100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत-मालदीव संबंध

Lokesh Pal July 28, 2025 02:58 31 0

संदर्भ

हाल ही में प्रधानमंत्री ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर मालदीव का दौरा किया।

संबंधित तथ्य 

  • भारतीय प्रधानमंत्री 26 जुलाई, 2025 को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगाँठ के समारोह में मुख्य अतिथि’ थे।
  • यह प्रधानमंत्री की मालदीव की तीसरी यात्रा होगी, और डॉ. मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपतित्व काल में किसी राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष की मालदीव की पहली यात्रा होगी।

प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव यात्रा के मुख्य निष्कर्ष

  • आर्थिक सहयोग
    • ऋण सहायता (Line of Credit): भारत ने विकास परियोजनाओं के समर्थन हेतु मालदीव को ₹4,850 करोड़ ($565 मिलियन) की ऋण सहायता देने की घोषणा की।
    • ऋण राहत: भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई ऋण सहायता द्वारा मालदीव के वार्षिक ऋण चुकाने संबंधी दायित्वों को कम किया गया।
    • भारत-मालदीव मुक्त व्यापार समझौता (India-Maldives Free Trade Agreement- IMFTA): दोनों देशों ने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (FTAs) के लिए वार्ता शुरू की।
    • द्विपक्षीय निवेश संधि: निवेश को बढ़ावा देने हेतु एक संधि को अंतिम रूप देने हेतु चर्चाएँ।
    • डिजिटल परिवर्तन: डिजिटल सहयोग और अन्य क्षेत्रों के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
  • रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग
    • भारत ने मालदीव की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।
    • मालदीव के रक्षा मंत्रालय को 72 वाहन प्रदान किए गए।
    • रक्षा और सुरक्षा सहयोग में आपसी विश्वास पर प्रकाश डाला गया।
  • राजनयिक और सांस्कृतिक संबंध
    • प्रधानमंत्री मोदी ने संबंधों को इतिहास से भी पुराना और सागर जितना गहरा’ बताया।
      • मालदीव भारत का ‘पड़ोसी और सह-यात्री’ देश है।

भारतीय फार्माकोपिया (Indian Pharmacopoeia- IP) भारत में निर्मित और/या विपणन की जा रही औषधियों के लिए मानकों की आधिकारिक पुस्तक है।

  • स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी
    • भारत की तरफ से मालदीव को 2 भीष्म हेल्थ क्यूब सेट (पोर्टेबल अस्पताल) सौंपे गए।
    • मालदीव द्वारा भारतीय फार्माकोपिया (IP) को मान्यता (भारतीय औषधि निर्यात को बढ़ावा) दी गई।
    • डिजिटल परिवर्तन पर समझौता ज्ञापन (भारत के सफल डिजिटल समाधान साझा किए जाएँगे) पर हस्ताक्षर किए गए।
  • जलवायु, मत्स्यपालन और मौसम विज्ञान
    • मत्स्यपालन एवं जलीय कृषि: सतत् मत्स्य पालन में सहयोग बढ़ाने हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
    • मौसम विज्ञान: मौसम निगरानी हेतु भारत के IITM और मालदीव मौसम विज्ञान सेवाओं के बीच सहयोग स्थापित किया गया।
    • पर्यावरण: ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के अंतर्गत संयुक्त वृक्षारोपण और मालदीव की 50 लाख वृक्षारोपण संबंधी प्रतिज्ञा।

भारत-मालदीव संबंध

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • राजनयिक संबंध: वर्ष 1965 में स्थापित; भारत, मालदीव की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले प्रारंभिक देशों में से एक है।
  • सांस्कृतिक संबंध: प्राचीन काल (बौद्ध धर्म, समुद्री व्यापार) से साझा नृजातीय, भाषाई, धार्मिक और वाणिज्यिक संबंध रहे हैं।

