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भारत-ब्राजील संबंध

Lokesh Pal July 10, 2025 02:19 54 0

संदर्भ

8 जुलाई, 2025 को भारतीय प्रधानमंत्री की ब्राजील की राजकीय यात्रा (लगभग 60 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा) से भारत-ब्राजील सामरिक साझेदारी मजबूत हुई।

संबंधित तथ्य

  • भारतीय प्रधानमंत्री को ब्राजील के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस से सम्मानित किया गया।
  • मई 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद से, यह किसी विदेशी सरकार द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री मोदी को प्रदान किया गया 26वाँ अंतरराष्ट्रीय सम्मान है।

द्विपक्षीय बैठक की मुख्य बिंदु

रणनीतिक दृष्टि, भू-राजनीतिक समन्वय और वैश्विक भूमिका
  • दोनों नेताओं ने लोकतंत्र, शांति, समृद्धि और सतत् विकास पर आधारित भारत-ब्राजील रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की।
  • दोनों इस बात पर सहमत हुए कि सभी वैश्विक चुनौतियों का समाधान वार्ता और कूटनीति के माध्यम से किया जाना चाहिए।
  • पाँच प्रमुख स्तंभों पर आधारित एक रणनीतिक रोडमैप (वर्ष 2025- वर्ष 2035) के माध्यम से संबंधों को और मजबूत किया गया:
    1. रक्षा एवं सुरक्षा
    2. खाद्य एवं पोषण सुरक्षा
    3. ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन
    4. डिजिटल परिवर्तन और उभरती प्रौद्योगिकियाँ
    5. रणनीतिक क्षेत्रों में औद्योगिक साझेदारियाँ
  • संयुक्त समर्थन
    • फिलिस्तीन के लिए द्वि-राज्य समाधान
    • फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए UNRWA अधिदेश
    • यूक्रेन में वार्ता के जरिए शांतिपूर्ण समाधान
  • विश्व व्यापार संगठन के नियमों के प्रति प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की गई, एकतरफा संरक्षणवादी उपायों को अस्वीकार किया गया।
‘ग्लोबल साउथ’ और बहुपक्षवाद
  • नेताओं ने ‘ग्लोबल साउथ’ में भारत-ब्राजील के संयुक्त नेतृत्व और बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्धता पर बल दिया।
  • उन्होंने आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए सुरक्षा परिषद के विस्तार सहित संयुक्त राष्ट्र सुधारों का आह्वान किया।
    • समीक्षा सम्मेलन का समर्थन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद-109 का आह्वान किया गया।
    • वर्ष 2025 में संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगाँठ को सुधारों को आगे बढ़ाने के एक अवसर के रूप में याद किया गया।
  • ब्राजील ने भारत की अस्थायी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सीट (2028-29) के लिए दावेदारी का समर्थन किया; भारत ने ब्राजील की स्थायी सीट की आकांक्षाओं का समर्थन किया।
छह समझौतों पर हस्ताक्षर
  • अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराध से निपटने पर समझौता।
  • वर्गीकृत सूचनाओं के आदान-प्रदान और पारस्परिक संरक्षण पर समझौता।
  • नवीकरणीय ऊर्जा सहयोग पर समझौता ज्ञापन।
  • कृषि अनुसंधान पर समझौता ज्ञापन (EMBRAPA-ICAR)।
  • डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और परिवर्तन पर समझौता ज्ञापन।
  • बौद्धिक संपदा अधिकारों पर समझौता ज्ञापन (DPIIT-MDIC)।
रक्षा एवं सुरक्षा
  • पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा; आतंकवाद और उग्रवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता का रुख।
  • आतंकवाद-रोधी समझौते पर हस्ताक्षर, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद आदि पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित प्रतिबंधों के प्रति समर्थन की पुष्टि।
  • संयुक्त राष्ट्र साइबर अपराध पर कन्वेंशन का समर्थन; आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए प्रतिबद्ध (संयुक्त राष्ट्र और FATF)।
