इंडिया VIX, जो निकट अवधि में बाजार की अस्थिरता की प्रत्याशा का संकेतक है, पिछले 15 दिनों में नाटकीय रूप से बढ़ा हुआ है।
संबंधित तथ्य
इंडिया VIX बाजार की अस्थिरता की प्रत्याशा की एक माप है। यह आम तौर पर लोकसभा चुनाव जैसी घटनाओं से पहले बढ़ता है, जिसका बाजार के संचालन पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
वृद्धि से पता चलता है कि व्यापारियों या बाजार सहभागियों के बीच अपेक्षित अस्थिरता को लेकर डर अब 15 दिन पहले की तुलना में अधिक है।
अस्थिरता सूचकांक (Volatility Index) के बारे में
परिभाषा: अस्थिरता सूचकांक, VIX या भय सूचकांक, निकट अवधि में बाजार की अस्थिरता की प्रत्याशा की एक माप है।
अस्थिरता को अक्सर ‘कीमतों में परिवर्तन की दर और परिमाण’ के रूप में वर्णित किया जाता है एवं वित्त में इसे अक्सर जोखिम के रूप में जाना जाता है।
अस्थिरता सूचकांक की गणना: अस्थिरता सूचकांक उस राशि की एक माप है, जिसके द्वारा अंतर्निहित सूचकांक की ऑर्डर बुक के आधार पर निकट अवधि (वार्षिक अस्थिरता के रूप में गणना, प्रतिशत में दर्शाया गया है, उदाहरण के लिए 20%) में एक अंतर्निहित सूचकांक में उतार-चढ़ाव की उम्मीद की जाती है।
जैसे ही अस्थिरता कम होती है, अस्थिरता सूचकांक में गिरावट आती है।
पहला अस्थिरता सूचकांक: शिकागो बोर्ड ऑफ ऑप्शंस एक्सचेंज (CBOE), वर्ष 1993 में अमेरिकी बाजारों के लिए अस्थिरता सूचकांक प्रस्तुत करने वाला पहला एक्सचेंज था।
इसके निर्माण के बाद से, यह बाजार की अस्थिरता का एक माप बन गया है, जो निवेशकों को सूचित निवेश निर्णय लेने में मार्गदर्शन करता है।
इंडिया VIX: इंडिया VIX एक अस्थिरता सूचकांक है, जिसकी गणना NSE द्वारा NIFTY ऑप्शंस की ऑर्डर बुक के आधार पर की जाती है। इसके लिए, NSE के F&O सेगमेंट पर कारोबार किए जाने वाले निकट एवं अगले महीने के NIFTY विकल्प अनुबंधों के सर्वोत्तम बोली उद्धरण का उपयोग किया जाता है।
इंडिया VIX निकट अवधि में बाजार की अस्थिरता के बारे में निवेशक की धारणा को दर्शाता है यानी यह अगले 30 कैलेंडर दिनों में अपेक्षित बाजार की अस्थिरता को दर्शाता है।
NSE के अनुसार, इंडिया VIX मान जितना अधिक होगा, अपेक्षित अस्थिरता उतनी ही अधिक होगी एवं इंडिया VIX मान जितना कम होगा, अपेक्षित अस्थिरता उतनी ही कम होगी।
VIX में उछाल के कारण
चुनाव की अनिश्चितता: चल रहे लोकसभा चुनावों ने अनिश्चितता पैदा कर दी है, जिससे इंडिया VIX ऊपर चला गया है।
भू-राजनीतिक कारक: मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव एवं बढ़ती अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड जैसे कारक भी अस्थिरता सूचकांक को बढ़ावा देने में अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
स्मॉल और मिड कैप क्षेत्र के निम्न-स्तरीय तिमाही परिणाम: अब तक के तिमाही परिणाम अधिकतर निराशाजनक रहे हैं, जिससे मिड एवं स्मॉल-कैप क्षेत्र के मूल्यांकन के बारे में निवेशकों की घबराहट बढ़ गई है।
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