भारत और अमेरिका ने ‘सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट’ स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
यह पहली परियोजना है, जिसमें अमेरिकी सेना ने महत्त्वपूर्ण प्रौद्योगिकी पर भारत के साथ साझेदारी की है।
इन सेमीकंडक्टरों के लिए भारत का वर्तमान वार्षिक आयात बजट 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए है।
सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट
सेमीकंडक्टर फैब (फैब्रिकेशन का संक्षिप्त रूप) एक विनिर्माण संयंत्र है, जहाँ कच्चे ‘सिलिकॉन वेफर्स’ को ‘इंटीग्रेटेड सर्किट’ (IC) में परिवर्तित किया जाता है।
इस संयंत्र में इन्फ्रारेड, गैलियम नाइट्राइड और सिलिकॉन कार्बाइड सेमीकंडक्टर का निर्माण किया जाएगा।
प्रमुख सहयोग
‘शक्ति’ नामक इस संयंत्र का विकास भारत सेमीकंडक्टर मिशन के सहयोग तथा निम्नलिखित के बीच रणनीतिक साझेदारी से किया जाएगा:
भारत सेमी
3rdiTech
US स्पेस फोर्स
फोकस क्षेत्र
यह ‘फैब्रिकेशन प्लांट’ आधुनिक युद्ध और वाणिज्यिक उपयोग के लिए महत्त्वपूर्ण तीन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा:
उन्नत संवेदन
उन्नत संचार
उच्च वोल्टेज पावर इलेक्ट्रॉनिक्स
ये प्रौद्योगिकियाँ रेलवे, दूरसंचार अवसंरचना, डेटा सेंटर और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के लिए भी महत्त्वपूर्ण हैं।
भारत-अमेरिका सेमीकंडक्टर निर्माण परियोजना का सामरिक महत्त्व
भारत की सेमीकंडक्टर क्षमताओं को बढ़ाना
दोनों देशो के मध्य इस तरह की पहली परियोजना: यह एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि यह भारत-अमेरिका सेमीकंडक्टर निर्माण की पहली परियोजना है।
परीक्षण और संयोजन के अतिरिक्त: यह परियोजना वास्तविक विनिर्माण पर केंद्रित है जो भारत की सेमीकंडक्टर क्षमताओं को बढ़ाती है।
विशिष्ट क्लब में शामिल होना: भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल है जो घरेलू स्तर पर उन्नत सेमीकंडक्टर का निर्माण करने में सक्षम हैं।
भारत की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना
विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला: यह परियोजना भारत को महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा प्रौद्योगिकियों का विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता बनने में मदद करेगी।
निर्भरता कम करना: यह सेमीकंडक्टर के लिए विदेशी स्रोतों पर भारत की निर्भरता को कम करेगा, जिससे अधिक सुरक्षित और स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
प्रौद्योगिकी कूटनीति में महत्त्व
ऐतिहासिक सहयोग: यह समझौता भारत और अमेरिका के मध्य तकनीकी कूटनीति में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि का प्रतिनिधित्व करता है।
संबंधों में मजबूती: यह साझेदारी दोनों देशों के मध्य तकनीकी संबंधों को और मजबूत करेगी।
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