  • रक्षा उद्योगों को भूमि, समुद्री और हवाई प्रणालियों में सहयोग की संभावना तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
अंतरिक्ष तथा समुद्री सहयोग
  • उपग्रह विकास, प्रक्षेपण तकनीक, नियंत्रण स्टेशन और अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति।
खाद्य एवं पोषण सुरक्षा
  • खाद्य सुरक्षा, कृषि उत्पादकता और सतत् कृषि पद्धतियों के लिए संयुक्त प्रयास।
  • भुखमरी और गरीबी के विरुद्ध वैश्विक गठबंधन के लिए समर्थन।
  • सार्वजनिक खाद्य भंडारण की भूमिका की पुनः पुष्टि।
  • निष्पक्ष, खुले कृषि-व्यापार और संयुक्त कृषि-अनुसंधान एवं विकास, विशेष रूप से पशु आनुवंशिकी और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, का आह्वान किया।
ऊर्जा संक्रमण और जलवायु
  • दोनों वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के संस्थापक सदस्य हैं।
  • जैव ईंधन, ईंधन युक्त वाहनों और सतत् विमानन ईंधन (Sustainable Aviation Fuel- SAF) पर जोर दिया गया।
  • भारत ने ब्राजील की COP30 अध्यक्षता (2025) का समर्थन किया।
  • ब्राजील के ‘ट्रॉपिकल फारेस्ट फॉरएवर फंड’ (Tropical Forests Forever Fund- TFFF) और COP30 वित्त मंत्रियों के समूह का स्वागत किया।
  • तीसरे देशों में ISA और CDRI पहलों के लिए संयुक्त समर्थन।
  • जलवायु वित्त, स्थानीय मुद्रा वित्तपोषण और UNFCCC सहयोग को मजबूत करने पर सहमति।
डिजिटल और तकनीकी सहयोग
  • डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), क्वांटम प्रौद्योगिकी और उभरती प्रौद्योगिकियों पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर।
  • एआई सुरक्षा और नवाचार पर जोर; भारत वर्ष 2026 में AI शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
  • अनुसंधान एवं विकास, क्वांटम प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और बाह्य अंतरिक्ष में सहयोग के लिए वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग आयोग का शुभारंभ।
औद्योगिक और व्यापारिक संबंध
  • 5 वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 20 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
  • फार्मा, विमानन, खनन, रक्षा, तेल एवं गैस के क्षेत्र में संबंधों को मजबूत किया जाएगा।
  • उष्णकटिबंधीय रोगों के लिए जेनेरिक दवाओं के उत्पादन और संयुक्त अनुसंधान एवं विकास को समर्थन देने हेतु फार्मा क्षेत्र में समझौता ज्ञापन।
  • महत्त्वपूर्ण खनिजों, आपूर्ति शृंखलाओं और कार्बन कैप्चर तकनीक पर सहयोग।
  • वर्ष 2020 निवेश संधि और वर्ष 2022 के कर प्रोटोकॉल के अंतर्गत मंत्रिस्तरीय व्यापार समीक्षा तंत्र को सक्रिय किया जाएगा।
  • साओ पाउलो में एक्जिम बैंक कार्यालय और दिल्ली में ANVSA कार्यालय के उद्घाटन का स्वागत किया जाएगा।
गतिशीलता और व्यावसायिक वीजा
  • वीजा प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने तथा पर्यटन एवं व्यापार गतिशीलता को सुविधाजनक बनाने पर सहमति निर्मित हुई।
शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच संबंध
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (2025-2029) के नवीनीकरण को प्रोत्साहित किया।
  • एशिया-प्रशांत अंतरराष्ट्रीय शिक्षा संघ (Asia-Pacific Association for International Education- APAIE) के वार्षिक सम्मेलन 2025 (नई दिल्ली) में ब्राजील की भागीदारी पर प्रकाश डाला।
  • PEC (ब्राजील) और ICCR (भारत) छात्रवृत्तियों के माध्यम से छात्र आदान-प्रदान को समर्थन दिया।
  • वैश्विक स्तर पर रचनात्मक उद्योगों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
  • रक्षा प्रशिक्षण सहित क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।

