100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत की डिजिटल भाषाई क्रांति

Lokesh Pal October 28, 2025 02:46 33 0

संदर्भ

भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) द्वारा प्रेरित एक डिजिटल भाषायी परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जिसके अंतर्गत सभी 22 अनुसूचित भाषाएँ तथा अनेक जनजातीय एवं क्षेत्रीय उपभाषाएँ देश की डिजिटल संरचना (Digital Infrastructure) में एकीकृत की जा रही हैं।

AI संचालित भाषाई समावेशन पहल

भाषिणी प्लेटफॉर्म 

  • इसे राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन (NLTM) के अंतर्गत प्रारंभ किया गया।
  • 22 अनुसूचित भाषाओं और कई जनजातीय भाषाओं के लिए वास्तविक समय आधारित अनुवाद की सुविधा प्रदान करता है।
  • संसद भाषिणी जैसे प्रकल्पों के साथ एकीकृत है ताकि संसदीय चर्चाओं को देश की मातृभाषाओं में सुलभ बनाया जा सके।

भारतजेन (BharatGen)

  • लुप्तप्राय भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन की योजना (SPPEL) और संचिका (केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान का डिजिटल संग्रह) से प्राप्त डाटासेट का उपयोग करते हुए ‘टेक्स्ट-टू-टेक्स्ट’ तथा ‘टेक्स्ट-टू-स्पीच’ अनुवाद मॉडल विकसित करता है।
  • इसका उद्देश्य शासन, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में बहुभाषीय पहुँच को सशक्त बनाना है।

जनजातीय एवं लुप्तप्राय भाषाओं का संरक्षण 

  • आदि-वाणी – (कार्यक्रम प्रारंभ वर्ष: 2024)
    • भारत का पहला कृत्रिम बुद्धिमत्ता-संचालित जनजातीय भाषा प्लेटफॉर्म, जो वास्तविक समय अनुवाद और भाषायी संरक्षण हेतु विकसित किया गया है।
    • यह संथाली, भील, मुंडारी और गोंडी जैसी भाषाओं को सम्मिलित करता है।
    • यह स्पीच रिकग्निशन (Speech Recognition) और प्राकृतिक भाषा संसाधन (Natural Language Processing – NLP) तकनीकों का उपयोग करते हुए मौखिक परंपराओं का अभिलेखन करता है तथा जनजातीय भाषाओं को औपचारिक प्रयोग के लिए सक्षम बनाता है।
  • लुप्तप्राय भाषाओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन (SPPEL) योजना (वर्ष 2013 से)
    • उन भाषाओं का दस्तावेजीकरण करती है, जिन्हें 10,000 से कम लोग बोलते हैं।
    • केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (Central Institute of Indian Languages – CIIL), मैसूर द्वारा क्रियान्वित की जाती है।
  • संचिका भंडार (Sanchika Repository)
    • शब्दकोश, कहानी-पुस्तकें और बहुमाध्यमीय सामग्री का डिजिटल अभिलेखन करती है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित भाषा मॉडलों के प्रशिक्षण के लिए मूलभूत डेटा प्रदान करती है।
  • TRI-ECE योजना (जनजातीय कार्य मंत्रालय)
    • अंग्रेजी और हिंदी सामग्री को जनजातीय भाषाओं में सांस्कृतिक संवेदनशीलता एवं भाषाई शुद्धता के साथ अनुवादित करने के लिए AI उपकरणों का उपयोग करती है।

शिक्षा में डिजिटल रूपांतरण 

  • शिक्षण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता: यह मातृभाषाओं में शिक्षण सामग्री के अनुवाद को सक्षम बनाता है, जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप शिक्षा में भाषायी समावेशन को बढ़ावा मिलता है।
  • AICTE का e-कुंभ पोर्टल: यह विभिन्न भारतीय भाषाओं में तकनीकी पुस्तकों और अध्ययन सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
  • अनुवादिनी एप: यह अभियांत्रिकी, चिकित्सा, विधि एवं कौशल विकास से संबंधित पाठ्यपुस्तकों का अनुवाद करता है।
  • स्वयं प्लेटफॉर्म: यह 5 करोड़ से अधिक शिक्षार्थियों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है।
  • राष्ट्रीय अनुवाद मिशन (NTM) और राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन (NMM): ये प्राचीन ग्रंथों का डिजिटलीकरण और संरक्षण करके भारत की भाषाई परंपरा को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हैं।

प्रौद्योगिकीय आधार 

  • मुख्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीकें
    • ऑटोमैटिक स्पीच रिकग्निशन (Automatic Speech Recognition – ASR)
    • टेक्स्ट-टू-स्पीच सिंथेसिस (Text-to-Speech Synthesis – TTS)
    • न्यूरल मशीन ट्रांसलेशन (Neural Machine Translation – NMT)
    • नैचुरल लैंग्वेज अंडरस्टैंडिंग (Natural Language Understanding – NLU)।
  • पूर्व-प्रशिक्षित भाषा मॉडल
    • इंडिक बर्ट (IndicBERT) और एम-बार्ट (mBART) जैसे उपकरण भारतीय भाषाओं में उच्च-सटीकता वाले अनुवाद को संभव बनाते हैं।
    • प्रशिक्षण डेटा डिजिटलीकृत पांडुलिपियों, लोककथाओं और शैक्षिक संग्रहों से प्राप्त होता है, जिससे संदर्भगत सटीकता में वृद्धि होती है।
    • इंडिक बर्ट (IndicBERT): यह AI4भारत द्वारा विकसित एक उन्नत बहुभाषी मॉडल है, जो भारतीय भाषाओं की समझ हेतु प्रयुक्त होता है।
    • एम-बार्ट (mBART): मेटा AI द्वारा निर्मित एक बहुभाषी ‘सीक्वेंस-टू-सीक्वेंस’ (Sequence-to-Sequence) मॉडल है, जिसे 50 से अधिक भाषाओं में मशीनी ट्रांसलेशन और ‘टेक्स्ट जेनेरेशन’ (Text Generation) के लिए विकसित किया गया है।

चुनौतियाँ 

  • डेटा अंतराल: अनेक उप भाषाओं से संबंधित पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं है, जिससे कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित अनुवाद की सटीकता प्रभावित होती है।
  • पक्षपात एवं संदर्भगत त्रुटियाँ: कृत्रिम बुद्धिमत्ता सांस्कृतिक विशेषताओं से युक्त अभिव्यक्तियों का गलत अर्थ निकाल सकती है।
  • डिजिटल विभाजन: ग्रामीण एवं जनजातीय क्षेत्रों में उपकरणों या इंटरनेट कनेक्टिविटी की सीमित पहुँच समावेशी डिजिटलीकरण में बाधा उत्पन्न करती है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.