सहयोग के प्रमुख क्षेत्र

  • रक्षा और सुरक्षा
    • ऐतिहासिक विश्वास: वर्ष 1988 के तख्तापलट के प्रयास के दौरान भारत की सहायता ने दीर्घकालिक विश्वास का निर्माण किया; सैनिकों की शीघ्र वापसी ने संप्रभुता संबंधी चिंताओं का समाधान किया।
      • वर्ष 1988 का ऑपरेशन कैक्टस: भारत ने तख्तापलट के प्रयास को विफल कर दिया, सैनिकों को शीघ्रता से तैनात किया और संकट के बाद संप्रभुता का सम्मान करते हुए सैनिकों को वापस लिया गया।
    • क्षमता निर्माण: भारत, मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) के लगभग 70% कर्मियों (पिछले एक दशक में 1,500 से अधिक) को NDA, IMA, OTA आदि में प्रशिक्षित करता है।
    • संयुक्त अभ्यास: द्विपक्षीय (‘एकुवेरिन’, ‘एकाथा’) और त्रिपक्षीय (‘श्रीलंका के साथ दोस्ती’; वर्ष 2024 में बांग्लादेश पर्यवेक्षक के रूप में)।
    • बुनियादी ढाँचा: भारत द्वारा वित्तपोषित MNDF समग्र प्रशिक्षण केंद्र (वर्ष 2019), तटीय रडार प्रणाली, रक्षा मंत्रालय का नया मुख्यालय (वर्ष 2025), और ‘एकाथा’ बंदरगाह।
    • समुद्री सहायता: भारतीय नौसेना निगरानी, मेडेवैक (MEDEVAC) (चिकित्सा निकासी) और SAR (खोज एवं बचाव) (वर्ष 2019 से 630 से अधिक ऑपरेशन) हेतु हवाई संसाधन प्रदान करती है; जैसे- सेनाहिया अस्पताल, माले में चिकित्सा दल।
    • संस्थागत तंत्र: वार्षिक रक्षा सहयोग वार्ता (वर्ष 2016 से; वर्ष 2024 में पाँचवीं), संयुक्त कर्मचारी वार्ता (वर्ष 2024 में सातवीं)।
  • विकास सहायता
    • प्रमुख प्रोजेक्ट
      • ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना (GMCP): परिवहन अवसंरचना में सुधार के लिए 565 मिलियन अमेरिकी डॉलर की परियोजना, वर्ष 2022 में शुरू।
      • आवास: हुलहुमाले में 3,300 सामाजिक आवास इकाइयाँ (वर्ष 2025); अक्टूबर 2024 में 700 स्थापित की गईं।
      • अवसंरचना: अद्दू पुनर्ग्रहण (80 मिलियन डॉलर की ऋण-राशि, 2024), अद्दू डेटोर लिंक ब्रिज, हनीमाधू हवाई अड्डे का पुनर्विकास।
      • स्वास्थ्य: इंदिरा गांधी मेमोरियल अस्पताल (वर्ष 1995, पुनर्निर्मित वर्ष 2017), 28 द्वीपों में जल/सीवरेज नेटवर्क (वर्ष 2024)।
      • शिक्षा: मालदीव पॉलिटेक्निक (वर्ष 1996), आतिथ्य एवं पर्यटन अध्ययन संकाय (वर्ष 2014), राष्ट्रीय पुलिस एवं कानून प्रवर्तन कॉलेज (वर्ष 2022)।

मालदीव के संबंध में भारतीय नीतियाँ और पहल

  • नेबरहुड फर्स्ट नीति: भारत अपनी नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत मालदीव को प्राथमिकता देता है, क्षेत्रीय स्थिरता, सुरक्षा और विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे यह हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की कूटनीतिक रणनीति का एक केंद्रीय हिस्सा बन जाता है।
  • क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (SAGAR): सागर पहल का उद्देश्य हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय सहयोग सुनिश्चित करना है, जिसमें मालदीव समुद्री मार्गों की सुरक्षा तथा बाहरी खतरों का मुकाबला करने में एक प्रमुख भागीदार है।
  • क्षेत्रों में सुरक्षा और वृद्धि के लिए समुद्री और समग्र उन्नति (Maritime and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions- MAHASAGAR): महासागर (MAHASAGAR) दृष्टिकोण समुद्री सहयोग और आर्थिक साझेदारी पर केंद्रित है, जो एकीकृत समुद्री सुरक्षा तथा आर्थिक विकास के माध्यम से दोनों देशों में सुरक्षा एवं विकास को बढ़ाता है।

