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Lokesh Pal July 12, 2024 03:46 165 0
बोरहोल जियोफिजिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (Borehole Geophysics Research Laboratory- BGRL) का महाराष्ट्र के कोयना में 3 किलोमीटर की गहराई तक पायलट बोरहोल (Borehole) पूरा हो गया है।
पृथ्वी विज्ञान में प्रगति के लिए वैज्ञानिक गहन ड्रिलिंग एक अपरिहार्य उपकरण है।
इसके कई महत्त्व हैं, जिसके लिए अमेरिका, रूस और जर्मनी जैसे कई देशों ने 1990 के दशक में इस तरह की वैज्ञानिक परियोजनाएँ संचालित कीं। हाल ही में, वर्ष 2023 में, चीन द्वारा अपना स्वयं का एक डीप-ड्रिलिंग मिशन शुरू करने की खबरें आई थीं।
वैज्ञानिक गहरी ड्रिलिंग भी सबसे चुनौतीपूर्ण विधि है:
पायलट ड्रिलिंग मिशन सफल रहा और इससे महत्त्वपूर्ण नई जानकारियाँ प्राप्त हुईं:
कोयना डेटा और नमूने नए प्रयोगों को भी सुगम बनाएँगे तथा भारत के लिए वैज्ञानिक डीप-ड्रिलिंग में एक मजबूत आधार स्थापित करेंगे। इसके सबक भविष्य के डीप-ड्रिलिंग प्रयोगों के साथ-साथ कई तरीकों से अकादमिक ज्ञान का विस्तार करेंगे।
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