भारत-ब्राजील संबंधों के बारे में

  • ऐतिहासिक संबंध: यह संबंध लगभग पाँच शताब्दी प्राचीन हैं।
    • 16वीं और 18वीं शताब्दी के बीच, पुर्तगाली साम्राज्य के दोनों उपनिवेश, ब्राजील और गोवा के बीच द्विपक्षीय आदान-प्रदान था, जो भोजन, वस्त्र और स्थानीय परंपराओं में परिलक्षित होता था।
    • ब्राजील में पाए जाने वाले कई मवेशी नस्लों की उत्पत्ति भारत से हुई है। 
    • इसके अलावा, ‘कैमिनो दास इंडियास’ (भारत के पथ) जैसे ब्राजीलियाई टेली-उपन्यासों की लोकप्रियता ने वहाँ भारत के प्रति जागरूकता तथा रुचि को और भी बढ़ाया है।
  • राजनीतिक सहयोग: दोनों देश BRICS, IBSA, G4, G20 और संयुक्त राष्ट्र के व्यापक बहुपक्षीय ढाँचे के अंतर्गत घनिष्ठ सहयोग करते हैं।
    • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद: भारत और ब्राजील (जर्मनी तथा जापान के साथ) संयुक्त रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए प्रयासरत हैं।
    • ‘ग्लोबल साउथ’ सहयोग: दोनों देश दक्षिण-दक्षिण सहयोग में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
    • ब्राजील का पारस्परिक बहुपक्षवाद भारत की रणनीतिक स्वायत्तता के अनुरूप है।
    • वर्ष 2006 से रणनीतिक साझेदारी, एक साझा वैश्विक दृष्टिकोण, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक समावेशन के साथ आर्थिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित है।
    • ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में भारत आए (जनवरी 2020); विभिन्न क्षेत्रों में 15 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
      • भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014, वर्ष 2019 (BRICS) तथा वर्ष 2024 (रियो में G20) में ब्राजील का दौरा किया।
      • ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने वर्ष 2004, वर्ष 2007, वर्ष 2008 और वर्ष 2023 (G20) में भारत का दौरा किया।
    • वर्ष 1948 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए; उसी वर्ष दोनों देशों ने दूतावास खोले।
      • भारत ने शुरुआत में रियो डी जेनेरियो में अपना दूतावास खोला, बाद में इसे वर्ष 1971 में ब्राजीलिया स्थानांतरित किया गया।
      • भारत का साओ पाउलो में एक महावाणिज्य दूतावास है; ब्राजील का एक दूतावास मुंबई में है।
      • वर्ष 2023 में, भारत और ब्राजील राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगाँठ मनाएँगे।
      • शीतयुद्ध के दौरान, दोनों ने महाशक्तियों के प्रभुत्व का विरोध किया। वर्ष  1967 में, उन्होंने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) की निंदा की।
    • संसदीय आदान-प्रदान: ब्राजील में सक्रिय भारत-ब्राजील संसदीय मैत्री समूह और मैत्री मोर्चा।
      • अध्यक्ष ओम बिरला ने BRICS संसदीय मंच (ब्रासीलिया, जून 2025) में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
      • श्री हरिवंश, उपसभापति, राज्यसभा ने संसदीय अध्यक्षों (P20) के शिखर सम्मेलन (ब्रासीलिया, नवंबर 2024) में भाग लिया।
      • डॉ. शशि थरूर ने पहलगाम हमले के बाद सीमा पार आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल (जून 2025) का नेतृत्व किया।
    • संस्थागत तंत्र: नियमित तंत्रों में संयुक्त आयोग बैठक (JCM), रणनीतिक वार्ता, विदेश कार्यालय परामर्श (FOC), व्यापार निगरानी तंत्र (TMM), संयुक्त रक्षा आयोग, भारत-ब्राजील व्यापार नेतृत्वकर्ता मंच, आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता शामिल हैं।
      • 9वीं संयुक्त परामर्श बैठक (JCM) नई दिल्ली में आयोजित (अगस्त 2024)।
      • दूसरी FOC (ब्रासीलिया में) (जून 2023)
      • छठी TMM (ब्रासीलिया में) (अक्टूबर 2023)
  • आर्थिक संबंध: ब्राजील लैटिन अमेरिका में भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है।