    • सामुदायिक विकास: मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा, स्ट्रीट लाइटिंग में उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाएँ (High Impact Community Development Projects- HICDP) (वर्ष 2024 में 6 का उद्घाटन, वर्ष 2025 में चरण-III समझौता ज्ञापन)।
    • वित्तीय सहायता: $1.4 बिलियन का पैकेज (वर्ष 2018) जिसमें $800 मिलियन का ऋण-समापन, $400 मिलियन का मुद्रा विनिमय; $565 मिलियन का ऋण-समापन (वर्ष 2025)।
    • बैंकिंग सहायता: भारतीय स्टेट बैंक (SBI), जो वर्ष 1974 से कार्यरत है, मालदीव का सबसे बड़ा बैंक है, जो रिसॉर्ट्स, समुद्री निर्यात और व्यवसायों के लिए ऋण प्रदान करता है, जिससे भारत का आर्थिक प्रभाव मजबूत होता है।
  • आर्थिक और व्यापारिक संबंध
    • व्यापार समझौता (1981): आवश्यक वस्तुओं के निर्यात को सुगम बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2025-26 के लिए निर्यात कोटा बढ़ाया गया है, जो स्थापना के बाद से अब तक का सर्वोच्च स्तर है।
    • द्विपक्षीय व्यापार: 156.3 मिलियन डॉलर (वर्ष 2013) से बढ़कर 548 मिलियन डॉलर (वर्ष 2023) हो गया।
      • प्रमुख भारतीय निर्यात: दवाइयाँ, सीमेंट, चावल। 
      • आयात: स्क्रैप धातुएँ।
    • पहल: शुल्क-मुक्त टूना निर्यात (वर्ष 2022), मालवाहक पोत सेवा (वर्ष 2020), व्यापार के लिए वीजा-मुक्त प्रवेश (वर्ष 2022), IMFTA वार्ता (वर्ष 2025)।
    • रुपे कार्ड लॉन्च (वर्ष 2024): भारतीय पर्यटकों के लिए लेन-देन को सुगम बनाता है, जिससे वर्ष 2024 के बहिष्कार के बाद मालदीव में पर्यटन के पुनर्स्थापन को बढ़ावा मिलेगा।
    • स्थानीय मुद्रा व्यापार: स्थानीय मुद्राओं में व्यापार निपटान समझौता (वर्ष 2024) विदेशी मुद्राओं पर निर्भरता को कम करता है, जिससे आर्थिक संबंध और गहरे होते हैं।
  • आपदा प्रबंधन
    • प्रथम प्रत्युत्तरकर्ता की भूमिका
      • वर्ष 2004 ऑपरेशन कैस्टर: सुनामी के बाद तत्काल सहायता (खाद्य, चिकित्सा आपूर्ति) प्रदान की गई।
      • 2014 ऑपरेशन नीर: माले में जल संकट के दौरान हवाई मार्ग से पेयजल पहुँचाया गया।
      • वर्ष 2020 कोविड-19 राहत: वैक्सीन मैत्री के अंतर्गत टीके और चिकित्सा उपकरण प्रदान किए गए।
    • मानवीय सहायता और आपदा राहत (Humanitarian Assistance and Disaster Relief-HADR) अभ्यास: मालदीव ने भारत के नेतृत्व में SAR तथा प्रदूषण नियंत्रण अभ्यास में भाग लिया; वर्ष 2025 में प्रथम द्विपक्षीय HADR अभ्यास की योजना बनाई गई।
  • जलवायु परिवर्तन: नवीकरणीय ऊर्जा, तटीय संरक्षण और वैश्विक वकालत (जैसे- अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन) पर सहयोग।
  • पर्यटन: भारत मालदीव के लिए पर्यटन का एक प्रमुख स्रोत है, जो वर्ष 2019 में दूसरा सबसे बड़ा स्रोत और वर्ष 2020 में महामारी के दौरान पहले स्थान पर रहा।
    • वर्षं 2019 से अब तक 10 लाख से अधिक भारतीय पर्यटक मालदीव आ चुके हैं।
    • मार्च 2022 में, दोनों देशों ने हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए खुले आसमान की व्यवस्था पर सहमति जताई।
  • शिक्षा और क्षमता निर्माण
    • भारत शिक्षा और क्षमता निर्माण में पर्याप्त सहायता प्रदान करता है, जिसमें शामिल हैं:
      • मालदीव के छात्रों के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) छात्रवृत्तियाँ।
      • प्रशिक्षण के लिए भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) स्लॉट।
    • प्रमुख संस्थागत संबंध
      • सिविल सेवा आयोग (CSC) और राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (NCGG) के बीच समझौता ज्ञापन।
      • न्यायिक सेवाओं और लोक सेवा मीडिया में सहयोग
  • प्रवासी
    • मालदीव में लगभग 60,000 भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें से अधिकांश स्वास्थ्य, शिक्षा, निर्माण और पर्यटन क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
    • भारत और मालदीव ने वर्ष 2018 में वीजा सुविधा समझौते तथा वर्ष 2011 में सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण (ToSP) समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

