और जटिल कानूनी शब्दावली को हटाकर वर्ष 1961 के आयकर अधिनियम को सरल बनाना।
  • आधुनिकीकरण: विकासशील आर्थिक वास्तविकताओं (जैसे- डिजिटल संपत्ति, नए आय स्रोत) को प्रतिबिंबित करना।

मौजूदा प्रणाली (आयकर अधिनियम, 1961)

  • दो अवधारणाएँ: वित्तीय वर्ष (FY) और आकलन वर्ष (AY)।
  • आकलन वर्ष (AY): वह वर्ष, जो उस वित्तीय वर्ष के बाद आता है, जिसमें आय अर्जित की जाती है।
    • उदाहरण: वित्तीय वर्ष (FY) 2024-25 के लिए, आंकलन वर्ष (AY) 2025-26 है।
  • समस्या: कई करदाता FY और AY को लेकर भ्रमित हो जाते हैं, जिसके कारण कर दाखिल करने में गलती, रिफंड में देरी और प्रक्रियागत परेशानियाँ होती हैं।

विधेयक की मुख्य विशेषताएँ

  • कर वर्ष: 1 अप्रैल से शुरू होने वाली 12 महीने की अवधि, जिसके दौरान आय का मूल्यांकन और कर उसी वित्तीय वर्ष में लगाया जाएगा।
    • वित्तीय वर्ष (FY) में कोई बदलाव नहीं: यह 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को समाप्त होगा।
    • कैलेंडर वर्ष नहीं अपनाया गया: नया विधेयक कराधान उद्देश्यों के लिए कैलेंडर वर्ष के साथ संरेखित नहीं है।
  • पूँजीगत परिसंपत्तियों के रूप में वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों (Virtual Digital Assets-VDA) को शामिल करना
    • क्रिप्टोकरेंसी, NFT और अन्य डिजिटल संपत्तियों को अब औपचारिक रूप से पूँजीगत संपत्ति के रूप में मान्यता दी गई है।
    • कराधान: भूमि, भवन, शेयर, प्रतिभूतियाँ, बुलियन, आभूषण और कलाकृतियों जैसी पारंपरिक संपत्तियों के समान व्यवहार किया जाता है।
    • निहितार्थ: डिजिटल संपत्तियों के कराधान पर स्पष्टता सुनिश्चित करता है, वैश्विक रुझानों के साथ संरेखित करता है और बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था को संबोधित करता है।
  • ‘वर्चुअल डिजिटल स्पेस’ (Virtual Digital Space) की विस्तारित परिभाषा: जाँच के दायरे में आने वाले करदाताओं को अपने डिजिटल रिकॉर्ड तक पहुँच प्रदान करनी होगी, जिसमें ईमेल सर्वर, सोशल मीडिया अकाउंट, ऑनलाइन निवेश, ट्रेडिंग और बैंकिंग अकाउंट, क्लाउड सर्वर और डिजिटल प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
    • वर्तमान अभ्यास: कर अधिकारी पहले से ही सर्वेक्षण, तलाशी और जब्ती के दौरान लैपटॉप, हार्ड ड्राइव और ईमेल तक पहुँच की माँग करते हैं।
  • पूँजीगत लाभ छूट: अधिनियम की धारा 54E, जिसमें अप्रैल 1992 से पहले पूँजीगत परिसंपत्तियों के हस्तांतरण पर पूँजीगत लाभ के लिए छूट का विवरण है, को विधेयक में हटा दिया गया है। 
    • कटौतियों को सुव्यवस्थित किया गया है तथा पुरानी छूटों को हटा दिया गया है।
  • विवाद समाधान
    • विवाद समाधान पैनल (Dispute Resolution Panel-DRP): निर्णय जारी करने, अस्पष्टता और संभावित मुकदमेबाजी को कम करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश।
  • आय और कर दरें
    • आय की परिभाषा का विस्तार करके उभरते स्रोतों को शामिल किया गया है।
    • स्पष्टता बढ़ाने के लिए अलग-अलग अनुसूचियों में छूट प्राप्त आय, छूट का दावा करने की शर्तें, कटौती, TDS और TCS के लिए विस्तृत तालिकाएँ प्रदान की गई हैं।
    • नई कर व्यवस्था: तालिकाओं में स्लैब दिए गए हैं; पुरानी व्यवस्था की दरों को हटा दिया गया है, जो नई व्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में बदलाव का संकेत है।
    • निरंतरता: कर संरचना, दंड या अनुपालन नियमों में कोई बड़ा बदलाव नहीं।

मुख्य निहितार्थ

  • मुकदमेबाजी में कमी: सरलीकृत भाषा और समेकित प्रावधान व्याख्या संबंधी विवादों को कम कर सकते हैं।
  • अनुपालन में आसानी: तालिकाएँ और सुव्यवस्थित अनुभाग करदाता की समझ को बढ़ाते हैं।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था एकीकरण: VDA और डिजिटल आय स्रोतों की पहचान कर कानूनों को आधुनिक आर्थिक रुझानों के साथ संरेखित करती है।
  • स्थिरता: प्रक्रियात्मक पहलुओं को आधुनिक बनाते हुए व्यवधान से बचने के लिए मौजूदा कर संरचना को बनाए रखता है।

आलोचनाएँ/चुनौतियाँ

  • दंड सुधारों का अभाव: दंड या अनुपालन तंत्र में कोई बड़ा अपडेट नहीं, जिससे प्रवर्तन में सुधार का अवसर चूक सकता है।
  • पुरानी कर व्यवस्था की अस्पष्टता: विधेयक से पुरानी व्यवस्था के स्लैब को बाहर करने से इसके भविष्य पर सवाल उठते हैं।
  • गोपनीयता और निगरानी: व्यक्तियों की डिजिटल गोपनीयता का संभावित उल्लंघन।
  • सुरक्षा उपायों की आवश्यकता: करदाताओं के अधिकारों को अत्यधिक जाँच से बचाने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देशों की आवश्यकता।
  • प्रशासनिक दक्षता: इसका उद्देश्य कर संग्रह को सुव्यवस्थित करना और कानूनी विवादों को कम करना है।

विधायी प्रक्रिया

  • संसदीय समीक्षा: विधेयक को संसदीय समिति को भेजा गया; क्रियान्वयन से पहले संशोधन की संभावना।
  • प्रभावी तिथि: संभवतः 1 अप्रैल, 2026, राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद।

ऐतिहासिक संदर्भ

  • पिछले सुधार
    • प्रत्यक्ष कर संहिता (DTC), 2010: 15वीं लोकसभा के साथ समाप्त हो गई।
    • वर्ष 2018 की टास्क फोर्स: एक नया कानून तैयार किया लेकिन लागू नहीं किया गया।
  • दार्शनिक बदलाव: हाल ही में किए गए आपराधिक संहिता सुधारों के समान “न्याय” (न्याय) लोकाचार के साथ संरेखित करता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.