    • वर्ष 2021 में, भारत ब्राजील का पाँचवाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया; व्यापार 63.5% बढ़कर 11.53 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।
    • वर्ष 2017-2022 के बीच, भारत को ब्राजील का निर्यात वार्षिक रूप से 5.68% की दर से बढ़ा।
    • ब्राजील से मुख्य निर्यातक वस्तुएँ: सोयाबीन तेल, कच्चा पेट्रोलियम, सोना।
    • भारत से मुख्य निर्यातक वस्तुएँ: जैविक रसायन, डीजल, दवाइयाँ, इंजीनियरिंग सामान।
    • वर्ष 2024-2025 तक द्विपक्षीय व्यापार 12.20 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
    • भारतीय निर्यात: 6.77 अरब अमेरिकी डॉलर।
    • भारतीय आयात: 5.43 अरब अमेरिकी डॉलर।
    • ब्राजील में भारतीय निवेश: 6 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक।
      • कंपनियाँ: इन्फोसिस, TCS, ONGC विदेश, बजाज, टाटा मोटर्स, सन फार्मा, आदि।
    • भारत में ब्राजील का निवेश: लगभग 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर।
      • कंपनियाँ: वेले, स्टेफनीनी, WEG, डेडिनी, फैनेम, गेरडौ, आदि।
    • तेल एवं गैस सहयोग: ब्राजील अमेरिका में भारत का सबसे बड़ा अपस्ट्रीम तेल निवेश गंतव्य है।
      • भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (OVL तथा BPRL) ने 4 तेल ब्लॉकों में 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया।
      • प्रमुख परियोजनाएँ: पेट्रोब्रास के साथ BM-SEAL-11 और BM-SEAL-4।
      • वर्ष 2020 में तेल और गैस पर संयुक्त कार्य समूह का गठन किया गया।
  • रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग: रक्षा सहयोग समझौते पर वर्ष 2003 में हस्ताक्षर हुए, वर्ष 2006 में इसकी पुष्टि हुई।
    • सहभागिता के तंत्र के रूप में ‘संयुक्त रक्षा समिति’ (Joint Defence Committee- JDC) की स्थापना की गई।
    • भारत और ब्राजील ने वर्ष 2024 में 2+2 राजनीतिक-सैन्य वार्ता शुरू की।
    • कई उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान; हाल के वर्षों में 14 प्रमुखों के दौरे।
    • वर्ष 2007 से, दोनों देशों के बीच 134 रक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया।
    • वर्ष 2006 से रणनीतिक वार्ता क्षेत्रीय और वैश्विक चिंताओं को शामिल करती है।
    • संधियाँ: प्रत्यर्पण, पारस्परिक कानूनी सहायता, सजायाफ्ता व्यक्तियों का स्थानांतरण।
    • CERT-इन और ब्राजील की साइबर एजेंसी के बीच साइबर सुरक्षा समझौता ज्ञापन (2020) पर हस्ताक्षर।
    • BRICS और IBSA मंचों के माध्यम से साइबर मुद्दों पर सहयोग।
  • तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी सहयोग: ब्राजील ने ‘ग्लोबल टेक समिट’ (अप्रैल 2025) में भाग लिया।
    • ब्राजील के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मई 2025 में भारत का दौरा किया।
    • नीति आयोग, C-DAC और थिंक टैंक ISPIRT के साथ बैठकें हुईं।
    • AI, 5G/6G, डेटा सुरक्षा, सुपरकंप्यूटिंग, क्वांटम तकनीक में रुचि।
    • तकनीकी सहयोग एवं छात्रवृत्तियाँ: ब्राजील भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Indian Council of Cultural relations- ICCR) और आयुष छात्रवृत्तियाँ।
      • भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (Indian Technical and Economic Cooperation program- ITEC) के अंतर्गत 107 ब्राजीलियाई नागरिकों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया गया।
      • राजनयिकों ने सुषमा स्वराज संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त किया; अन्य ने फेलोशिप और ग्लोबल साउथ यंग डिप्लोमेट्स फोरम में भाग लिया।
  • सॉफ्ट पॉवर: ब्राजीलियन पोस्ट ने भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष पूरे होने पर एक स्मारक डाक टिकट (2014) जारी किया।
    • साओ पाउलो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (2024) में भारत ‘फोकस कंट्री’ था।