भारत के लिए मालदीव का महत्त्व

  • रणनीतिक स्थिति: मालदीव की भारत से निकटता, हिंद महासागर के प्रमुख समुद्री मार्गों (8° उत्तर और 1½° उत्तर चैनल) पर स्थिति, जो अदन की खाड़ी, होर्मुज की खाड़ी और मलक्का जलडमरूमध्य के बीच समुद्री व्यापार को सुगम बनाती है, जहाँ से 50% वैश्विक व्यापार और 80% ऊर्जा आपूर्ति होती है।
  • चीन के विस्तार का मुकाबला: ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल के तहत चीन-मालदीव मैत्री पहल जैसे चीन के निवेश का उद्देश्य उसके प्रभाव का विस्तार करना है।
    • भारत अपनी “नेबरहुड फर्स्ट” और “सागर” नीतियों के माध्यम से इसका मुकाबला करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि मालदीव भारतीय हितों के अनुरूप बना रहे।
  • क्षेत्रीय शक्ति संतुलन: एक स्थिर मालदीव प्रतिद्वंद्वी शक्तियों को हिंद महासागर में अपनी स्थिति मजबूत करने से रोकता है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता के रूप में भारत की भूमिका सुरक्षित रहती है।
  • आर्थिक और व्यापारिक संबंध: भारत मालदीव को चावल, गेहूँ, दवाइयाँ और निर्माण सामग्री का एक प्रमुख निर्यातक है, तथा वर्ष 2022 में द्विपक्षीय व्यापार लगभग 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच जाएगा।
  • रक्षा और सुरक्षा सहयोग: मालदीव, भारत के तटीय रडार नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, जो इस क्षेत्र में समुद्री डकैती, तस्करी और अवैध मत्स्यन से निपटने में मदद करता है।
  • राजनयिक जुड़ाव: भारत और मालदीव आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और समुद्री सुरक्षा से निपटने के लिए सार्क, बिम्सटेक और कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन में सहयोग करते हैं।

मालदीव के लिए भारत का महत्त्व

  • आर्थिक सहायता
    • आवश्यक आयात: भारत चावल, सब्जियाँ, दवाइयाँ और सीमेंट जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करता है, जिससे मालदीव की खाद्य सुरक्षा और निर्माण संबंधी आवश्यकताएँ पूर्ण होती हैं।
    • पर्यटन राजस्व: भारतीय पर्यटक (कोविड-पूर्व लगभग 2,00,000 प्रतिवर्ष) मालदीव के पर्यटन उद्योग में एक प्रमुख योगदानकर्ता हैं, जो सकल घरेलू उत्पाद का 25% है।
      • वर्ष 2024 के भारतीय बहिष्कार ने इस आर्थिक निर्भरता को उजागर किया।
    • वित्तीय सहायता: भारत बुनियादी ढाँचे, जैसे जल आपूर्ति प्रणाली, आवास, और 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना के लिए अनुदान तथा ऋण प्रदान करता है, जिससे मालदीव के विकास को बढ़ावा मिलता है।
  • सुरक्षा सहायता
    • रक्षा प्रशिक्षण और उपकरण: भारत मालदीव की सेनाओं को प्रशिक्षित करता है और गश्ती जहाज जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है, जिससे मालदीव की रक्षा क्षमताएँ बढ़ती हैं।
    • आपातकालीन प्रतिक्रिया: संकट के समय भारत की त्वरित सहायता, जैसे वर्ष 2014 के माले संकट (ऑपरेशन नीर) में जल आपूर्ति और वर्ष 2004 की सुनामी के दौरान राहत, एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में उसकी भूमिका को सशक्त करती है।
    • समुद्री सुरक्षा: भारत का तटीय रडार नेटवर्क एकीकृत मालदीव को अपने जल क्षेत्र की निगरानी करने और समुद्री डकैती एवं तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद करता है।
  • राजनयिक समर्थन
    • द्विपक्षीय जुड़ाव: राष्ट्रपति मुइज्जू की वर्ष 2024 और वर्ष 2025 में भारत यात्रा जैसे उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान, भारत कीनेबरहुड फर्स्ट’ नीति के तहत उसकी प्राथमिकता को दर्शाते हैं।
    • ऋण पुनर्गठन: मालदीव आर्थिक समीक्षा (दिसंबर 2024) के अनुसार, भारत ऋणों के लिए उदार पुनर्भुगतान शर्तें प्रदान करता है, जिससे मालदीव का ऋण संबंधी तनाव कम होता है, जबकि चीन की शर्तें सख्त हैं।
  • सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान
    • शैक्षिक योगदान: भारत ICCR के माध्यम से छात्रवृत्ति प्रदान करता है, जिससे मालदीव के छात्र भारतीय विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर सकते हैं।
    • स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच: इंदिरा गांधी मेमोरियल अस्पताल जैसी भारत निर्मित सुविधाएँ और चिकित्सा वीजा कार्यक्रम मालदीव की स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं का समर्थन करते हैं।
    • सामुदायिक उपस्थिति: मालदीव में लगभग 25,000 भारतीय पेशेवर स्कूलों, अस्पतालों और रिसॉर्ट्स में कार्य करते हैं, जिससे सामाजिक संबंध मजबूत होते हैं।
  • पर्यावरण सहयोग
    • जलवायु शमन: भारत सौर परियोजनाओं और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से मालदीव के जलवायु प्रयासों में सहायता करता है, जिससे बढ़ते समुद्र स्तर के खतरे का समाधान होता है।
    • सतत् विकास: भारतीय तकनीकी सहायता पर्यावरण-अनुकूल बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देती है, जो मालदीव के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

