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इंडिया AI गवर्नेंस गाइडलाइन्स

Lokesh Pal November 08, 2025 04:13 93 0

संदर्भ

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने ‘इंडिया AI गवर्नेंस गाइडलाइन्स’ जारी की हैं।

इंडिया AI गवर्नेंस गाइडलाइन्स की आवश्यकता 

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), विशेष रूप से जनरेटिव AI उपकरणों के तीव्र विस्तार ने डेटा के दुरुपयोग, रोजगार में कमी, भ्रामक सूचना और भेदभाव जैसी चिंताओं को बढ़ा दिया है।
  • भारत, जो विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते AI बाजारों में से एक है, को नवाचार को प्रोत्साहन देते हुए नैतिक मूल्यों की सुरक्षा के लिए स्पष्ट शासन ढाँचे की आवश्यकता थी।
  • ये दिशा-निर्देश इंडिया AI मिशन (वर्ष 2024) और राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति के पूरक हैं, जिनका उद्देश्य जिम्मेदार, समावेशी तथा सुरक्षित AI विकास को सुनिश्चित करना है।

‘इंडिया AI गवर्नेंस गाइडलाइन्स’ के बारे में 

  • फ्रेमवर्क का स्वरूप: यह दस्तावेज एक ‘हैंड्स-ऑफ’ नियामक दृष्टिकोण अपनाता है, जो कठोर नियंत्रणों के बजाय जिम्मेदार नवाचार और विकास पर बल देता है।
  • उद्देश्य:AI फॉर आल’ की भारत की दृष्टि को आगे बढ़ाते हुए सुरक्षित, विश्वसनीय और समावेशी AI नवाचार को प्रोत्साहित करना, साथ ही जवाबदेही, सुरक्षा तथा नैतिक उपयोग सुनिश्चित करना।
  • IT नियमों से पृथक: ये दिशा-निर्देश IT नियम, 2021 में प्रस्तावित संशोधनों से स्वतंत्र हैं, जो सोशल मीडिया पर AI-जनित सामग्री की अनिवार्य लेबलिंग से संबंधित हैं।
  • वर्तमान स्थिति: हालाँकि कोई अलग AI-विशिष्ट कानून प्रस्तावित नहीं है; आवश्यकतानुसार मौजूदा कानूनों में संशोधन किए जाएँगे।
  • फ्रेमवर्क की संरचना: दिशा-निर्देश चार भागों में विभाजित हैं:-
    • भाग 1: प्रमुख सिद्धांत- सात सूत्र 
    • भाग 2: मुद्दे और सिफारिशें- AI शासन के छह स्तंभ
    • भाग 3: कार्य योजना- लघु, मध्यम और दीर्घकालिक कदम
    • भाग 4: व्यावहारिक दिशा-निर्देश- उद्योग और नियामकों के लिए।

सात मार्गदर्शक सिद्धांत 

  • विश्वास ही आधार: विश्वास के बिना, अपनाने और नवाचार में ठहराव आ जाएगा।
  • मानव केंद्रित दृष्टिकोण: मानव की भागीदारी और सशक्तीकरण सुनिश्चित करना।
  • नवाचार को प्राथमिकता: अतिनियमन के बजाय जिम्मेदार नवाचार को बढ़ावा देना।
  • न्याय और समानता: समावेशन को प्रोत्साहित करना; पक्षपात और भेदभाव को रोकना।
  • जवाबदेही: संपूर्ण AI मूल्य शृंखला में स्पष्ट जिम्मेदारी तय करना।
  • स्पष्टता और समझ: उपयोगकर्ताओं और नियामकों के लिए पारदर्शी व्याख्या करना।
  • सुरक्षा, स्थिरता और स्थायित्व: मजबूती, सुरक्षा और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना।

AI शासन के छह स्तंभ

  • अवसंरचना: डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) का उपयोग कर समावेशी और नवाचारपूर्ण डिजिटल ढाँचा विकसित करना।
  • क्षमता निर्माण: AI-कौशल और प्रशिक्षण के माध्यम से भारत की कार्यबल को सशक्त करना।
  • नीति और विनियमन: कठोर कानूनों के बजाय लचीले और अनुकूल शासन को प्रोत्साहित करना।
  • जोखिम शमन: भारत की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप जोखिम मूल्यांकन प्रणाली विकसित करना।
  • जवाबदेही: डेवलपर्स, उपयोगकर्ताओं और तैनातकर्ताओं सहित सभी हितधारकों के लिए पारदर्शिता बढ़ाना।
  • संस्थाएँ: शासन संस्थाओं की स्थापना, AI सुरक्षा उपकरणों का एकीकरण और आधार (Aadhaar) जैसे DPI प्लेटफॉर्म से जोड़कर साइबर सुरक्षा सुदृढ़ करना।
    • AI गवर्नेंस ग्रुप (AIGG): नीतिगत समन्वय के लिए उच्च-स्तरीय निकाय।
    • टेक्नोलॉजी और पॉलिसी एक्सपर्ट कमेटी (TPEC): तकनीकी और कानूनी सलाह प्रदान करती है।
    • AI सेफ्टी इंस्टिट्यूट (AISI): AI सुरक्षा परीक्षण, जोखिम विश्लेषण, और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देता है।