    • पद्म श्री से सम्मानित
      • प्रोफेसर लिया डिस्किन (सामाजिक कार्य)
      • सुश्री ग्लोरिया एरिएरा (साहित्य एवं शिक्षा)
      • जोनास मसेटी (2025), वेदांत शिक्षक और विश्व विद्या गुरुकुलम के संस्थापक।
    • प्रोफेसर दिलीप लौंडो को सांस्कृतिक प्रोत्साहन के लिए प्रवासी भारतीय सम्मान (2023) से सम्मानित किया गया।
    • महात्मा गांधी का प्रभाव: ब्राजील में महात्मा गांधी का बहुत सम्मान किया जाता है।
      • रियो, साओ पाउलो, ब्रासीलिया, साल्वाडोर, लोंद्रिना, कुइबा में मूर्तियाँ स्थापित की गईं।
      • साल्वाडोर में फिल्होस डी गांधी वार्षिक परेड के माध्यम से गांधी का सम्मान करते हैं।
      • 9 जनवरी, 2020 को ब्रासीलिया में गांधी प्रतिमा का उद्घाटन किया गया।
    • ब्राजील में भारतीय समुदाय: लगभग 4,000 भारतीय ब्राजील (मुख्यतः साओ पाउलो, रियो, मनौस) में रहते हैं।
      • इसमें मुख्य रूप से पेशेवर, शोधकर्ता और व्यवसायी शामिल होते हैं।
      • साओ पाउलो का भारतीय संघ सामुदायिक कार्यक्रमों और राष्ट्रीय दिवस समारोहों का आयोजन करता है।
    • सांस्कृतिक सहयोग: भारतीय संस्कृति, नृत्य, आध्यात्म, योग और आयुर्वेद में उच्च रुचि।
      • ब्राजीलियन आयुर्वेद एसोसिएशन (ABRA) के 9 राज्यों में कार्यालय हैं।
      • लैटिन अमेरिका में पहला भारतीय सांस्कृतिक केंद्र साओ पाउलो (2011) में खोला गया।
      • वर्ष 2020-2024 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (Cultural Exchange Programme – CEP) पर हस्ताक्षर किए गए।
      • जुलाई 2024 में, माटो ग्रोसो डो सुल में योग को ‘पब्लिक’ स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया।
  • अन्य उभरते क्षेत्र: दोनों देश निम्नलिखित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं:
    • जैव-ऊर्जा सहयोग: राष्ट्रपति बोल्सोनारो की यात्रा के दौरान वर्ष 2020 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
      • जैव ऊर्जा पर संयुक्त कार्य समूह की स्थापना; अगस्त 2021 में बैठक हुई।
      • ब्राजील वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (2023) का सह-संस्थापक है।
      • नीति संरेखण: भारत की राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति और ब्राजील की रेनोवाबायो।
      • जैव ऊर्जा एवं स्थिरता: सतत् ईंधन वाले वाहनों,  एथेनॉल और स्वच्छ ऊर्जा पर सहयोग।
      • पर्यावरण: जैव विविधता संरक्षण और वनों की कटाई नियंत्रण में संयुक्त प्रयासों की संभावना।
    • कृषि, खाद्य प्रसंस्करण एवं पशुपालन: ‘गिर’ और ‘कांकरेज’ जैसी भारतीय नस्लें ब्राजील के मवेशियों का आनुवंशिक आधार बनाती हैं।
      • प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण में सहयोग।
      • भारत का निर्यात: मसाले, कृषि रसायन (1 अरब अमेरिकी डॉलर), कोको, ग्वार मील, हर्बल उत्पाद।
      • ब्राजील से आयात: चीनी (1.9 अरब अमेरिकी डॉलर), वनस्पति तेल (लगभग 1 अरब अमेरिकी डॉलर), कपास, दालें, पेय पदार्थ।
      • FSSAI और ब्राजील के कृषि मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन (2024) पर हस्ताक्षर।
    • स्वास्थ्य एवं पारंपरिक चिकित्सा: वर्ष 2020 में स्वास्थ्य सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
      • संयुक्त कार्य समूह (JWG) की बैठक (2022) में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, निगरानी और संयुक्त अनुसंधान एवं विकास पर चर्चा की गई।
      • ब्राजील ने एकीकृत और पूरक प्रथाओं की नीति (Policy of Integrative and Complementary Practices-PNPIC) के तहत आयुर्वेद और योग को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी है।
      • पारंपरिक चिकित्सा पर समझौता ज्ञापन पर वर्ष 2020 में हस्ताक्षर किए गए, पहली बैठक नवंबर 2022 में होगी।

बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग

  • ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका): दोनों प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में ब्रिक्स के एजेंडे को आकार देने में प्रमुख चालक हैं।
    • वे ब्रिक्स का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए करते हैं:
      • बहुध्रुवीयता को बढ़ावा देना और वैश्विक शासन में सुधार लाना।
      • दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करना।
      • सतत् विकास, व्यापार, वित्त और डिजिटल शासन जैसे मुद्दों पर सहयोग करना।
  • BASIC (ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत, चीन): UNFCCC में समन्वित जलवायु कार्रवाई के लिए वर्ष 2009 में गठित किया गया।
    • भारत और ब्राजील
      • जलवायु न्याय और ‘साझी किंतु विभेदित जिम्मेदारियाँ’ (CBDR-RC) एवं संबंधित क्षमताओं का समर्थन करना।
      • पेरिस समझौते के अंतर्गत विकासशील देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने पर जोर देना।
  • IBSA (भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच): विभिन्न महाद्वीपों के तीन लोकतंत्रों का एक मंच (स्थापना वर्ष 2003 में)।
    • मुख्य क्षेत्र
      • विकास सहयोग, गरीबी उन्मूलन, समावेशी विकास।
      • संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे मंचों पर वैश्विक मुद्दों पर समन्वित रुख अपनाना।
      • एक नियम-आधारित, लोकतांत्रिक और न्यायसंगत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देना।
  • G4 (भारत, ब्राजील, जर्मनी, जापान): भारत और ब्राजील संयुक्त रूप से एक-दूसरे की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए दावेदारी का समर्थन करते हैं।
    • निम्नलिखित कार्य करना
      • 21वीं सदी की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करना।
      • अंतरराष्ट्रीय निर्णय लेने में ‘’ग्लोबल साउथ’ की आवाज को मजबूत करना।

