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आयकर विधेयक 2025: GAAR नोटिस

Lokesh Pal March 01, 2025 04:09 5 0

संदर्भ 

आयकर विधेयक 2025 में ‘जनरल एंटी-अवॉइडेंस रूल्स’ (General Anti Avoidance Rules-GAAR) में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन का प्रस्ताव है, जिससे कर प्राधिकारियों को उन पूर्ववर्ती कर वर्षों के लिए पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी करने की अनुमति मिल जाएगी, जिनकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है।

संबंधित तथ्य

  • मौजूदा नियमों के अनुसार, कर अधिकारी मूल्यांकन वर्ष की समाप्ति से 5 वर्ष 3 महीने के भीतर ही पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी कर सकते हैं, यदि कम रिपोर्ट की गई आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक है।
  • यदि समय सीमा समाप्त हो जाती है, तो पुनर्मूल्यांकन की अनुमति नहीं है।

GAAR के अंतर्गत प्रमुख पुनर्मूल्यांकन नोटिस

  • नया प्रस्ताव उन कर वर्षों के लिए पुनर्मूल्यांकन नोटिस की अनुमति देता है, जो समय सीमा पार कर चुके हैं, यदि मामला GAAR प्रावधानों के अंतर्गत आता है।
  • इसका तात्पर्य है कि अधिकारी कर से बचने के उद्देश्य से किए गए लेन-देन की समीक्षा और पुनर्मूल्यांकन करने के लिए कई वर्ष पीछे जा सकते हैं।
  • GAAR मामलों में अतिरिक्त परिवर्तन
    • GAAR पैनल के निर्णय को अब आधिकारिक तौर पर ‘छिपी हुई आय को दर्शाने वाली सूचना’ के रूप में मान्यता दी जाएगी, जिससे कानूनी चुनौतियों के विरुद्ध पुनर्मूल्यांकन अधिक मजबूत हो जाएगा।
    • कर अधिकारियों को GAAR मामलों में पुनर्मूल्यांकन नोटिस जारी करने से पहले सुनवाई का अवसर प्रदान करने की आवश्यकता नहीं होगी।

‘जनरल एंटी-अवॉइडेंस रूल्स’ (GAAR) के बारे में

  • यह एक विनियामक उपाय है, जिसका उद्देश्य आक्रामक कर नियोजन पर अंकुश लगाना है, विशेष रूप से ऐसे मामलों में, जहाँ लेन-देन केवल करों से बचने के लिए किया जाता है।

  • यह व्यक्तियों और कंपनियों को करों का उचित हिस्सा चुकाने से बचने के लिए कानूनी खामियों का फायदा उठाने से रोकता है।
  • यह विशेष रूप से उन व्यावसायिक व्यवस्थाओं को लक्षित करता है, जो मुख्य रूप से कर देयता को कम करने के लिए बनाई जाती हैं।
  • GAAR के उद्देश्य
    • कर लेन-देन में निष्पक्षता सुनिश्चित करना और कर चोरी को रोकना।
    • करों से बचने के लिए डिजाइन किए गए जटिल वित्तीय ढाँचों के उपयोग को रोकना।
  • भारत में GAAR कार्यान्वयन तिथि
    • भारत में GAAR को आधिकारिक तौर पर 1 अप्रैल, 2017 को लागू किया गया था।
    • इसे पहली बार वर्ष 2009 में प्रत्यक्ष कर संहिता (DTC) के तहत प्रस्तावित किया गया था, लेकिन बाद में इसे प्रस्तुत किया गया।
    • GAAR को लागू करने का निर्णय ‘वोडाफोन-हचिसन एस्सार’ सौदे से प्रभावित था, जो केमैन द्वीप में हुआ था और जिसके कारण कर वंचना संबंधी चिंताएँ पैदा हुई थीं।

GAAR प्रावधान एवं शक्तियाँ

  • यह कर अधिकारियों को किसी लेन-देन को अनुचित परिहार व्यवस्था (IAA) घोषित करने के लिए व्यापक अधिकार देता है, यदि इसे केवल कर से बचने के लिए निष्पादित किया जाता है।
  • ऐसे लेन-देन से होने वाली आय की पुनर्गणना की जा सकती है, जिससे अतिरिक्त कर देयताएँ उत्पन्न होती हैं।
  • GAAR मामलों में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (सेवारत या सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाले अनुमोदन पैनल से अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
  • GAAR अधिकारियों को एक बार में कई वर्षों तक विस्तृत कर परिहार को चुनौती देने की अनुमति देता है।

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