100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत-नॉर्वे समुद्री प्रदूषण पहल

Lokesh Pal April 18, 2025 02:46 17 0

संदर्भ

विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (Centre for Science and Environment-CSE) प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने और अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ाने के लिए भारत-नॉर्वे समुद्री प्रदूषण पहल (India-Norway Marine Pollution Initiative- INMPI) के एक भाग के रूप में आगरा में एक अध्ययन कर रहा है।

भारत-नॉर्वे समुद्री प्रदूषण पहल (INMPI) के बारे में

  • यह भारत और नॉर्वे के बीच एक संयुक्त प्रयास है, जिसका उद्देश्य समुद्री प्रदूषण, विशेष रूप से प्लास्टिक अपशिष्ट से निपटना और स्थायी महासागर संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा देना है।
  • यह पहल वर्ष 2019 में स्थापित भारत-नॉर्वे महासागर वार्ता के तहत शुरू किए गए दोनों देशों के बीच व्यापक सहयोग का हिस्सा है।
  • पृष्ठभूमि और स्थापना
    • समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर (वर्ष 2019): जनवरी 2019 में, दोनों सरकारों ने महासागर से संबंधित मुद्दों पर अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
    • आशय-पत्र (Letter of Intent- LoI) पर हस्ताक्षर (फरवरी 2019): भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) और नॉर्वे के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर भारत-नॉर्वे समुद्री प्रदूषण पहल की शुरुआत की।
  • मुख्य उद्देश्य
    • समुद्री प्रदूषण से निपटना: प्लास्टिक अपशिष्ट, रासायनिक प्रदूषकों और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र क्षरण को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना।
    • परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना: अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों का समर्थन करना, जो समुद्री प्रदूषण को कम करने के लिए सामग्रियों का पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण करते हैं।
    • स्थायी महासागर संसाधन: महासागर संसाधनों के सतत् उपयोग को सुनिश्चित करने, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और समुद्री जैव विविधता को बढ़ाने का लक्ष्य।

वैश्विक और भारतीय प्लास्टिक प्रदूषण की स्थिति

  • प्लास्टिक प्रदूषण का अर्थ पर्यावरण में प्लास्टिक अपशिष्ट का जमा होना है, जो पारिस्थितिकी तंत्र, वन्यजीवन और मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है।
    • इसमें एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक, माइक्रोप्लास्टिक और गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्री शामिल हैं, जो सदियों तक बनी रहती हैं।
  • प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक पर्यावरणीय संकट बन गया है, जिसमें लाखों टन प्लास्टिक कचरा लैंडफिल, महासागरों और पारिस्थितिकी तंत्रों में जमा हो रहा है।
  • वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण: 1950 के दशक से अब तक 8.3 बिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन किया जा चुका है, जिसमें से 10% से भी कम का पुनर्चक्रण किया जाता है।
    • प्रत्येक वर्ष लगभग 11 मिलियन टन प्लास्टिक समुद्र में जाता है, जिससे समुद्री जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को खतरा उत्पन्न होता है।
  • भारतीय प्लास्टिक प्रदूषण: भारत में प्रत्येक वर्ष 3.5 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है, जिसमें से केवल 30% का पुनर्चक्रण किया जाता है।
    • दिल्ली, मुंबई और बंगलूरू जैसे शहर प्लास्टिक अपशिष्ट के सबसे बड़े स्रोत हैं।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.