भारत के लिए ब्राजील का महत्त्व

  • सामरिक एवं राजनीतिक: वर्ष 2006 में स्थापित, लैटिन अमेरिका के कुछ चुनिंदा संगठनों में से एक, जो रक्षा, ऊर्जा और शासन के क्षेत्र में गहन जुड़ाव को दर्शाता है।
    • वैश्विक शासन सहयोग: दोनों देश BRICS, G-20, IBSA और G4 जैसे मंचों के माध्यम से बहुपक्षवाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करते हैं।
    • दक्षिण-दक्षिण सहयोग: ‘ग्लोबल साउथ’ के अग्रणी लोकतंत्रों के रूप में, दोनों देश विकास, लोकतांत्रिक मूल्यों और समावेशी वैश्विक नेतृत्व पर समन्वय करते हैं।
    • वैश्विक खतरों का मुकाबला: आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता और अंतरराष्ट्रीय अपराधों पर सहयोग के संबंध में साझा दृष्टिकोण।
  • आर्थिक विकास: ब्राजील खनिजों और हाइड्रोकार्बन, जैसे कच्चे पेट्रोलियम तेल, का एक महत्त्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है, जो भारत के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक हैं।
    • लैटिन अमेरिका में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार: वर्तमान में भारत और ब्राजील के बीच व्यापार लगभग 13 अरब डॉलर तक पहुँच चुका है और दोनों देशों ने इसे 20 अरब डॉलर तक विस्तार देने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
    • लीथियम और खनिज सुरक्षा: ब्राजील भारत के इलेक्ट्रिक वाहन लक्ष्य (वर्ष 2030 तक 30%) के लिए महत्त्वपूर्ण विश्वसनीय लीथियम आपूर्ति प्रदान करता है।
    • जैव ईंधन और ऊर्जा सहयोग:  एथेनॉल मिश्रण, हरित हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा में संयुक्त प्रयास भारत के ऊर्जा परिवर्तन का समर्थन करते हैं।
    • भारत-मर्कोसुर PTA (India-MERCOSUR PTA): दक्षिण अमेरिका में व्यापक बाजार पहुँच को सुगम बनाता है।
  • पर्यावरण एवं जलवायु सहयोग: दोनों ही वैश्विक जलवायु मंचों पर समानता और साझा लेकिन विभेदित उत्तरदायित्व (Common But Differentiated Responsibilities and Respective Capabilities- CBDR-RC) सिद्धांतों का समर्थन करते हैं।
    • पहल
      • ब्राजील: ट्रॉपिकल फारेस्ट फॉरएवर फंड (Tropical Forests Forever Fund-TFFF)।
      • भारत: मिशन लाइफ (Mission LiFE), ग्रीन क्रेडिट पहल
  • क्षेत्रीय और बहुपक्षीय लाभ: ब्राजील लैटिन अमेरिका और कैरेबियन में भारत की पहुँच के लिए एक रणनीतिक प्रवेश बिंदु के रूप में कार्य करता है।
    • अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन: ब्राजील आतंकवाद-निरोध, विकास वित्तपोषण, विश्व व्यापार संगठन सुधारों आदि पर भारत के रुख का समर्थन करता है।
    • ग्लोबल साउथ का प्रतिनिधित्व: भारत और ब्राजील वैश्विक निर्णय लेने में विकासशील देशों के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करने के लिए घनिष्ठ समन्वय करते हैं।

भारत और ब्राजील के बीच द्विपक्षीय संबंधों में चुनौतियाँ

  • व्यापार प्रतिस्पर्द्धा और कल्पना: दोनों ही चीनी और मांस जैसे कृषि उत्पादों के प्रमुख निर्यातक हैं, जिससे दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्द्धा और व्यापार प्रतिस्पर्द्धा पैदा हो सकती है।
  • गन्ना सब्सिडी: ब्राजील ने विश्व व्यापार संगठन में भारत द्वारा गन्ना किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी के बारे में शिकायत की है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया है।
    • ब्राजील भारत की कृषि नीतियों को लेकर चिंतित है, जिनका उसके आर्थिक हितों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • लोगों के बीच सीमित संपर्क: शैक्षिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक आदान-प्रदान सीमित हैं। ब्राजील में भारतीय प्रवासी समुदाय कम है तथा एक-दूसरे के समाज से लोगों का परिचय कम है।
  • सीमित अधिमान्य व्यापार समझौते: एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) या व्यापक अधिमान्य व्यापार समझौते (PTA) का अभाव गहन बाजार पहुँच और दीर्घकालिक निवेश प्रवाह को सीमित करता है।
  • चीन कारक: चीन ब्राजील का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और एक प्रमुख निवेशक है। इसकी गहरी आर्थिक उपस्थिति ब्राजील के भारत के साथ रणनीतिक तालमेल को सीमित कर सकती है और बाजार प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ा सकती है।
  • रणनीतिक प्राथमिकताओं में अंतर: दोनों उभरती हुई शक्तियाँ हैं, ब्राजील लैटिन अमेरिका और चीन के साथ संबंधों पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ओर उन्मुख है।
    • यह भिन्नता BRICS और G4 जैसे मंचों में समन्वय को प्रभावित करती है।
  • उच्च-स्तरीय असंगत जुड़ाव: रणनीतिक साझेदारी के बावजूद, शीर्ष-स्तरीय दौरे और संवाद अनियमित रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप निरंतरता में कमी आई है और क्षमता का कम उपयोग हुआ है।
  • बहुपक्षीय मंचों में मतभेद: भारत और ब्राजील BRICS, IBSA या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधारों के प्रमुख मुद्दों पर हमेशा एकमत नहीं होते हैं। वैश्विक संकटों और डिजिटल शासन पर मतभेद कभी-कभी सामूहिक प्रभाव को कमजोर कर देते हैं।

