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राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत लॉन्च किया जाएगा भारत का पहला क्वांटम कंप्यूटर

Lokesh Pal August 29, 2024 03:14 76 0

संदर्भ 

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (National Quantum Mission) का शासी बोर्ड अगले तीन महीनों में 10 से 15 स्टार्टअप को अनुदान प्रदान करेगा ताकि वे बढ़ सकें, विस्तार कर सकें और वैश्विक बन सकें।

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन 

  • कार्यान्वयन निकाय: विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को कार्यान्वित करेगा। 
  • वित्त पोषण और अवधि: वर्ष 2023-24 से वर्ष 2030-31 तक कुल लागत 6,003.65 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। 
  • उद्देश्य: मिशन का उद्देश्य क्वांटम प्रौद्योगिकी (QT) में एक जीवंत और नवीन पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हुए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना है। 
  • वैश्विक संदर्भ: अमेरिका, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, फ्राँस, कनाडा और चीन के बाद भारत क्वांटम मिशन शुरू करने वाला सातवाँ देश बन गया है। 
  • फोकस क्षेत्र: मिशन क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों (QTA) को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करता है, जो आर्थिक विकास को गति देगा, तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण करेगा और भारत को क्वांटम प्रौद्योगिकियों में ग्लोबल लीडर  के रूप में स्थापित करेगा। 

नवीन घटनाक्रम

  • स्टार्ट-अप के लिए अनुदान: स्टार्ट-अप को समर्थन देने के लिए 10-50 करोड़ रुपये तक के अनुदान की स्थापना। 
  • क्वांटम कंप्यूटिंग में प्रगति: मिशन ने भारत का पहला क्वांटम कंप्यूटर लॉन्च किया, जिसका लक्ष्य अगले कुछ महीनों में कंप्यूटेशन में 6 क्यूबिट हासिल करना है। 
  • धारा 8 कंपनियों की स्थापना: मिशन के अंतर्गत धारा 8 के तहत चार कंपनियों की स्थापना की जाएगी, जिनका प्रबंधन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान या भारतीय विज्ञान संस्थान जैसे प्रमुख संस्थानों द्वारा किया जाएगा। 
  • फोकस क्षेत्र: मिशन कंप्यूटिंग, संचार, मापन और संवेदन में क्वांटम प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित चार कंपनियों की स्थापना की जाएगी। 
  • बजट आवंटन: मिशन के लिए लगभग 6,000 करोड़ रुपये आवंटित करने के लिए एक विस्तृत योजना विकसित करना। 
  • प्रस्ताव प्रस्तुतियाँ: उन्नत क्वांटम प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए वैज्ञानिकों, संस्थानों और क्वांटम स्टार्ट-अप्स से लगभग 385 प्रस्ताव प्राप्त हुए है। 
  • परिचालन केंद्र: धारा 8 कंपनियों के रूप में संचालित मिशन के केंद्र, अपने संबंधित क्षेत्रों में क्वांटम प्रौद्योगिकियों को और विकसित करने के लिए अपने स्वयं के CEO नियुक्त करेंगे।
  • फोकस क्षेत्र: क्वांटम कंप्यूटिंग और क्वांटम संचार सबसे आशाजनक क्षेत्रों के रूप में उभर रहे हैं, जिनमें भारत ने स्वतंत्र रूप से महत्त्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। 
  • पिछले प्रयास: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग अपने ‘Pre NQM’ कार्यक्रम जिसे क्वेस्ट-QuEST कहा जाता है, के एक भाग के रूप में मिशन की घोषणा करने से पहले ही क्वांटम कंप्यूटिंग में निवेश कर रहा था। 
    • एक अन्य परियोजना में, DRDO और TIFR 6-क्यूबिट क्वांटम कंप्यूटर बनाने पर भी कार्य कर रहे हैं।

 

NQM की मुख्य विशेषताएँ

  • क्वांटम कंप्यूटर विकास: मिशन का लक्ष्य 5 वर्षों में 50-100 भौतिक क्यूबिट और 8 वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट वाले मध्यम स्तर के क्वांटम कंप्यूटर विकसित करना है। 
  • प्रौद्योगिकी प्रगति
    • मैग्नेटोमीटर (Magnetometers): सटीक समय, संचार और नेविगेशन (जैसे, परमाणु घड़ियाँ) के लिए उच्च संवेदनशीलता वाले मैग्नेटोमीटर का विकास करना। 
    • क्वांटम सामग्री: क्वांटम उपकरणों के निर्माण के लिए सुपरकंडक्टर, नवीन अर्द्धचालक संरचनाओं और टोपोलॉजिकल सामग्रियों जैसे क्वांटम सामग्रियों के डिजाइन और संश्लेषण के लिए समर्थन। 
  • क्वांटम संचार
    • भारत में 2000 किलोमीटर तक फैले भू-स्टेशनों के बीच उपग्रह-आधारित सुरक्षित क्वांटम संचार
    • अन्य देशों के साथ लंबी दूरी का सुरक्षित क्वांटम संचार। 
    • क्वांटम मेमोरी के साथ बहु-नोड क्वांटम नेटवर्क (Multi-node Quantum Network)
  • थीमैटिक हब (T-Hubs): T-हब की स्थापना शीर्ष शैक्षणिक और राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संस्थानों में की जाएगी, जो निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित करेंगे: 
    • क्वांटम कम्प्यूटेशन
    • क्वांटम संचार
    • क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी
    • क्वांटम सामग्री और उपकरण