भारत-मालदीव संबंधों में चुनौतियाँ

  • भू-राजनीतिक संतुलन: मालदीव में चीन का बढ़ता प्रभाव, विशेष रूप से बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत निवेश के माध्यम से, भारत के क्षेत्रीय प्रभुत्व को चुनौती दे रहा है।
  • इंडिया आउट’ अभियान: वर्ष 2023 में राष्ट्रपति मुइज्जू के नेतृत्व में “इंडिया आउट” अभियान, जिसमें भारतीय सैन्य कर्मियों को हटाने की माँग की गई थी, ने संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है, हालाँकि उनकी जगह तकनीकी कर्मचारियों की नियुक्ति करके समझौता किया गया था।
  • राजनीतिक परिवर्तन: मालदीव में घरेलू राजनीतिक परिवर्तन, विशेष रूप से मुइज्जू के नेतृत्व में चीन समर्थक रुख, देश के प्रति भारत की विदेश नीति को जटिल बनाता है।
  • आर्थिक चुनौतियाँ और ऋण: वित्तीय सहायता और ऋण चुकौती के लिए मालदीव की चीन तथा भारत पर निर्भरता तनाव पैदा करती है, साथ ही बढ़ते चीनी ऋण बोझ को लेकर चिंताएँ भी उत्पन्न करती है।
  • राष्ट्रवाद और संप्रभुता: मालदीव में भारत विरोधी राष्ट्रवाद, विशेष रूप से मुइज्जू के नेतृत्व में,इंडिया आउट’ की अवधारणा द्विपक्षीय संबंधों को जटिल बनाती है।
  • क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता: पाकिस्तान, श्रीलंका और इस्लामी देशों के दबाव के कारण मालदीव के लिए भारत तथा चीन के बीच संबंधों को संतुलित करते हुए एक सुसंगत दृष्टिकोण बनाए रखना मुश्किल हो रहा है।
  • पर्यटन और विदेशी अभियान: मालदीव का एक प्रमुख आर्थिक क्षेत्र, पर्यटन संबंधी तनाव के दौरान ‘मालदीव बहिष्कार’ आंदोलन जैसे भारत-विरोधी अभियानों से प्रभावित होता है।
  • अपराध और उग्रवाद: उच्च बेरोजगारी, गरीबी और राजनीतीकरण मीडिया, मालदीव को उग्रवाद (जैसे- ISIS, अल-कायदा) के प्रति संवेदनशील बनाते हैं, जिससे भारत के सुरक्षा सहयोग में जटिलता आती है।
  • लक्षद्वीप से प्रतिस्पर्द्धा: भारत द्वारा लक्षद्वीप पर्यटन (केरल से 400 किमी.) को बढ़ावा देने को मालदीव के प्रतिद्वंदी के रूप में देखा गया, जिससे तनाव बढ़ गया।