आगे की राह

  • खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा: ब्राजील एक प्रमुख कृषि महाशक्ति है, जबकि भारत अपने खाद्य तेल और कृषि उत्पादों के आयात में विविधता लाना चाहता है। दोनों देश आवश्यक वस्तुओं की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर सकते हैं, जो वैश्विक खाद्य संकट और आपूर्ति शृंखला व्यवधानों के बीच एक प्राथमिकता है।
  • ऊर्जा सहयोग: भारत और ब्राजील सबसे तेजी से बढ़ते ऊर्जा बाजारों में से हैं (IEA रिपोर्ट) और नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन तथा ऊर्जा दक्षता में सहयोग बढ़ा सकते हैं। इससे ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तनों को समर्थन मिलेगा।
  • रक्षा संबंधों को मजबूत करना: बदलती वैश्विक भू-राजनीतिक गतिशीलता के साथ, भारत और ब्राजील संयुक्त अभ्यास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तथा रक्षा व्यापार के माध्यम से रक्षा सहयोग को गहरा करने के तरीके तलाश रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता एवं सुरक्षा में योगदान मिलेगा।
  • सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान: प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढाँचे में सहयोग का विस्तार द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने में मदद करेगा।
    • उदाहरण: मार्च 2017 में हस्ताक्षरित सामाजिक सुरक्षा समझौता (SSA), एक बार पूरी तरह से लागू हो जाने पर, एक-दूसरे के पेंशन फंड में निवेश की अनुमति दे सकता है, व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित कर सकता है और निवेश प्रवाह को बढ़ावा दे सकता है।
  • टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं (Non-Tariff Barriers-NTBs) का समाधान: द्विपक्षीय वार्ताओं और एक-दूसरे के निर्यातों के लिए तरजीही व्यवहार के माध्यम से विशिष्ट व्यापार तथा निवेश बाधाओं की पहचान करना और उनका समाधान करना महत्त्वपूर्ण है।
    • उदाहरण: बासमती चावल के भारतीय निर्यातकों को कड़े फाइटोसैनिटरी मानकों के कारण ब्राजीलियाई बाजार तक पहुँचने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। ब्राजील भारतीय हितधारकों के परामर्श से इन मानकों की समीक्षा कर सकता है।
      • टैरिफ (शुल्कीय) बाधाओं में आयात और निर्यात पर लगाए जाने वाले कर शामिल हैं, जबकि गैर-टैरिफ बाधाओं में स्वच्छता मानक, तकनीकी आवश्यकताएँ और नियामक प्रतिबंध जैसे तत्त्व सम्मिलित होते हैं।
  • लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना: पर्यटन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और शैक्षिक सहयोग के माध्यम से सांस्कृतिक तथा सामाजिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना आवश्यक है ताकि आपसी समझ विकसित हो और सॉफ्ट पॉवर को मजबूत किया जा सके।
    • उदाहरण: भारत का फिल्म उद्योग (बॉलीवुड) ब्राजील में काफी लोकप्रिय है। इस सांस्कृतिक जुड़ाव का लाभ उठाकर सांस्कृतिक कूटनीति और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा दिया जा सकता है।

निष्कर्ष

शांति, समानता और पारस्परिक सम्मान के गांधीवादी मूल्यों पर आधारित भारत-ब्राजील संबंध, सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) जैसे SDG 7 (स्वच्छ ऊर्जा), SDG 9 (नवाचार), SDG 13 (जलवायु कार्रवाई) और SDG 17 (वैश्विक साझेदारी) को आगे बढ़ाते हैं, जो एक न्यायसंगत और सतत् वैश्विक व्यवस्था के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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