100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि

Lokesh Pal December 25, 2024 03:23 15 0

संदर्भ 

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पदच्युत करने एवं उनके भारत में शरण लेने के चार महीने से अधिक समय बाद, बांग्लादेश ने आधिकारिक तौर पर उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है।

शेख हसीना पर आरोप

  • बांग्लादेश के राजनयिक नोट में हसीना के विरुद्ध कई गंभीर आरोपों पर प्रकाश डाला गया है, जो भारत में राजनीतिक शरण के लिए किसी भी संभावित दावे को जटिल बनाता है।
  • हत्या का आरोप: पुलिस गोलीबारी की घटना में एक किराने की दुकान के मालिक की हत्या के लिए कथित तौर पर जिम्मेदार।
  • अपहरण का आरोप:  वर्ष 2015 में एक वकील के अपहरण का आरोप लगाया गया।
  • नरसंहार एवं यातना: हत्या, यातना एवं नरसंहार से जुड़े एक अन्य मामले को सूचीबद्ध किया  गया।

प्रत्यर्पण संधियों के बारे में

  • प्रत्यर्पण संधियाँ: देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय समझौते, जो अपराधों के आरोपी या दोषी व्यक्तियों को उस देश में वापस स्थानांतरित करने की प्रक्रिया स्थापित करते हैं, जहाँ कथित अपराध हुए थे।

मुख्य प्रावधानों में आमतौर पर शामिल हैं

  • प्रत्यर्पण अपराधों की सूची: वे अपराध जिनके लिए प्रत्यर्पण का अनुरोध किया जा सकता है (जैसे, हत्या, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी)।
  • अपवाद: ऐसी परिस्थितियाँ, जिनके अंतर्गत प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है (जैसे, राजनीतिक अपराध, यातना का जोखिम)।
  • उचित प्रक्रिया: अनुरोधित व्यक्ति के अधिकारों के लिए सुरक्षा उपाय।
  • भारत एवं प्रत्यर्पण: भारत कई द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय प्रत्यर्पण संधियों का एक हस्ताक्षरकर्ता देश है।
  • कानून: प्रत्यर्पण अधिनियम, 1962 प्रत्यर्पण के लिए भारत का विधायी आधार प्रदान करता है।
  • भारत में प्रत्यर्पण के लिए नोडल प्राधिकरण: विदेश मंत्रालय।
  • शर्त: किसी आरोपी के लिए प्रत्यर्पण अनुरोध अंडर-जाँच, अंडर-ट्रायल एवं दोषी अपराधियों के मामले में शुरू किया जा सकता है।
  • उल्लेखनीय संधियाँ: भारत की संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम एवं कई अन्य देशों सहित कई देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियाँ हैं।
  • विचार किए जाने वाले कारक: भारतीय न्यायालय प्रत्यर्पण अनुरोधों की सावधानीपूर्वक जाँच करते हैं, अपराध की प्रकृति, प्रस्तुत किए गए सुबूत एवं अनुरोध करने वाले देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन की संभावना जैसे कारकों पर विचार करते हैं।
  • भारत से जुड़े उल्लेखनीय प्रत्यर्पण मामले
    • विजय माल्या एवं नीरव मोदी मामले अंतरराष्ट्रीय प्रत्यर्पण की जटिलताओं का उदाहरण हैं, जिसमें वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप, कानूनी लड़ाई तथा राजनीतिक विचार शामिल हैं।

भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि के बारे में

  • प्रत्यर्पण संधि की शुरुआत बांग्लादेश में छिपे भारतीय विद्रोहियों, मुख्यत: उत्तर-पूर्व के विद्रोहियों और भारत में शरण लेने वाले बांग्लादेशी उग्रवादियों के बारे में चिंताओं को दूर करने के लिए की गई थी।
  • संधि पर वर्ष 2013 में हस्ताक्षर किए गए थे एवं भगोड़ों की प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए वर्ष 2016 में इसमें संशोधन किया गया था।
  • संधि के प्रमुख प्रावधान
    • प्रत्यर्पण योग्य व्यक्ति: वे व्यक्ति जिन पर अनुरोधकर्ता देश में प्रत्यर्पण योग्य अपराध करने का आरोप लगाया गया हो या जो इसके लिए दोषी पाए गए हों अथवा वांछित हों।
    • प्रत्यर्पण योग्य अपराध की परिभाषा: ऐसे अपराध जिनमें वित्तीय अपराधों सहित न्यूनतम एक वर्ष कारावास की सजा हो।
    • दोहरी आपराधिकता: प्रत्यर्पण के लिए अर्हता प्राप्त करने हेतु अपराध भारत एवं बांग्लादेश दोनों में दंडनीय होना चाहिए।
    • प्रत्यर्पण का दायरा: प्रत्यर्पण योग्य अपराध करने, सहायता करने, उकसाने या अपराध में सहयोगी के रूप में भाग लेने के प्रयासों को कवर करता है।
  • वर्ष 2016 संधि संशोधन: प्रत्यर्पण मामलों में कथित अपराध के साक्ष्य की आवश्यकता को हटा दिया गया। प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध करने वाले देश की सक्षम अदालत से केवल गिरफ्तारी वारंट की आवश्यकता होती है।

नियमों के अपवाद

  • इनकार के लिए आधार: यदि अपराध राजनीतिक प्रकृति का है, तो प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है।
  • गैर-राजनीतिक अपराध: कुछ अपराधों को स्पष्ट रूप से राजनीतिक के रूप में वर्गीकृत किए जाने से बाहर रखा गया है, जिनमें शामिल हैं:
    • हत्या, हमला।
    • जीवन को खतरे में डालने के उद्देश्य से विस्फोट करना या विस्फोटक अथवा हथियार रखना।
    • गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए अस्त्र-शस्त्र का उपयोग करना।
    • जीवन को खतरे में डालने के उद्देश्य से संपत्ति को नुकसान पहुँचाना।
    • अपहरण, बंधक बनाना, हत्या के लिए उकसाना एवं आतंकवाद से संबंधित अपराध।
  • अतिरिक्त अपवाद: यदि आरोप सद्भावनापूर्वक या न्याय के हित में नहीं लगाया गया हो।
    • सैन्य अपराध जो सामान्य आपराधिक कानून के अंतर्गत अपराध नहीं हैं, उन्हें बाहर रखा गया है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.