कार्य योजना

समय अवधि प्रमुख कार्य
लघु काल 

(1–2 वर्ष)

  • AI शासन संस्थाओं की स्थापना।
  • भारत-विशिष्ट जोखिम ढाँचा तैयार करना।
  • सुरक्षा और विश्वसनीयता उपकरणों की पहुँच बढ़ाना।
मध्यम काल 

(2–5 वर्ष)

  • आवश्यक कानूनों में संशोधन
  • साइबर सुरक्षा हेतु घटना रिपोर्टिंग प्रणाली विकसित करना
  • DPI प्लेटफॉर्मों से AI का एकीकरण
  • उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में नियामक सैंडबॉक्स लागू करना।
दीर्घ काल 

(5 वर्ष से अधिक)

विकसित प्रौद्योगिकी क्षमताओं और जोखिमों के आधार पर भविष्य में AI-विशिष्ट कानून की परिकल्पना।

व्यावहारिक दिशा-निर्देश

  • उद्योग के लिए
    • मौजूदा भारतीय कानूनों (IT, डेटा संरक्षण, उपभोक्ता संरक्षण आदि) का पालन करना।
    • स्वैच्छिक AI नैतिक कोड अपनाना और पारदर्शिता रिपोर्ट प्रकाशित करना।
    • शिकायत निवारण तंत्र लागू करना।
    • पूर्वाग्रह पहचान और गोपनीयता-संरक्षण जैसी तकनीकी-कानूनी विधियाँ अपनाना।
  • नियामकों के लिए
    • नवाचार को प्रोत्साहित करना अत्यधिक अनुपालन-आधारित नियमों से बचना।
    • वास्तविक या तात्कालिक जोखिम वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता देना।
    • लचीले, समय-समय पर समीक्षा योग्य और तकनीकी-कानूनी दृष्टिकोण अपनाना।
    • सार्वजनिक-निजी सहयोग और नियामक सैंडबॉक्स को प्रोत्साहन देना।

महत्त्व

  • भारत के नवाचार-प्रथम, मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को सुदृढ़ करता है।
  • अत्यधिक नियमन से बचते हुए आर्थिक अवसर और नैतिक जिम्मेदारी में संतुलन स्थापित करता है।
  • भारत को उत्तरदायी और अनुकूलनीय AI शासन में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करता है, जो विशेषकर ‘ग्लोबल साउथ’ में उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए प्रासंगिक है।
  • नवाचार और जोखिम शमन के बीच संतुलित AI विनियमन का ढाँचा प्रस्तुत करता है।

इंडिया AI मिशन के बारे में 

  • इंडियाAI मिशन एक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है, जिसे भारत के AI नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए मार्च 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था।
  • उद्देश्य: भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में वैश्विक नेता बनाना, अनुसंधान, नवाचार, कंप्यूटिंग अवसंरचना, और कौशल विकास को बढ़ावा देना।
  • कार्यान्वयन एजेंसी: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (DIC)।
  • मुख्य लक्ष्य
    • AI अवसंरचना का विकास: विश्वस्तरीय कंप्यूटिंग क्षमता और डेटा प्लेटफॉर्म स्थापित करना।
    • AI अनुसंधान और स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन: स्वदेशी AI तकनीकों को बढ़ावा देना।

मुख्य घटक

  • इंडिया AI कंप्यूट इन्फ्रास्ट्रक्चर
    • 10,000 से अधिक GPU के साथ एक उच्च स्तरीय AI सुपरकंप्यूटिंग पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करता है।
    • स्टार्ट-अप्स, शोधकर्ताओं और सार्वजनिक संस्थानों को AI कंप्यूटिंग संसाधन प्रदान करता है।
  • इंडिया AI इनोवेशन सेंटर (IICs)
    • AI अनुसंधान और उत्पाद विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करना।
    • कृषि, स्वास्थ्य सेवा, शासन और भाषा AI जैसे रणनीतिक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना।
  • इंडिया AI डेटासेट प्लेटफॉर्म: सुरक्षित पहुँच और गोपनीयता सुरक्षा के साथ AI मॉडल प्रशिक्षण के लिए एक एकीकृत डेटा भंडार।
  • इंडिया AI अनुप्रयोग विकास पहल: पायलट परियोजनाओं और स्केलेबल समाधानों के माध्यम से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में AI अपनाने को बढ़ावा देता है।
  • इंडिया AI फ्यूचरस्किल्स कार्यक्रम: इसका उद्देश्य आधारभूत से लेकर उन्नत तक सभी स्तरों पर AI पेशेवरों को प्रशिक्षित करना है।
  • इंडिया AI स्टार्ट-अप फाइनेंसिंग: अनुदान, सीड फंडिंग और उद्यम साझेदारी के माध्यम से AI स्टार्ट-अप को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
  • इंडिया AI उत्तरदायी AI फ्रेमवर्क: AI प्रणालियों में निष्पक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नैतिक और शासन ढाँचे का विकास करता है।

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