मिशन का महत्त्व 

  • वैश्विक आर्थिक स्थिति में सुधार: NQM भारत को क्वांटम कंप्यूटिंग, AI, IoT और मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकियों के प्रभुत्व वाले उभरते आर्थिक परिदृश्य में स्थान दिलाएगा, जिससे देश को नए आर्थिक रुझानों के साथ सामंजस्य स्थापित करने  में मदद मिलेगी। 
  • आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना: वर्ष 2030 तक क्वांटम प्रौद्योगिकियों से भारत की अर्थव्यवस्था में 280-310 बिलियन डॉलर जुड़ने की उम्मीद है। यह मिशन अनुसंधान एवं विकास, क्वांटम डिवाइस निर्माण और संबंधित क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा। 
  • उद्योग उन्नति: यह मिशन एयरोस्पेस, मौसम पूर्वानुमान, सिमुलेशन, साइबर सुरक्षा, उन्नत विनिर्माण, स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों को सशक्त करेगा तथा भारत में औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाएगा। 
  • सुरक्षा अवसंरचना को बढ़ाना: मिशन का उद्देश्य क्वांटम कुंजी वितरण के माध्यम से संचार और वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित करना है, जिससे भारत की सुरक्षा अवसंरचना मजबूत होगी। 
  • सामाजिक-आर्थिक विकास को समर्थन: यह मिशन डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और सतत् विकास लक्ष्यों जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों को समर्थन देगा तथा व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास प्रयासों को बढ़ावा देगा। 
  • क्वांटम प्रौद्योगिकी के लिए संसाधनों का अनुकूलन: इसमें निम्नलिखित पर ध्यान दिया जाएगा:
    • आंतरिक अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से नई सामग्रियों और उपकरणों के लिए बुनियादी ढाँचे का विकास करना।
    • मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भारत भर में विविध सामग्री कार्यबल को एकीकृत करना।
    • संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करना तथा दोहराव से बचना। 
  • समकालीन चुनौतियों का समाधान: मिशन का उद्देश्य महत्त्वपूर्ण आधुनिक युग की समस्याओं का समाधान करते हुए स्वच्छ ऊर्जा और किफायती स्वास्थ्य सेवा जैसे प्रमुख मुद्दों के लिए अभिनव समाधान प्रदान करना है। 

चुनौतियाँ

  • विलंबित क्रियान्वयन: मिशन में देरी हुई है, जिससे प्रगति और उद्देश्यों की समय पर प्राप्ति प्रभावित हुई है। 
  • वित्तपोषण और संसाधन आवंटन: पर्याप्त धनराशि का प्रबंधन करना और विविध परियोजनाओं तथा स्टार्ट-अप्स के लिए प्रभावी ढंग से धन आवंटित करना एक जटिल कार्य है। 
  • वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा: भारत को चीन और अमेरिका जैसे अग्रणी देशों की उन्नत क्वांटम प्रौद्योगिकी पहलों के साथ प्रतिस्पर्द्धा करनी होगी, जिसके लिए मजबूत और त्वरित विकास प्रयासों की आवश्यकता होगी। 

क्वांटम यांत्रिकी

  • क्वांटम यांत्रिकी परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर पदार्थ और ऊर्जा की प्रकृति और व्यवहार की व्याख्या करती है। 
  • यह आमतौर पर परमाणु या उप-परमाणु कणों, जैसे इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रिनो और फोटॉन के गुणों को संदर्भित करता है।
  • अधिक क्यूबिट के साथ क्वांटम कंप्यूटर की शक्ति तीव्रता से बढ़ती है।

क्यूबिट

  • जिस प्रकार बिट्स (1 और 0) मूल इकाइयाँ हैं, जिनके द्वारा कंप्यूटर सूचना को संसाधित करते हैं, उसी प्रकार ‘क्यूबिट’ या ‘क्वांटम बिट्स’ क्वांटम कंप्यूटर द्वारा प्रक्रिया की मूलभूत इकाइयाँ हैं। 
  • क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम बिट्स (क्यूबिट) के रूप में जानकारी संगृहीत करता है, जो शून्य और एक के विभिन्न संयोजन ले सकता है।

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