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भारत ने पाँच चीनी उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क आरोपित किया

Lokesh Pal March 25, 2025 04:39 36 0

संदर्भ

घरेलू उद्योगों को सस्ते आयात से बचाने के लिए भारत ने पाँच चीनी वस्तुओं पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया है।

संबंधित तथ्य

  • सरकार ने यह कदम तब उठाया जब जाँच में पता चला कि इन उत्पादों को चीन से उनके सामान्य मूल्य से कम कीमत पर निर्यात किया जा रहा था।
  • एंटी डंपिंग शुल्क के अंतर्गत आने वाले उत्पाद निम्नलिखित हैं:
    • सॉफ्ट फेराइट कोर, 
    • वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क, 
    • एल्युमीनियम फॉयल, 
    • ट्राइक्लोरो आइसोसायन्यूरिक एसिड और 
    • पॉली विनाइल क्लोराइड (Polyvinyl Chloride-PVC) पेस्ट रेजिन।
  • शुल्क की अवधि: सॉफ्ट फेराइट कोर, वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क और ट्राइक्लोरो आइसोसायन्यूरिक एसिड पर एंटी-डंपिंग शुल्क पाँच वर्ष के लिए आरोपित होगा।
    • एल्युमीनियम फॉयल पर शुल्क छह महीने के लिए अनंतिम है।

एंटी-डंपिंग ड्यूटी क्या है?

  • एंटी-डंपिंग ड्यूटी एक संरक्षणवादी टैरिफ है, जो किसी देश द्वारा विदेशी आयातों पर लगाया जाता है, जिनकी कीमत उचित बाजार मूल्य से कम होती है।
  • यह शुल्क घरेलू उद्योगों को सस्ते आयातों के कारण होने वाली अनुचित प्रतिस्पर्द्धा से बचाने में मदद करता है, जो स्थानीय निर्माताओं को नुकसान पहुँचा सकता है।

एंटी-डंपिंग ड्यूटी क्यों लगाई जाती है?

  • देश, एंटी-डंपिंग शुल्क तब लगाते हैं, जब उन्हें पता चलता है कि:-
    • विदेशी कंपनियाँ अपने घरेलू बाजार मूल्य से कम कीमत पर सामान बेच रही हैं।
    • इस तरह के आयात से घरेलू निर्माताओं को उनकी कीमतों में कटौती करके नुकसान होता है।
    • डंपिंग प्रथा से बाजार में विकृति और अनुचित प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा मिलता है।

व्यापार उपचार महानिदेशालय (Directorate General of Trade Remedies-DGTR) की भूमिका

  • ये शुल्क वाणिज्य मंत्रालय की जाँच शाखा, DGTR की सिफारिशों के आधार पर लगाए जाते हैं। 
  • एजेंसी घरेलू उद्योगों पर इन सस्ते आयातों के प्रभाव का आकलन करने के लिए जाँच करती है।

व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR)

  • DGTR वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग का एक संलग्न कार्यालय है।
  • DGTR एक अर्द्ध-न्यायिक निकाय है, जो केंद्र सरकार को अपनी सिफारिशें देने से पहले स्वतंत्र रूप से जाँच करता है।
  • यह डंपिंग रोधी, प्रतिकारी शुल्क और सुरक्षा उपायों सहित सभी व्यापार उपचारात्मक उपायों को प्रशासित करने वाला एकल राष्ट्रीय प्राधिकरण है।

अनुचित व्यापार प्रथाओं के विरुद्ध भारत की रणनीति

  • निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करने के लिए विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों के तहत एंटी-डंपिंग शुल्क की अनुमति है।
  • भारत ने सस्ते आयात का मुकाबला करने के लिए अतीत में विभिन्न उत्पादों पर इसी तरह के शुल्क लगाए हैं।
  • देश विशेष रूप से चीन के साथ अपने बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर चिंतित है, जो वर्ष 2023-24 में 85 बिलियन डॉलर था।
  • इन उपायों का उद्देश्य भारतीय निर्माताओं की रक्षा करना और अनुचित व्यापार प्रथाओं में लिप्त विदेशी निर्यातकों के विरुद्ध समान अवसर प्रदान करना है।

एंटी-डंपिंग ड्यूटी का प्रभाव

  • स्थानीय उद्योगों को अनुचित प्रतिस्पर्द्धा से बचाता है।
  • निष्पक्ष व्यापार को प्रोत्साहित करता है और विदेशी फर्मों द्वारा बाजार पर एकाधिकार को रोकता है।
  • डंपिंग करने वाले देशों के साथ व्यापार घाटे को कम करता है।
  • आयात पर निर्भर उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए कीमतें बढ़ा सकता है।

एंटी-डंपिंग ड्यूटी से संबंधित WTO के प्रावधान

  • GATT, 1994 के अनुच्छेद-VI और एंटी-डंपिंग समझौते के तहत, WTO के सदस्य एंटी-डंपिंग उपाय लागू कर सकते हैं।
  • समय-अवधि: एंटी-डंपिंग उपायों को लागू होने की तिथि के पाँच वर्ष बाद समाप्त होना चाहिए, जब तक कि जाँच से यह पता न चले कि उपाय को समाप्त करने से नुकसान होगा।
  • एंटी-डंपिंग प्रथाओं पर समिति: समिति, जो वर्ष में कम-से-कम दो बार बैठक करती है, WTO के सदस्यों को एंटी-डंपिंग समझौते से संबंधित किसी भी मामले पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करती है।

काउंटरवेलिंग ड्यूटी (Countervailing Duty-CVD)

  • काउंटरवेलिंग ड्यूटी (CVD) एक ऐसा टैरिफ है, जो किसी देश द्वारा आयातित वस्तुओं पर लगाया जाता है, जिन्हें निर्यातक देश की सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की गई है। 
  • इस शुल्क का उद्देश्य सब्सिडी द्वारा बनाए गए अनुचित लाभ की क्षतिपूर्ति करके घरेलू उत्पादकों के लिए समान अवसर प्रदान करना है।

एंटी-डंपिंग ड्यूटी बनाम काउंटरवेलिंग ड्यूटी (Anti-Dumping Duty vs. Countervailing Duty)

  • दोनों ही व्यापारिक उपाय घरेलू उद्योगों की रक्षा के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन वे अलग-अलग अनुचित व्यापार प्रथाओं को संबोधित करते हैं:-

एंटी-डंपिंग ड्यूटी

  • विदेशी निर्यातकों द्वारा मूल्य भेदभाव को लक्षित करता है।
  • जब विदेशी कंपनियाँ अपने घरेलू बाजार की तुलना में विदेशी बाजार में कम कीमत पर सामान बेचती हैं, तो इसे लागू किया जाता है।
  • डंपिंग के मार्जिन (निर्यात मूल्य और सामान्य मूल्य के बीच का अंतर) को ऑफसेट करने का लक्ष्य रखता है।
  • कंपनी-विशिष्ट मूल्य निर्धारण व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करता है।

काउंटरवेलिंग ड्यूटी

  • विदेशी निर्यातकों को अनुचित सरकारी सब्सिडी देने पर लक्षित
  • जब विदेशी सरकारें, ऐसी वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं, जिससे वस्तुओं के उत्पादन या निर्यात को लाभ होता है, तो इसे आरोपित किया जाता है।
  • इसका उद्देश्य प्राप्त सब्सिडी के लाभ की पूर्ति करना है।
  • बाजारों में सरकारी हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित।

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