मालदीव: एक समग्र अवलोकन

  • स्थान: हिंद महासागर में भारत के दक्षिण में स्थित (मिनिकॉय से 70 समुद्री मील, पश्चिमी तट से 300 मील)।
    • यह एशिया का सबसे छोटा देश है।
  • राजधानी: माले।
  • भारत से पृथक्करण: आठ डिग्री चैनल भारत के मिनिकॉय द्वीप, जो लक्षद्वीप समूह का एक हिस्सा है, को मालदीव से अलग करता है।
  • भाग: मालदीव संयुक्त राष्ट्र, राष्ट्रमंडल और इस्लामिक सहयोग संगठन का सदस्य है।
    • यह शंघाई सहयोग संगठन का एक संवाद भागीदार है।

भारत-मालदीव संबंधों के लिए आगे की राह

  • समुद्री सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना: भारत को महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्गों की सुरक्षा और निर्बाध वैश्विक व्यापार एवं ऊर्जा प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए मालदीव के साथ मिलकर अपनी समुद्री निगरानी क्षमताओं को बढ़ाना जारी रखना चाहिए।
    • समुद्री डकैती-रोधी, आतंकवाद-रोधी और समुद्री क्षेत्र जागरूकता में सहयोग को मजबूत करने से हिंद महासागर में सुरक्षा बनाए रखने में मदद मिलेगी।
  • आर्थिक और व्यापारिक संबंधों का विस्तार: दोनों देशों को द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को और मजबूत करने और व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वार्ता में तेजी लानी चाहिए।
    • पर्यटन, मत्स्यपालन और बुनियादी ढाँचे के विकास में वाणिज्यिक सहयोग का विस्तार आर्थिक साझेदारी में विविधता लाने और मालदीव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगा।
  • हिंद महासागर में भू-रणनीतिक संतुलन: भारत को वैकल्पिक विकास सहायता प्रदान करके और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करके मालदीव में चीन की बढ़ती उपस्थिति का समाधान करना जारी रखना चाहिए।
    • भारत अपनी स्थिति का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए कर सकता है कि मालदीव भारत के समुद्री सुरक्षा हितों के अनुरूप बना रहे और हिंद महासागर को बाहरी प्रभाव से मुक्त रखे।
  • जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय सहयोग: मालदीव की जलवायु परिवर्तन और बढ़ते समुद्री जलस्तर के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए, भारत को पर्यावरणीय सहयोग, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं और आपदा-प्रतिरोधी प्रयासों में, का समर्थन जारी रखना चाहिए।
    • सौर ऊर्जा परियोजनाएँ और अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance- ISA) के अंतर्गत संयुक्त पहल भारत-मालदीव पर्यावरणीय सहयोग को बढ़ा सकती हैं।
  • लोगों-से-लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देना: शैक्षिक आदान-प्रदान, छात्रवृत्तियों और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने से लोगों-से-लोगों के बीच संबंधों को और गहरा करने में मदद मिलेगी।
    • शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल अवसंरचना में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का विस्तार द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगा।
  • सतत् विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देना: भारत को मत्स्य प्रबंधन, तटीय संरक्षण और पर्यावरण-अनुकूल अवसंरचना जैसी सतत् विकास परियोजनाओं में मालदीव की सहायता जारी रखनी चाहिए।
    • सतत् पर्यटन और कृषि में सहयोगात्मक प्रयास दोनों देशों के लिए दीर्घकालिक पर्यावरणीय तथा आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।
  • क्षेत्रीय नेतृत्व और बहुपक्षीय सहभागिता: भारत को सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक विकास जैसे साझा क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान देने के लिए मालदीव के साथ-साथ सार्क, बिम्सटेक और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (Indian Ocean Rim Association- IORA) जैसे क्षेत्रीय संगठनों में अपनी सक्रिय भूमिका जारी रखनी चाहिए।
    • एकजुट दृष्टिकोण से क्षेत्रीय भू-राजनीति में दोनों देशों का प्रभाव मजबूत होगा।
  • मालदीव की संप्रभुता के लिए समर्थन: भारत को सुरक्षा चिंताओं और आर्थिक सहायता के बीच संतुलन बनाते हुए मालदीव की संप्रभुता का सम्मान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरानी चाहिए।
    • यह सुनिश्चित करके कि मालदीव स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम महसूस करे, भारत बिना किसी प्रभाव के एक विश्वसनीय भागीदार बना रह सकता है।

निष्कर्ष 

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित भारत-मालदीव संबंध, पारस्परिक आर्थिक, सुरक्षा और पर्यावरणीय हितों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और राजनीतिक अस्थिरता जैसी चुनौतियों के बावजूद, हाल की उच्च स्तरीय वार्ताएँ और भारत का निरंतर समर्थन एक सुदृढ़ साझेदारी को रेखांकित करता है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.